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मुख्य सचिव ने की प्रमुख पेयजल एवं सिचांई परियोजनाओं की समीक्षा


जयपुर, 26 जुलाई। मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा ने कहा कि महत्वाकांक्षी परवन सिंचाई परियोजना का कार्य दिसम्बर, 2023 में पूर्ण कर लिया जाएगा और किसानों को सिंचाई के लिए भरपूर पानी उपलब्ध होगा। श्रीमती शर्मा मंगलवार को शासन सचिवालय में अपने कक्ष में जल संसाधन, इंदिरा गांधी नहर परियोजना विभाग एवं सिंचित क्षेत्र विकास विभाग की बजट घोषणाओं की क्रियान्विति की समीक्षा कर रही थीं।

श्रीमती शर्मा ने बताया कि जल संसाधन विभाग द्वारा बांधों के पुनर्वास, आधुनिकीकरण एवं निर्माणों द्वारा प्रदेश की आमजनता एवं किसानों को पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 503 करोड़ रूपये की लागत से 18 बांधों का पुनर्वास एवं आधुनिकीकरण का कार्य किया जा रहा है। इनमें से 7 बांधों के कार्यादेशजारी हो गए हैं। श्रीमती शर्मा ने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को शेष 9 बांधों के पुर्नवास एवं आधुनिकीकरण के कार्य में गति लाने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने प्रमुख सिंचाई परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि कि झालावाड़ एवं बारां जिले के किसानों के लिए परवन सिचांई परियोजना एक वरदान साबित होगी। इस परियोजना का कार्य दिसम्बर, 2023 तक पूर्ण कर लिया जाएगा। श्रीमती शर्मा ने कहा कि ईसरदा बांध परियोजना से दौसा, सवाई-माधोपुर आदि क्षेत्रों को पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित होगी। उन्होंने ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजक्ट की वर्तमान स्थिति की समीक्षा की और इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

श्रीमती शर्मा ने इन्दिरा गांधी नहर परियोजना की समीक्षा करते हुए कहा कि परियोजना से लगभग 2 करोड़ लोगों को पानी उपलब्ध कराया जा रहा है और 6 जिलों को लाभान्वित किया जा रहा है। वहीं, बीसलपुर बांध परियोजना से एक करोड़ लोगों को पानी उपलब्ध कराया जा रहा है।

बैठक में जल संसाधन विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री आनंद कुमार ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से परियोजनाओं कीे प्रगति के बारे में अवगत कराया।

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