मुख्य सचिव ने ली विभिन्न विभागों की समीक्षा बैठक : अनुसूचित जाति - अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत देय राहत राशि के लंबित प्रकरणों का हो शीघ्र निस्तारण - मुख्य सचिव
जयपुर, 25 जनवरी। मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य ने अधिकारियों को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत देय राहत राशि के लंबित प्रकरणों को शीघ्र निस्तारित करने के निर्देश दिए। श्री आर्य सोमवार को शासन सचिवालय में संभागीय आयुक्त, रेंज आईजी, पुलिस कमिश्नर, जिला कलेक्टर और जिला पुलिस अधीक्षकों की वीसी के माध्यम से बैठक ले रहे थे।
श्री आर्य ने बैठक में जल जीवन मिशन के तहत चल रहे कायोर्ं की जिले वार प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने बजट घोषणा की पालना में 5 हजार डेयरी बूथ खोलने की योजना के संबंध में अधिकारियों को शीघ्र लक्ष्य तक पहुंचने के निर्देश दिए। उन्होंने कलेक्टरों को पंचायत समिति स्तरीय नंदी शालाओं की स्थापना के निर्देश दिए ताकि आवारा पशुओं के कारण खेती बर्बादी के साथ-साथ दुर्घटनाएं, जनधन एवं गौवंश की भी हानि नही हों। उन्होंने जिला कलेक्टरों को निर्देश दिये की ऎसे पोर्टल या एप का निर्माण करें जिनसे योग्य उपभोक्ताओं को उसका वास्तविक लाभ मिल सके।
बैठक में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने बताया कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के व्यक्तियों पर गैर अनुसूचित जाति और जनजाति के व्यक्तियों द्वारा अत्याचार करने पर पीड़ित को 47 प्रकार के प्रकरणों में अधिकतम 8.25 लाख रूपये तक की राहत राशि प्रदान किये जाने का प्रावधान है।
वर्चुअल बैठक में खाद्य विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री नवीन जैन, पशुपालन विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रीमती आरुषी मलिक, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के शासन सचिव श्री समित शर्मा, जल जीवन मिशन के मिशन निदेशक श्री प्रकाश राजपुरोहित, सभी जिलों के संभागीय आयुक्तों एंव जिला कलेक्टर्स ने विडीयो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से भाग लिया।
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