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कृषि विपणन विभाग की समीक्षा बैठक : किसानों को जागरूक कर मंडियों में ई-पेमेंट को बढ़ावा दें - मुख्यमंत्री


जयपुर, 24 जनवरी। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि कृषि उपज की कीमतों को ज्यादा प्रतियोगी बनाने के लिए मंडियों में ऑनलाइन व्यापार को बढ़ावा दें और ई-पेमेंट को प्रोत्साहित करें। उन्होंने कहा कि किसानों को ई-पेमेंट के फायदों की जानकारी होगी, तो वे स्वयं आगे बढ़कर इसे अपनाएंगे। उन्होंने इसके लिए किसानों को जागरूक करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

श्री गहलोत सोमवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कृषि विपणन विभाग की बजट घोषणाओं एवं विभागीय योजनाओं की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि उत्पादों का मूल्य संवर्धन करने एवं किसानों को उपज की उचित कीमत दिलाने के लिए आधारभूत संरचना का विकास जरूरी है। उन्होंने कहा कि इसके लिए काश्तकारों को ई-पेमेंट वाली सफलतम मंडियों की विजिट कराई जाए। साथ ही, कृषि विपणन विभाग पायलट प्रोजेक्ट के तहत मंडियों का चयन कर किसानों को जागरूक करे और मंडी विशेष को शत-प्रतिशत ई-पेमेंट आधारित बनाने के लिए अभियान चलाएं।

स्वतंत्र मंडियों के गठन की प्रक्रिया में तेजी लाएं

श्री गहलोत ने कहा कि केन्द्र सरकार के कृषि कानूनों को वापस लेने के बाद अब नई स्वतंत्र मंडियों के गठन की प्रक्रिया को चरणबद्ध रूप से तेजी से आगे बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा कि मंडी शुल्क एवं अन्य दरों में किसी प्रकार के संशोधन के सम्बन्ध में निर्णय लेने से पहले हितबद्ध समूहों से विस्तृत चर्चा की जाए।

प्रसंस्करण इकाइयां लगाने के लिए आसानी से मिले लोन

मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति-2019 काश्तकारों के खेत में ही कृषि उत्पादों का प्रसंस्करण कर मूल्य संवर्धन के माध्यम से उनकी आय बढ़ाने के लिए शुरू की गई थी। इस नीति के उद्देश्य को पूरा करने के लिए किसानों को प्रसंस्करण इकाइयां लगाने के लिए बैंकों से आसानी से लोन दिलवाना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने हर जिले में एक-एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति करने को कहा। यह नोडल अधिकारी किसानों को तकनीकी और वित्तीय सहायता दिलवाने में मदद करेंगे।

कृषि मंत्री श्री लालचन्द कटारिया ने कहा कि मंडियों में ऑनलाइन व्यापार एवं ई-पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए किसानों को कार्यशालाओं के माध्यम से एवं इस मॉडल की सफल मंडियों का भ्रमण कराकर जागरूक करना चाहिए। उन्होंने फल-सब्जी मंडियों में आने वाले काश्तकारों के लिए भोजन व्यवस्था की आवश्यकता जताई।

सहकारिता मंत्री श्री उदयलाल आंजना ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाकर उन्हें आर्थिक आत्मनिर्भर बनाने के लिए लगातार नवाचार करने चाहिए। कृषि विपणन राज्य मंत्री श्री मुरारीलाल मीणा ने कहा कि किसानों को उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए विभाग द्वारा ऑनलाइन व्यापार एवं कृषि प्रसंस्करण को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसके लिए किसानों को जागरूक करना आवश्यक है।

कृषि विपणन विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री दिनेश कुमार ने विभागीय प्रगति का प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने बताया कि राज्य की 145 कृषि उपज मंडियों में से 144 को ई-नाम से जोड़ दिया गया है और हनुमानगढ़ मंडी की डीपीआर बनाकर प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भिजवा दिया गया है। ई-पेमेंट को प्रोत्साहित करने के लिए मंडियों में आईटी सिस्टम को मजबूत किया जा रहा है। 

उन्होंने बताया कि कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति-2019 के तहत कृषि प्रसंस्करण इकाइयों तथा आधारभूत संरचनाओं के 477 प्रकरणों में 165 करोड़ रूपए अनुदान स्वीकृत किया गया है, जिनमें से 127 इकाइयां किसानों ने स्थापित की हैं, जिन्हें 48 करोड़ रूपए का अनुदान दिया गया है। कृषि विपणन विभाग के आयुक्त श्री सोहनलाल शर्मा ने बताया कि मंडियों में ई-पेमेंट का बढ़ावा देने के लिए किसान उपहार योजना शुरू की गई है। किसानों को पुरस्कार राशि देने के लिए लगभग 4 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। 

बैठक में मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य तथा कृषि एवं विपणन विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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