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आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर कार्यक्रम : तनाव एवं हिंसा के माहौल में शांति एवं सद्भाव की भावना को मजबूत करने की जरूरत - मुख्यमंत्री


जयपुर, 20 जनवरी। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि आज देश में तनाव एवं हिंसा का माहौल है। ऎसे में शांति, सद्भाव एवं भाईचारे की भावना को मजबूत बनाने की जरूरत है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बताए सत्य एवं अहिंसा के मार्ग पर चल कर ही आज समाज एवं देश को आगे बढ़ा सकते हैं।

श्री गहलोत गुरूवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से ’आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर’ कार्यक्रम के राष्ट्रीय स्तर पर शुभारंभ समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जब हम सभी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं तो राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं पंडित नेहरू को याद करें। सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद, तिलक, गोखले सहित सैंकड़ों महापुरूषों एवं ज्ञात अज्ञात शहीदों को याद करें, जिन्होंने इस देश को आजादी दिलाई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि त्याग और बलिदान से जो आजादी हमें मिली है उसे याद करने का इससे अच्छा मौका कोई और नहीं हो सकता। दादी डॉ. रतन मोहिनी जी के सान्निध्य में आजादी का अमृत महोत्सव मनाने के लिए प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय, माउंट आबू साधुवाद का पात्र है।

उन्होंने कहा कि आजादी के बाद पिछले 74 सालों में इस देश ने तरक्की की है। विज्ञान एवं तकनीकी सहित हर क्षेत्र में उसका आज दुनिया लोहा मानती है। हमारी एक अलग पहचान कायम हुई। उन्होंने कहा कि वसुधैव कुटुम्बकम एवं जगत की जय हो हमारी संस्कृति के मूल में है। हमारे संस्कार, संस्कृति एवं परंपराएं महान हैं। इसी सांस्कृतिक धरोहर को हमें हमारी नई पीढ़ी तक पहुंचाना है, क्योंकि आज की नई पीढ़ी ही भविष्य की कर्णधार है।

श्री गहलोत ने कहा कि नई पीढ़ी में भारतीय मूल्यों को मजबूत करने का जो कार्य प्रजापिता ईश्वरीय विश्वविद्यालय के माध्यम से किया जा रहा है वह सराहनीय है। उन्होंने कहा कि वर्षभर तक 4 हजार सेवा केन्द्रों के माध्यम से विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन से देश की गौरवशाली संस्कृति एवं इतिहास की जानकारी आमजन तक पहुंचाने में मदद मिलेगी।

कार्यक्रम का आगाज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वर्चुअल माध्यम से 7 प्रमुख कार्यक्रमों का शुभारंभ कर किया। 

कार्यक्रम में लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिड़ला, राज्यपाल श्री कलराज मिश्र, गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र भाई पटेल, केन्द्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जी किशन रेड्डी, केन्द्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्री श्री भूपेन्द्र यादव, केन्द्रीय मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल एवं कैलाश चौधरी, दादी रतन मोहिनी, राजयोगिनी बीके मोहिनी एवं अन्य गणमान्य जन उपस्थित थे।

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