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नववर्ष की शुरुआत, नवाचार के साथ अब पोर्टेबल वेइंग मशीन से होगा ओवरलोड वाहनों का वजन - प्रदेश के 7 प्रादेशिक परिवहन कार्यालय के उड़नदस्तों को मिली 104 मशीनें


जयपुर, 3 जनवरी। परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग, राजस्थान ने नववर्ष 2022 की शुरुआत नवाचार के साथ की है। अब ओवरलोड वाहनों के वजन की जांच करने के लिए विभाग के उड़नदस्तों को धर्मकांटे तक नहीं जाना होगा। अब जिस स्थान पर उड़नदस्ते खड़े होंगे, उसी जगह वे पोर्टेबल वेइंग मशीन के जरिये वाहनों का वजन कर सकेंगे। नववर्ष के पहले कार्य दिवस पर ही विभाग द्वारा प्रदेश के 7 प्रादेशिक परिवहन कार्यालयों में वेइंग मशीनें उपलब्ध करा दी गई हैं।

बजट घोषणा वर्ष 2021-22 की अनुपालना में यह पहल ओवरलोड वाहनों पर प्रभावी नियंत्रण कर सड़क सुरक्षा के लिए कारगार साबित होगी। सोमवार को परिवहन मुख्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये मशीन से संबंधित विशेषज्ञ द्वारा प्रादेशिक, जिला परिवहन अधिकारियों और निरीक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया। इसके बाद सातों कार्यालयों में वेंडर टीम के विशेषज्ञों द्वारा उड़नदस्तों को वेइंग मशीन के इस्तेमाल करने की पूरी प्रक्रिया कराई गई। प्रशिक्षण कार्यक्रम में अतिरिक्त परिवहन आयुक्त श्री आकाश तोमर, श्री महेंद्र खींची ने भी आरटीओ, डीटीओ और निरीक्षकों को वेइंग मशीन की जानकारी दी।

पहले चरण में विभाग के 7 प्रादेशिक परिवहन कार्यालयों (आरटीओ) में 104 पोर्टेबल वेइंग मशीनें उड़नदस्तों को उपलब्ध कराई गई हैं। इनमें जयपुर, दौसा, अलवर, भरतपुर, सीकर, जोधपुर और बीकानेर आरटीओ शामिल हैं। इसी माह शेष 5 आरटीओ में भी मशीनें उपलब्ध हो जाएगी। कुल 179 मशीनें दी जानी हैं। इनके आने से वजन करने में आसानी होने के साथ ही अधिक पारदर्शिता आयेगी।

इस पोर्टेबल वेइंग मशीन की लंबाई-चौड़ाई सिर्फ 3 बाय 2 फीट ही है। यह एक अटैची में रखी होती है। इसे उड़नदस्ते निरीक्षण के दौरान अपने वाहन में आसानी से ले जा सकते है। इस मशीन में दो वेइंग पैड और एक एलईडी स्क्रीन (वेइंग इंडीकेटर) है। दोनों वायरलेस के जरिए आपस में जुड़े है। दोनों पैड को सड़क किनारे समतल जगह बिछाकर वजन किया जायेगा। जब भार वाहन के सभी एक्सल वेइंग मशीन से गुजरेंगे, तो इंडीकेटर के जरिये कुल वजन का प्रिंट निकल जायेगा। यह ऑटो मोड पर भी काम करेगी, जिसमें प्रिंट तभी ही निकलेगा जब वाहन ओवरलोड होगा। मशीनों में तकनीकी सुधार और निरंतर रख-रखाव के लिए हर जिले में मशीन वेंडर की ओर से इंजीनियर्स लगाये गये हैं।

मशीनों का इंश्योरेंस और सार-संभाल तीन वर्ष तक वेंडर कंपनी की ओर से ही किया जायेगा। साथ ही राजस्थान सरकार के विधिक माप विज्ञान विभाग (लीगल मेट्रोलॉजी डिपार्टमेंट) द्वारा इनका हर वर्ष जांच और सत्यापन भी वेंडर द्वारा ही कराया जायेगा।

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