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सहकारी फसली ऋण वितरण के लक्ष्य को 23500 करोड़ रूपये करने के प्रयास किए जाएंगे, पैक्स कम्प्यूटराईजेशन के पायलट प्रोजेक्ट की शुरूआत हनुमानगढ़ जिले से की जाएगी


- सहकारी बैंकों में गबन को आर्थिक अपराध की श्रेणी में लिया जाएगा

- सहकारी समितियों में गोदाम निर्माण एक ही प्रारूप में बनाए जाए

जयपुर, 23 दिसम्बर। सहकारिता मंत्री श्री उदय लाल आंजना ने कहा कि राज्य के अधिक से अधिक किसानों को सहकारी फसली ऋण के दायरे में लाने के लिए फसली ऋण का लक्ष्य 23 हजार 500 करोड रुपये करने का प्रयास किया जाएगा। उन्हाेंने कहा कि इस वर्ष फसली ऋण वितरण का लक्ष्य 16 हजार करोड से बढ़ाकर 18 हजार 500 करोड रुपये किया गया है, और अब तक 13 हजार 878 करोड रुपये का ऋण वितरित हो चुका है। उन्होंने निर्देश दिये कि 31 जनवरी, 2022 तक अधिकतम ऋण वितरण हो जाना चाहिए।

श्री आंजना गुरूवार को शासन सचिवालय में आयोजित विभागीय समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कृषि उपज मण्डियो, आर.सी.डी.एफ एवं राजफैड की जमा पूंजी को सहकारी बैंको में जमा कराने के लिए उच्च स्तर पर निर्णय कराया जाएगा, ताकि बैंको में तरलता बढ़ सके तथा अधिक किसानों को ऋण वितरण भी हो सके। सहकारिता मंत्री ने पैक्स कम्प्यूटराईजेशन पर जोर देते हुए कहा कि सभी ग्राम सेवा सहकारी समितियों को एक ही सॉफ्टवेयर से जोड़कर प्रणाली में पारदर्शिता स्थापित की जा सके। उन्होंने कहा कि पैक्स कम्प्यूटराईजेशन के पायलट प्रोजेक्ट की शुरूआत हनुमानगढ़ जिले से की जाए।

सहकारिता मंत्री ने कहा कि सहकारी बैंकों में की कार्यप्रणाली और सुचारू बनाने के लिए कार्मिकों की और भर्ती की जाए। उन्होंने जिन बैंकों में फसली ऋण वितरण की गति धीमी है उसमें तेजी लाने के निर्देश दिए। श्री आंजना ने कहा कि किसान बीमा से वंचित नहीं होना चाहिए, इसकी पुख्ता व्यवस्था की जाए तथा क्लेम का भुगतान समय पर हो, इसकी समीक्षा की जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि गोदामों की प्रीकास्ट बनाई जाए ताकि सहकारी समितियों मे गोदामों का निर्माण एक ही प्रारूप हो सके, जिससे समितियों में बनने वाले गोदामों की गुणवत्ता एवं पहचान निर्धारित हो सके।

प्रमुख शासन सचिव, सहकारिता श्री दिनेश कुमार ने कहा कि सहकारी बैंकों में गबन एवं धोखाधड़ी के मामलों को आर्थिक अपराध की श्रेणी में लिया जाएगा। भरतपुर सहकारी बैंक में एफडी के तहत हुई गडबड़ी को एसओजी में जांच हेतु भिजवाया गया है। इस मामले की तफ्तीश में तेजी के लिए गृह विभाग को लिखा जाएगा। श्री कुमार ने कहा कि मछली पालन करने वालो को भी केसीसी लोन दिया जाएगा ताकि ऎसे परिवारों की इस कार्य के लिए जरूरतें पूरी करे सके। उन्होंने निर्देश दिए कि नए किसानों को समय पर लोन वितरण किया जाए ताकि खेती किसानी में परेशानी ना हो। उन्होंने निर्देश दिए कि ऋण वितरण के ऑनलाइन पंजीयन के पोर्टल पर किसानों का भूमि विवरण को भी अपलोड किया जाए तथा कस्टम हायरिंग का कार्य करने वाली जीएसएस को ऎप पर जोड़ा जाए।

रजिस्ट्रार सहकारिता श्री मुक्तानंद अग्रवाल ने कहा कि प्रशासन गांव के संग अभियान में 2 लाख नए किसानों के लक्ष्य के विरूद्ध 2.57 लाख किसानों को फसली ऋण से जोड़ा गया है। 117 नई ग्राम सेवा सहकारी समितियाें बनी है। जिससे करीब 1.75 लाख लोगों को जोड़ा है। डिफाल्टर किसानों को 224 करोड़ का ऋण वितरण किया गया है। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता भंडारों से सरकारी विभागों द्वारा की जा रही खरीद की सीमा को आरटीपीपी एक्ट में संशोधन हेतु लिखा जाएगा। रजिस्ट्रार ने कस्टम हायरिंग सेन्टर एवं गोदाम निर्माण की प्रगति से भी अवगत कराया।

प्रबंध निदेशक राजफैड श्रीमती सुषमा अरोड़ा ने खरीद की प्रगति से अवगत कराया। बैठक में संयुक्त शासन सचिव श्री नारायण सिंह, एमडी एसएलडीबी श्री विजय शर्मा, एमडी अपेक्स बैंक श्री बिजेन्द्र राजोरिया, एमडी कॉनफैड श्री वी.के. वर्मा, सभी अतिरिक्त खंडीय रजिस्ट्रार, संबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

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