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नागौर के निम्बोला बिश्वां गांव में प्रशासन गांवों के संग अभियान शिविर : अंतिम छोर तक सुशासन की दिशा में अहम कदम प्रशासन गांव के संग अभियान - मुख्यमंत्री


जयपुर, 22 अक्टूबर। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा है कि राज्य सरकार की मंशा है कि लोगों के काम स्थानीय स्तर पर ही हों तथा इनके लिए उन्हें दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़े। इस भावना के साथ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती 2 अक्टूबर से ‘प्रशासन गांवों के संग‘ एवं ‘प्रशासन शहरों के संग‘ अभियान की शुरूआत की गई है। इन अभियानों के शिविरों में गरीब, पिछड़े, वंचितों, महिलाओं सहित तमाम जरूरतमंद लोगों को कैसे अधिकाधिक राहत मिले, यह भाव सभी अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों का होना चाहिए।

श्री गहलोत शुक्रवार को नागौर जिले के निम्बोला बिश्वां गांव में आयोजित प्रशासन गांवों के संग अभियान शिविर में उपस्थित ग्रामीणों को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने शिविर में सभी 22 विभागों के स्टॉल्स पर जाकर अधिकारियों एवं कर्मचारियों से किए जा रहे कामों की जानकारी ली। उन्होंने ग्रामवासियों से संवाद कर उनकी समस्याओं को जाना। साथ ही अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे पूरी निष्ठा एवं सेवा भाव के साथ मौके पर ही लोगों की समस्याओं का निराकरण कर उन्हें राहत पहुंचाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि संवेदनशील, पारदर्शी एवं जवाबदेह सुशासन की दिशा में ये अभियान राज्य सरकार का महत्वपूर्ण कदम हैं। इनके जरिए अधिकारी उन लोगों तक भी पहुंचें जो जानकारी के अभाव में कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाने से अब तक वंचित थे।

श्री गहलोत ने इस अवसर पर प्रदेशवासियों को इलाज के खर्च से मुक्ति प्रदान करने के लिए लाई गई महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना, रीट आदि प्रतियोगी परीक्षाओं में अभ्यर्थियों को निशुल्क बस यात्रा सुविधा, बीते दिनों हुई बेमौसमी बारिश से किसानों को राहत देने के लिए विशेष गिरदावरी, कोरोना के कुशल प्रबंधन जैसे कल्याणकारी निर्णयों, योजनाओं एवं कार्यक्रमों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के सभी फैसले समाज के जरूरतमंद तबकों को लाभ देने के उद्देश्य से लिए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने इस दौरान नागौर जिले के पादूकलां गांव में गत माह एक नाबालिग बालिका की दुष्कर्म के बाद हत्या के प्रकरण में अभियुक्त को फांसी देने के अदालत के निर्णय का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि राजस्थान एकमात्र ऎसा राज्य है जहां सरकार ने थानों में परिवादों के अनिवार्य पंजीकरण की नीति लागू की है। इससे दर्ज प्रकरणों की संख्या भले ही बढ़ी हो लेकिन हमारी सरकार ने पीड़ित को न्याय दिलाना सुनिश्चित किया है। श्री गहलोत ने कहा कि जघन्य अपराधों की मॉनीटरिंग के लिए किए गए विशेष प्रयासों से ऎसे मामलों की तफ्तीश में कम समय लग रहा है और अपराधियों के खिलाफ जल्द फैसले हो रहे हैं।

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सी. पी. जोशी ने कहा कि कल्याणकारी योजनाओं का लाभ गांव-ढाणी में बसे लोगों तक पहुंचाने के जिस उद्देश्य से सरकार ने प्रशासन गांवों के संग अभियान की शुरूआत की है, वह निश्चय ही सराहनीय है। उन्होंने कहा कि संसदीय लोकतन्त्र के पीछे हमारे संविधान निर्माताओं की मंशा थी कि सभी वर्गों का समान विकास हो तथा सरकार की नीतियां, योजनाएं एवं कार्यक्रम जरूरतमंद लोगाें के कल्याण को केन्द्र बिन्दु में रखते हुए संचालित किए जाएं। इस दिशा में ऎसे शिविरों से संसदीय लोकतन्त्र को भी मजबूती मिलेगी।

राजस्व मंत्री एवं नागौर के प्रभारी श्री हरीश चौधरी ने कहा कि देश में पंचायतीराज व्यवस्था की शुरूआत का गौरव नागौर जिले को प्राप्त है। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने प्रशासन गांवों के संग अभियान शिविर के अवलोकन के लिए सबसे पहले नागौर जिले को चुना है। यह दर्शाता है कि राज्य सरकार ग्राम स्वराज के संकल्प को केन्द्र बिन्दु मानकर पूरी इच्छाशक्ति एवं सोच के साथ आगे बढ़ रही है।

शिक्षा राज्यमंत्री श्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा कि बीते करीब पौने तीन साल में मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में समाज के सभी वर्गों के कल्याण के लिए एक से बढ़कर एक योजनाएं शुरू की गई हैं। विषम परिस्थिति में भी कोरोना का जैसा बेहतरीन प्रबंधन राजस्थान में हुआ वह अन्य राज्यों के लिए भी मिसाल बन गया है। मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में 5 लाख रूपए तक का निशुल्क उपचार, 5 हजार की आबादी तक अंग्रेजी माध्यम के सरकारी विद्यालय, किसानों के लिए अलग बजट जैसे फैसले दर्शाते हैं कि जिस अपेक्षाओें के साथ प्रदेश की जनता ने मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत को राजस्थान का नेतृत्व साैंपा था, उस पर सरकार खरी उतरी है।

पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री अजय माकन ने कहा कि प्रशासन गांवों के संग अभियान आमजन की समस्याओं को दूर करने की दिशा में राजस्थान सरकार का नायाब और बेहतरीन कार्यक्रम है। देश के किसी अन्य राज्य में इससे बेहतर ऎसा कल्याणकारी कार्यक्रम नहीं हुआ जहां 22 विभागाें के अधिकारी-कर्मचारी गांव-ढ़ाणी तक पहुंचकर धरातल तक जरूरतमंद वर्गों को लाभ पहुंचा रहे हैं। श्री माकन ने कहा कि जमीनी स्तर पर काम होने से इस अभियान के प्रति लोगों में अच्छा उत्साह दिखाई दे रहा है। इसके पीछे मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की प्लानिंग एवं उनकी मेहनत साफ दिखाई देती है।

विधायक श्री विजयपाल मिर्धा एवं पूर्व विधायक श्री रिछपाल मिर्धा ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर पूर्व मंत्री नसीम अख्तर इंसाफ तथा पूर्व विधायक श्री जाकिर हुसैन गैसावत, संभागीय आयुक्त डॉ. वीणा प्रधान, पुलिस महानिरीक्षक श्री एस. सेंगाथिर, जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र सोनी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।

मुख्यमंत्री ने शिविर में चिरंजीवी योजना के दो लाभार्थियों शोभा देवी तथा मोहन सिंह से भी बातचीत की। इन दोनों का चिरंजीवी योजना में निशुल्क ऑपरेशन किया गया है। मोहन सिंह की बाईपास सर्जरी तथा शोभा देवी की नस ब्लॉक को दूर करने की शल्य चिकित्सा में होने वाला तीन-तीन लाख रूपये से अधिक का व्यय बीमा में निशुल्क कवर हुआ है। 

श्री गहलोत ने शिविर में विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को चैक एवं प्रमाण पत्र प्रदान किए। उन्होंने आपसी सहमति से तीन परिवारों के बीच पीढ़ियों से चल रहे शामलाती खाते के विवाद का समझाइश के माध्यम से सहमति बंटवारा पत्र प्राप्त करने वाले परिवारों से भी बातचीत की।

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