स्थानीय प्रजातियों के अनुरूप पौधारोपण को दिया जाए बढ़ावा
- वन एवं पर्यावरण मंत्री ने श्रीगंगानगर में ली अधिकारियों की बैठक
- आमजन में वितरित किए घर-घर औषधि योजना के औषधीय पौधे
जयपुर, 20 सितंबर। वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री सुखराम बिश्नोई ने कहा है कि वन विभाग के अधिकारी परिस्थितियों के मद्देनजर जिले में स्थानीय प्रजातियों के पौधारोपण को बढ़ावा देते हुए पूर्व में लगाए गए पौधों को संरक्षित और सुरक्षित रखने के प्रयास करें।
वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री सुखराम बिश्नोई सोमवार सुबह श्रीगंगानगर में आयोजित विभागीय बैठक में अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने घर-घर औषधि योजना के पहले चरण की अभी तक की प्रगति की समीक्षा करते हुए दूसरे चरण की तैयारी के बारे में जानकारी ली। वन्यजीवों के शिकार प्रकरण में आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश देते हुए वन मंत्री ने पूर्व में किए गए पौधरोपण के संबंध में भी अधिकारियों को निर्देशित किया।
मंत्री ने कहा कि नए पौधे लगाने के साथ-साथ पूर्व में किए गए पौधरोपण को भी संरक्षित और सुरक्षित रखने के हर संभव प्रयास किए जाएं। उन्होंने नहरी और टिब्बा क्षेत्रों में स्थानीय प्रजातियों के अनुरूप पौधारोपण करने के निर्देश दिए।
इससे पूर्व, वन मंत्री श्री विश्नोई ने जिले की नर्सरियों का निरीक्षण करते हुए घर-घर औषधि योजना के तहत तैयार किए जा रहे औषधीय पौधों को देखा। औषधीय पौधों के साथ-साथ उन्होंने उप वन संरक्षक श्री आशुतोष ओझा से विभागीय पौधारोपण की जानकारी भी प्राप्त की। इसके पश्चात वन मंत्री ने घर-घर औषधि योजना के औषधीय पौधे आमजन में वितरित किए। कार्यक्रम में वन मंत्री श्री विश्नोई ने आमजन से अपने-अपने घरों में तुलसी, कालमेघ, अश्वगंधा और गिलोय के पौधे लगाकर इनका संरक्षण और संवर्धन करते हुए वैद्य की सलाह से इनके उपयोग का आह्वान किया।
इस अवसर पर वन विभाग के अधिकारी और रेंजर सहित अन्य मौजूद रहे।
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