साढ़े बाइस लाख परिवारों तक पहुंचे घर-घर औषधि योजना के औषधीय पौधे
- वन विभाग करवा रहा है निःशुल्क वितरण
- आमजन में योजना को लेकर जागरूकता बढ़ी
जयपुर, 6 सितंबर। मुख्यमंत्री द्वारा आरम्भ की गई घर-घर औषधि योजना के प्रति आमजन की जागरूकता बढ़ती जा रही है। इसी के परिणामस्वरूप योजना के तहत बीते एक माह में प्रदेश भर के साढ़े बाइस लाख परिवारों तक घर-घर औषधि योजना के पौधे पहुंचाए गए हैं।
अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक (मूल्यांकन एवं प्रबोधन) श्री मुनीश कुमार गर्ग ने बताया कि 6 सितंबर तक योजना के तहत प्रदेश भर में 22 लाख 52 हजार 593 किट्स वितरित की जा चुकी हैं। योजना के मूल्यांकन एवं प्रबंधन के लिए श्री गर्ग के नेतृत्व में गठित कमेटी द्वारा नियमित रूप से राज्य भर में वितरित किए जा रहे औषधीय पौधों की जानकारी वन विभाग के अधिकारियों से लेकर एकत्रित की जा रही है।
वन विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रीमती श्रेया गुहा ने बताया कि एक अगस्त से शुरू हुई घर-घर औषधि योजना के तहत अब तक प्रदेश भर के साढ़े बाइस लाख परिवारों तक औषधीय पौधे पहुंचाए जा चुके हैं। योजना के तहत आमजन को तुलसी, गिलोय, अश्वगंधा और कालमेघ के पौधे दिए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि पहले वर्ष प्रदेश के आधे परिवारों तक औषधीय पौधे पहुंचाने का लक्ष्य है। शेष परिवारों को आगामी वित्तीय वर्ष में औषधीय पौधे उपलब्ध करवाए जाएंगे। आगामी 5 वर्षों तक योजना प्रदेश में प्रभावी रहेगी।
श्रीमती गुहा ने बताया कि योजना के प्रति आमजन में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। पूरे प्रदेश में लोग उत्साहपूर्वक घर-घर औषधि योजना में मिलने वाले निःशुल्क औषधीय पौधे लेने के लिए पहुंच रहे हैं। प्रदेश के सभी जिलों में वन विभाग के अधिकारियों द्वारा नवाचार अपनाते हुए लोगों के घरों तक औषधीय पहुंचाए जा रहे हैं।
वन-बल प्रमुख डॉ. दीप नारायण पाण्डेय ने बताया कि औषधीय पौधे पहुंचाने के कार्य में वन विभाग के साथ-साथ अन्य विभाग भी उल्लेखनीय सहयोग दे रहे हैं। जिलों में जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित टास्क फोर्स द्वारा वितरित किए जा रहे औषधीय पौधों की बदौलत योजना को लेकर आमजन में जागरूकता बढ़ती जा रही है। उन्होंने बताया कि चारों औषधीय प्रजातियों के पौधे विभिन्न गुणों से परिपूर्ण हैं। आयुर्वेद विभाग और वैद्य की सलाह से औषधीय पौधों का उपयोग कर आमजन अपनी इम्यूनिटी बढ़ा सकते हैं। योजना का पहला चरण सितंबर में पूर्ण हो रहा है जबकि दूसरा चरण अक्टूबर माह में शुरू किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण के मद्देनजर वैद्य की सलाह से किया गया औषधीय पौधों का उपयोग बेहतर सिद्ध हो सकता है। औषधीय पौधों के इन्हीं गुणों को देखते हुए और औषधीय पौधों के संरक्षण की परंपरा को घर-घर तक पहुंचाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री ने इस योजना की शुरुआत की है, जिसके आमजन को दूरगामी परिणाम मिलेंगे।
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