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विधानसभा क्षेत्र पालीं मे पेयजल की कमी नहीं रहेगी, पेयजल समस्याओं के सम्बन्ध में आज ही जोधपुर रीजन के मुख्य अभियन्ता के साथ बैठक - जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री


जयपुर, 14 सितम्बर। जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री डॉ.बी.डी.कल्ला ने मंगलवार को विधानसभा में आश्वस्त किया कि विधानसभा क्षेत्र पाली में पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी। साथ ही उन्होंने यह भी आश्वस्त किया कि पाली जिले के अन्य विधायकों की भी पेयजल संबंधी समस्याओं के सम्बन्ध में आज ही जोधपुर रीजन के मुख्य अभियन्ता जो जयपुर में आये हुए है उनके साथ बैठक कर पेयजल व्यवस्था पर विचार किया जायेगा।

डॉ. कल्ला शून्यकाल में विधायक श्री ज्ञानचन्द पारख द्वारा पाली विधानसभा क्षेत्र के अधिकांश क्षेत्रों में पर्याप्त पेयजल आपूर्ति नहीं होने से उत्पन्न स्थिति के सम्बन्ध में रखे गये ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर अपना जवाब दे रहे थे।

उन्होंने बताया कि पाली जिले के जवाई बाँध आधारित शहरी एवं ग्रामीण पेयजल योजनाओं में वर्तमान में 96 घण्टे के अन्तराल पर जलापूर्ति की जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि आज दिनांक तक जवाई बांध में 961.10 एम.सी.एफ.टी जल उपलब्ध है तथा उसके सहायक सेई बाँध में 511.06 एम.सी.एफ.टी जल उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि प्रारम्भिक आंकलन के अनुसार जवाई बांध में उपलब्ध पेयजल माह दिसम्बर 2021 तक पर्याप्त रहेगा। इसके बाद जवाई बांध में डेड स्टोरेज पम्पिंग के माध्यम से जलापूर्ति प्रारम्भ की जायेगी। उन्होंने बताया कि नवम्बर माह में आकलन के बाद रेल द्वारा पानी परिवहन किया जायेगा। उन्होंने बताया कि रेल से पानी परिवहन में एक रेल में 50 डिब्बे तथा प्रत्येक डिब्बे में 50 हजार लीटर पानी के हिसाब से एक फेरे में 25 लाख लीटर पानी उपलब्ध हो सकेगा। इस प्रकार रेल के चार फेरे करने पर एक करोड़ लीटर पानी आयेगा जो पर्याप्त रहेगा।

इससे पहले डॉ. कल्ला ने अपने लिखित वक्तव्य में बताया कि पाली जिले में स्थित जवाई बांध में माह अक्टूबर, 2020 में उपलब्ध 6192 एम.सी.एफ.टी. जल में से सिचाई हेतु 4000 एम.सी.एफ.टी. जल आरक्षित करते हुए पेयजल के लिये कुल 2192 एम.सी.एफ.टी. जल आरक्षित किया गया था एवं मानसून 2021 में दिनांक 10 सितम्बर 2021 से 13 सितम्बर 2021 की अवधि में वर्षों से हुई जल आवक सम्मिलित करते हुए दिनांक 13 सितम्बर 2021 को मात्र 926 एम.सी.एफ.टी. जल ही शेष रहा है तथा इसमें से 600 एम.सी.एफ.टी डेड स्टोरेज है ।

उन्होंने बताया कि इस वर्ष क्षेत्र में अल्प वर्षा होने के कारण जवाई बांध में जल की आवक नगण्य रही है एवं इस कारणवश जवाई बांध पर आधारित 09 कस्बों एवं 550 ग्रामों में इस उपलब्ध जल से वर्ष पर्यन्त पेयजल आपूर्ति वर्तमान में किये जाने हेतु अपर्याप्त हैं।

उन्होंने बताया कि पाली जिले के समस्त समस्याग्रस्त कस्बों एवं ग्रामों में वैकल्पिक पेयजल आपूर्ति व्यवस्था हेतु रेल एवं सड़क परिवहन मार्ग से पेयजल परिवहन, नवीन भू-जल स्रोतों का निर्माण, विभिन्न बांधों में उपलब्ध जल का इन क्षेत्रों में परिवहन अथवा पाईप लाईन द्वारा वितरण इत्यादि कार्यों की स्वीकृति एवं इनका क्रियान्वयन वर्तमान में प्रक्रियाधीन है। जवाई बांध के 500 एम.सी.एफ.टी. डैड स्टोरेज को उपयोग में लिये जाने के लिये डेड स्टोरेज पम्पिंग करने की कार्यवाही भी वर्तमान में प्रक्रियाधीन हैं। इस प्रकार सम्पूर्ण जिले में सामान्य पेयजल आपूर्ति बनाये रखने हेतु विभाग द्वारा विभिन्न वैकल्पिक उपाय किये जा रहे हैं ।

डॉ. कल्ला ने बताया कि वर्ष 2002 में पाली जिले में अकाल की स्थिति में आपातकालीन परिस्थिति में कुड़ी हौद(जोधपुर) से रोहट के मध्य, पुराने एम. एस. पाईप लाकर बिछाये गये थे एवं उनके माध्यम से रोहट क्षेत्र में आंशिक जलापूर्ति बहाल की गई थी। इस वर्ष भी अल्प वर्षा होने के कारणवश जवाई बांध में सीमित मात्र में जल की उपलब्धता को दृष्टिगत रखते हुए उक्त पाईप लाईन की मरम्मत हेतु रुपये 97.00 लाख की योजना की स्वीकृति जारी कर आमंत्रित की गई निविदा दिनांक 16 सितम्बर 2021 को प्राप्त की जानी है। निविदा प्रक्रिया पूर्ण करते हुए कार्यादेश जारी किया। जाकर इसका क्रियान्वयन शीघ्र प्रारम्भ करना प्रस्तावित है।

जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री ने बताया की राजीव गांधी लिफ्ट नहर, फेज तृतीय परियोजना की आवश्यक स्वीकृति एवं क्रियान्वयन पश्चात् ही जोधपुर-पाली मारवाड़ इण्डस्टि्रयल कॉरिडोर हेतु पाईप लाईन के बारे में आवश्यक कार्यवाही संभव हो सकेगी ।

डॉ. कल्ला ने बताया कि बांकली बांध में वर्तमान में 3.56 एम.सी.एफ.टी. जल उपलब्ध है एवं उक्त बांध के समीप विभाग के दो खुदे कुएं स्थित हैं तथा इसके अतिरिक्त 3 निजी फुए भी विभाग द्वारा चिन्हित कर लिये गये हैं। इन कुओं के माध्यम से समीपस्थ स्थित ग्राम वायद एवं अन्य ग्रामों हेतु कार्य योजना बनाई जा रही है एवं तकनीकी परीक्षण अंतर्गत उपयुक्त पाई जाने पर पोकली बांध से पेयजल हेतु योजना के प्रस्ताव बनाने की कार्यवाही की जा सकेगी।

उन्होंने बताया कि बाणियावास एव जोगड़ावास बांध में वर्तमान में क्रमशः 83.31 एवं 44.83 एम. सी. एफ.टी. जल की उपलब्धता है तथा इस जल को पेयजल हेतु उपयोग में लेने के लिये कार्य योजना बनाई जा रही है। तकनीकी उपयुक्तता के आधार पर योजना की स्वीकृति जारी कर क्रियान्वयन पश्चात इन बांधों में उपलब्ध जल को पेयजल हेतु उपयोग में लिया जा सकेगा। इसी तरह खारड़ा बांध में मात्र 21.18 एम.सी.एफ.टी. जल ही उपलब्ध है तथा इस जल को जल परिवहन हेतुु उपयोग में लेने हेतु तकनीकी उपयुक्तता के आधार पर विचार किया जा सकेगा।

डॉ. कल्ला ने बताया कि पाली शहर के परम्परागत जल स्रोतों की सफाई नगर परिषद, पाली द्वारा कराये जाने के लिये विभाग द्वारा प्रयास किये जा रहे हैं तथा इन जल स्रोतों से उपलब्ध जल की विभागीय प्रयोगशाला में आवश्यक जांच पश्चात् उक्त जल के पेयजल हेतु उपयुक्त पाये जाने पर उपयोग में लिये जाने पर विचार किया जा सकेगा।

उन्होंने बताया कि जोधपुर से पाली एवं पुनः जोधपुर तक जाने में लगने वाले समय तथा रेल को भरने एवं खाली करने में लगने वाले समय के आकलन अनुसार रेल के 02 रैंक द्वारा अधिकतम कुल चार फेरे ही तकनीकी रूप से संभव है। भू-जल विभाग के भू-जल वैज्ञानिक द्वारा पाली जिले में सर्वेक्षण पश्चात् दी जाने वाली फिजिबिलिटी के आधार पर नवीन नलकूप एवं हैण्डपम्प इत्यादि जल स्रोत के निर्माण हेतु स्वीकृति जारी की जायेगी। उन्होंने बताया कि रोहट, पाली शहर एवं पाली जिले के अन्य क्षेत्रों में भी आवश्यकतानुसार जल परिवहन द्वारा पेयजल आपूर्ति किये जाने हेतु प्रस्तावों की स्वीकृति संबंधी कार्यवाही वर्तमान में प्रक्रियाधीन है।

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