राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय जोधपुर में प्रवेश के लिए 25 प्रतिशत आरक्षण राज्य के विद्यार्थियों को देंगे - उच्च शिक्षा राज्य मंत्री
जयपुर, 14 सितम्बर। उच्च शिक्षा राज्य मंत्री श्री भंवर सिंह भाटी ने मंगलवार को विधानसभा में आश्वस्त किया कि राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, जोधपुर में प्रवेश के लिए 25 प्रतिशत आरक्षण राज्य के विद्यार्थियों को देने के निर्देश दिये जायेंगे।
श्री भाटी शून्यकाल में विधायक श्री संयम लोढ़ा द्वारा सदन में शून्यकाल के दौरान राज्यों के विधि विश्व विद्यालयों की भांति राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय जोधपुर में प्रवेश के लिए राजस्थान के छात्रों को आरक्षण दिये जाने के संबंध में रखे गये ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर अपना जवाब दे रहे थे।
उन्होंने स्पष्ट किया कि इस संबंध में पूर्व में विधि विश्वविद्यलायों में राज्य के छात्रों को 25 प्रतिशत तक प्रवेश देने के निर्देश दिये गये है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में नियमों में संशोधन हेतु आवश्यक संशोधन के लिए विश्वविद्यालय को लिखा जायेगा। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सी.पी. जोशी द्वारा प्रवेश के लिए राज्य सरकार की ओर से निर्देश जारी किये जाने पर उच्च शिक्षा मंत्री ने आश्वस्त किया कि शीघ्र ही इस संबंध में विश्वविद्यालय को प्रवेश हेतु निर्देश जारी किये जायेंगे।
इससे पहले श्री भाटी ने इस संबंध में अपने लिखित वक्तव्य में बताया कि देश में राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों की स्थापना अखिल भारतीय स्वरूप में की गई थी तथा इनमें राज्य के निवासी विद्यार्थियों हेतु पृथक से आरक्षण की व्यवस्था नहीं थी। प्रदेश में राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय जोधपुर की स्थापना 1999 में किए जाने के समय भी इसका अखिल भारतीय स्वरूप ही रखा गया था। पश्चात्वर्ती अवधि में अनेक राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों में राज्य के निवासियों हेतु आरक्षण का प्रवधान कर दिया गया। जिन विधि विश्वविद्यालयों में प्रवेश दिया जा रहा है उनमें से तीन चौथाई से अधिक में स्टेट कोटा या राज्य के निवासी विद्यार्थियों के लिए आरक्षण का प्रावधान हो गया है।
उन्होंने बताया कि समय के साथ अन्य राज्यों के विधि विश्वविद्यालयों में स्टेट कोटा लागू होने के कारण राजस्थान के आवेदकों के लिए अवसर कम होते चले गए जिसके चलते विगत वर्षों से राज्य सरकार को लगातार राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, जोधपुर में राजस्थान के निवासी विद्यार्थियों के लिए स्टेट कोटा लागू करने के अभ्यावेदन प्राप्त हुए।
श्री भाटी ने बताया कि विधि एवं कार्मिक विभाग से राय प्राप्त कर राज्य सरकार द्वारा सक्षम स्तर पर यह नीतिगत निर्णय लिया गया कि राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, जोधपुर में राजस्थान के निवासी छात्रों के लिए 25 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया जाये। राज्य सरकार के इस निर्णय से राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, जोधपुर को पत्र दिनांक 14 मार्च 2018 द्वारा अवगत कराते हुए विश्वविद्यालय में राजस्थान के निवासी विद्यार्थियों के लिए 25 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किये जाने हेतु निर्देशित किया गया। इस संबंध में राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, जोधपुर ने विभाग को अवगत कराया कि आरक्षण संबंधी प्रस्ताव पर निर्णय लेने हेतु अकादमिक समिति की बैठक दिनांक 10 जुलाई 2018 को जस्टिस (मिस) मन्जू गोयल की अध्यक्षता में एक समिति गठित कर दी गई है। इस समिति ने अपनी रिपोर्ट विश्वविद्यालय को प्रस्तुत कर अनुशंषा की तथा तथ्यों के विश्लेषण से स्पष्ट है कि राजस्थान स्टेट डोमिशाईल स्टूडेण्ट्स देश के बाकी छात्रों की तुलना में मेघावी हैं। विधि विश्वविद्यालय, जोधपुर में प्रदेश के विद्यार्थियों के लिये सीटों का आरक्षण कमजोर वर्गों या कम प्रतिनिधित्व के लिए पर्याप्त समानता प्रदान करने की सकारात्मक कार्यवाही की अवधारणा के खिलाफ है। तदनुसार पिछड़ेपन के आधार पर राज्य के आरक्षण को उचित नहीं ठहराया जा सकता क्योंकि राजस्थान के छात्र न तो कमजोर हैं एवं न ही कम प्रतिनिधित्व करते हैं एवं राज्य आरक्षण के लिये अन्य आधार राज्य के हित भी यहां उल्लेखनीय नहीं होते हैं। उन्होंने कहा कि समिति यह महसूस करती है कि राजस्थान स्टेट डोमिशाईल स्टूडेण्ट्स को राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय जोधपुर में प्रवेश करने के लिए किसी भी आरक्षण की आवश्यकता नहीं है। समिति द्वारा इस संबंध में कुछ सुझाव भी प्रेषित किये गये।
उन्होंने बताया कि इस समिति की रिपोर्ट विश्वविद्यालय ने पत्र दिनांक 22.1.2021 द्वारा विभाग को प्रेषित करते हुए अवगत कराया कि प्रकरण को विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद में अंतिम निर्णय हेतु रखा गया एवं कार्यकारी परिषद के सदस्यों की राय थी कि कमेटी की रिपोर्ट का अध्ययन करने के लिए समय दिया जाना चाहिये। विभाग द्वारा समिति की रिपोर्ट को पत्र दिनांक 29.1.2021 के द्वारा श्री एन. एस. सिंघवी, महाधिवक्ता, राजस्थान उच्च न्यायालय, जयपुर को प्रेषित कर राजस्थान राज्य के मूल विद्यार्थियों के लिए राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, जोधपुर में 25 प्रतिशत स्टेट रिजर्वेशन कोटा निर्धारित करने के संबंध में विधिक राय चाही गई।
उच्च शिक्षा राज्य मंत्री ने बताया कि महाधिवक्ता ने अपने पत्र दिनांक 21.6.2021 द्वारा राय प्रदान की कि राजस्थान सरकार को राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, जोधपुर द्वारा संचालित विभिन्न पाठ्यक्रमों में राजस्थान के निवासियों को आरक्षण प्रदान करने के लिए कानून में प्रावधान करने का अधिकार है। इस प्रयोजन के लिए राज्य को विश्वविद्यालय के स्टेट्यूट संख्या 12 में संशोधन करने की आवश्यकता है जो कि राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, जोधपुर अधिनियम, 1999 का हिस्सा है। विधान सभा के माध्यम से एक कानून को पारित करने की आवश्यकता है। यदि चालू वर्ष के लिए इस तरह के आरक्षण को लागू किया जाना है, तो भारत के संविधान के अनुच्छेद 213 के तहत इस तरह के प्रावधान के लिए एक अध्यादेश लाया जाना है।
श्री भाटी ने बताया कि महाधिवक्ता द्वारा प्रदत्त उक्त विधिक राय के संदर्भ में यह उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, जोधपुर अधिनियम, 1999 की धारा 15 ’स्टेट्यूट्स की उपधारा (3) में स्पष्ट प्रावधान है कि विश्वविद्यालय के स्टेट्यूट्स में किसी भी प्रकार के संशोधन का अधिकार विश्वविद्यालय की एग्जीक्यूटिव कौंसिल को है। विधि विभाग द्वारा प्रदत्त की गई राय में भी यह अवगत कराया गया है कि अधिनियम के सलंग्न स्टेट्यूटस के कम संख्या 12 में आरक्षण का प्रावधान है जिसके अनुसार विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद को ही आरक्षण के संबंध में विनियम बनाने की शक्तियां है।
उन्होंने बताया कि विभाग के पत्र दिनांक 29.6ः2021 के द्वारा राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, जोधपुर को लिखा गया कि विश्वविद्यालय में प्रदेश के मूल निवासी विद्यार्थियों के लिए स्टेट कोटा निर्धारित करने तथा आरक्षण प्रावधान लागू करने हेतु विश्वविद्यालय के स्टेट्यूट संख्या 12 में आवश्यक संशोधन अपेक्षित है। विश्वविद्यालय अधिनियम की धारा 15 (3) व (4) के प्रावधानानुसार स्टेट्यूट्स में संशोधन का अधिकार विश्वविद्यालय की एग्जीक्यूटिव कौंसिल को है, अतः प्रकरण में आवश्यक कार्यवाही शीघ्र सम्पादित करने हेतु निवेदन किया गया तथा दिनांक 10.9.2021 को पुनः स्मरण पत्र प्रेषित किया गया है। उच्च शिक्षा मंत्री ने बताया कि राजस्थान के निवासी विद्यार्थियो के लिए 25 प्रतिशत आरक्षण का -प्रावधान किये जाने हेतु विश्वविद्यालय के स्टेट्यूट से 12 में संशोधन विश्वविद्यालय के स्तर पर किया जाना है।
उल्लेखनीय है कि पूर्व में वर्ष 2004 में विश्वविद्यालय ने अपने स्टेट्यूट संख्या 12 में संशोधन कर एस.सी एवं एस.टी. के विद्यार्थियों के लिये यू.जी एवं पी.जी. कोर्सेज में प्रवेश हेतु सीटें आरक्षित करने का अधिकार विश्वविद्यालय की एग्जीक्यूटिव कौंसिल को दिया था। तदनुरूप विश्वविद्यालय द्वारा एस.सी. एस.टी. को कमशः 15 एवं 7.5 प्रतिशत सीटें आरक्षित कर रखी हैं।
उन्होंने कहा कि यह भी उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, जोधपुर में पूजी एवं पीजी में कुल 664 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। उन्होंने बताया कि विगत सत्र 2020-21 में लगभग 25 प्रतिशत सीटों पर राजस्थान के मूल निवासी विद्यार्थियों का चयन हुआ है। विश्वविद्यालय ने अपने पत्र दिनांक 13.9.2021 द्वारा अपनी सहमति प्रदान कर दी है कि राज्य सरकार के निर्णयानुसार राजस्थान के निवासी विद्यार्थियों के लिये स्टेट कोटा निर्धारित करने के निर्णय की पालना करने हेतु प्रतिबद्ध है।
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