राजस्थान राजवित्तीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंध(संशोधन) विधेयक, 2021 ध्वनिमत से पारित
जयपुर, 17 सितम्बर। राज्य विधानसभा ने शुक्रवार को राजस्थान राजवित्तीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंध(संशोधन) विधेयक, 2021 ध्वनिमत से पारित कर दिया।
इससे पहले संसदीय मामलात मंत्री श्री शांती कुमार धारीवाल ने विधेयक पर हुई चर्चा के जवाब में बताया कि केन्द्र सरकार की नीतियों की वजह से देश का आर्थिक प्रबंधन बिगड़ गया है। फिर भी केन्द्र सरकार की तुलना में राज्य का बजट प्रबंधन काफी अच्छा है। वर्ष 2020-21 के बजट अनुमानों के अनुसार राजस्थान सरकार का राजकोषीय घाटा सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का 3.98 प्रतिशत है वहीं केन्द्र सरकार का राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 6 फीसदी से अधिक है। देश के हर नागरिक पर 1 लाख रुपए का कर्ज हो गया है। उन्होंने कहा कि राज्यों पर बढ़े ऋण भार के लिए सीधे तौर पर केन्द्र सरकार जिम्मेदार है। केन्द्र ने गत वर्षों में उदय योजना के तहत एक साथ 62 हजार करोड़ रुपए के कर्ज का भार राज्य सरकार पर डाल दिया।
श्री धारीवाल ने कहा कि केन्द्र सरकार की ओर से विभिन्न शर्तें लगाने की वजह से यह विधेयक लाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने विद्युत क्षेत्र में सुधार की शर्तों के साथ उधार सीमा जीएसडीपी की 3 फीसदी के अतिरिक्त 0.5 प्रतिशत बढ़ाने की अनुमति प्रदान की है। इन शर्तों के लिए कोई भी राज्य तैयार नहीं था, लेकिन फिर भी जबरदस्ती थोप दी गई। राज्यों को इन शर्तों को मानने के लिए बाध्य कर दिया। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने गत 4 अगस्त को केन्द्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमन को पत्र लिखकर विरोध दर्ज कराया था। उन्होंने पत्र में कहा था कि यह शर्तें राज्यों के हितों के अनुकूल नहीं है और उनके राजकोषीय घाटे में बढ़ोतरी करेंगी।
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