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कोरोना काल में सरकारी चिकित्सा व्यवस्थाओं ने जीता आमजन का विश्वास, लोग निजी अस्पतालों की बजाए सरकारी संस्थानों को देने लगे हैं प्राथमिकता - चिकित्सा मंत्री


जयपुर, 17 अगस्त। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि कोरोनाकाल में सरकारी चिकित्सा व्यवस्थाओं ने आमजन का विश्वास जीता है। यही वजह है कि अब लोग निजी अस्पतालों की बजाए सरकारी चिकित्सा संस्थानों की ओर रूख करने लगे हैं। राज्य सरकार भी प्रदेश के बड़े अस्पतालों से लेकर दूर-दराज में स्थित प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों के आधारभूत ढांचे को तेजी से मजबूत कर रही है।

डॉ. शर्मा ने मंगलवार को जयपुर के जेके लोन शिशु चिकित्सालय में कोरोना की संभावित तीसरी लहर से बचाव के लिए किए जा रहे कायोर्ं के निरीक्षण के दौरान यह बात कही। इस दौरान उन्होंने मेडिकल ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट, आईसीयू यूनिट, एचडीयू यूनिट व सीटी स्कैन मशीन का भी शुभारंभ किया।

चिकित्सा मंत्री ने बताया कि करीब तीन करोड़ रुपए मूल्य की सीटी स्कैन मशीन गोयनका परिवार के सहयोग से स्थापित की गई है। उन्होंने बताया कि इस मशीन के जरिए प्रतिदिन 10-15 सीटी स्कैन की जा रही है। इस मशीन की स्थापना से अन्य मरीजों के साथ कोरोना मरीजों को भी सुविधा मिल सकेगी।

डॉ.शर्मा ने यहां 20 बैड के एडवांस आईसीयू और 15 बैड के एचडीयू का भी शुभारंभ किया। इनके अलावा यहां 13 अतिरिक्त आईसीयू बैड की भी व्यवस्था की जाएगी। इस तरह अस्पताल में कुल 258 पीकू व 210 नीकू के बैड उपलब्ध हो सकेंगे। उन्होंने बताया कि एडवांस आईसीयू में वेंटिलेटर, मल्टीपेरा मॉनीटर एवं इन्फ्यूजन पंप की सुविधाएं उपलब्ध हैं। साथ ही अल्ट्रासाउंड मशीन व एक्स-रे मशीन के साथ अन्य अत्याधुनिक मशीनें भी उपलब्ध हैं।

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि 15 बैड की हाई डिपेन्डसी यूनिट को जरुरत के अनुसार आईसीयू में बदला जा सकता है। पूर्णतया वातानुकूलित इस यूनिट पर एंटी बैक्टीरियल कॉटिंग की गई है। उन्होंने बताया कि कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए 100 बैड की पीडियाट्रिक आईसीयू एवं 80 बैड की नियानेटल आईसीयू यूनिट भी प्रक्रियाधीन है।

चिकित्सा मंत्री ने इस दौरान मेडिकल ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट का भी शुभारंभ किया। उन्होंने बताया कि इस प्लांट के जरिए 50 सिलेंडर का प्रतिदिन उत्पादन किया जा सकेगा। इस प्लांट की स्थापना अमरीकन इंडिया फाउंडेशन ट्रस्ट व पेटीएम फाउंडेशन के सहयोग से की गई है। उन्होंने बताया कि जेडीए की ओर से भी 160 सिलेण्डर प्रतिदिन उत्पादन का प्लान्ट लगाया जा रहा है।

चिकित्सा मंत्री ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी के चलते मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। ऎसी स्थिति से बचने के लिए प्रदेश के 400 स्थानों पर मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट, ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर व अन्य सुविधाएं विकसित की जा रही हैं, जिससे करीब 1 हजार मेट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन का उत्पादन संभव हो सकेगा।

डॉ.शर्मा ने कहा कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर से सर्वाधिक बच्चे प्रभावित हो सकते हैं। ऎसे में प्रदेश के शिशु चिकित्सालयों को सुदृढ़ किया जा रहा है। नीकू, पीकू व एसएनसीयू के बैड्स की संख्या बढ़ाने के साथ आईसीयू यूनिट की भी स्थापना की जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के चयनित 332 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों को भी सुदृढ़ किया जा रहा है जिससे कि आमजन को स्थानीय स्तर पर ही चिकित्सा सुविधा मिल सके। इन सीएचसी में चार-पांच आईसीयू बैड की भी उपलब्धता होगी। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर में कोरोना की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए करीब 550 अतिरिक्त बैड्स की भी उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। 

इस दौरान चिकित्सा एवं शिक्षा सचिव श्री वैभव गालरिया, एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुधीर भंडारी, जेके लोन चिकित्सालय के अधीक्षक डॉ अरविन्द शुक्ला सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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