जलदाय मंत्री ने किया 'क्वालिटी एश्योरेंस एवं क्वालिटी कंट्रोल मैन्युअल' का विमोचन, पेयजल प्रोजेक्ट्स में कार्यों की गुणवत्ता को सर्वोच्च प्राथमिकता दें - जलदाय मंत्री
जयपुर, 6 जुलाई। जलदाय मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने प्रदेश में पेयजल परियोजनाओं के कार्यों में गुणवत्ता एवं पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए तैयार ’क्वालिटी एश्योरेंस एवं क्वालिटी कंट्रोल मैन्युअल’ का मंगलवार को जल भवन में विमोचन किया।
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए डॉ. कल्ला ने कहा कि राज्य सरकार का इस बात पर पूरा फोकस है कि प्रदेश में जल जीवन मिशन (जेजेएम) के तहत ग्रामीण पेयजल योजनाओं से लोगों को लम्बी अवधि तक बिना किसी बाधा के ’हर घर नल कनेक्शन’ के माध्यम से स्वच्छ पेयजल मिले, साथ ही यहां कराए जाने वाले कार्य दूसरे राज्यों के लिए भी नजीर बने। इसके लिए सभी अधिकारी टीम स्पिरिट से अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए कार्यों की क्वालिटी को सर्वोच्च प्राथमिकता दें, गुणवत्ता से किसी भी सूरत में किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जाए। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा पहली बार ’क्वालिटी एश्योरेंस एवं क्वालिटी कंट्रोल मैन्युअल’ इसी मंशा और सोच के साथ जारी किया गया है। अन्य विभागों की तरह जलदाय विभाग में भी इस प्रकार की पहल प्रशंसनीय है।
जलदाय मंत्री ने कहा कि इस मैन्युअल के प्रावधानों की फील्ड में अक्षरशः पालना कराने के लिए कनिष्ठ अभियंताओं से लेकर उच्च स्तर के अन्य अधिकारियों के विशेष ट्रेनिंग सेशन आयोजित हों। इनमें अधिकारियों को जेजेएम में योजना निर्माण से लेकर क्रियान्वयन तक के सभी स्तरों पर क्वालिटी के पैरामीटर्स को फॉलो करने के साथ-साथ जल की बचत और संरक्षण के बारे में भी प्रशिक्षण दिया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जेजेएम के कार्यों को समयबद्ध रूप से पूर्ण कर सभी ग्रामीण परिवारों को वर्ष 2024 तक ’हर घर नल कनेक्शन’ देने के लिए राज्य सरकार ने प्रोजेक्ट्स को 15, 18 और 24 माह की अवधि में पूर्ण करने के लिए आवश्यक प्रावधान किए हैं। उन्होंने कहा कि विभाग में अभियंताओं के रिक्त पदों को भरने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। सहायक अभियंता के 312 तथा कनिष्ठ अभियंता के 367 पदों पर भर्ती के लिए राजस्थान लोक सेवा आयोग और अधीनस्थ कर्मचारी सेवा बोर्ड के तहत प्रक्रिया चल रही है।
जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) श्री सुधांश पंत ने विभाग की तकनीकी कमेटी द्वारा कड़ी मेहनत और अथक प्रयासों से ’क्वालिटी एश्योरेंस एवं क्वालिटी कंट्रोल मैन्युअल’ तैयार करने की सराहना की। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत जलदाय विभाग प्रदेश की विषम भौगोलिक स्थितियों के बीच ’हर घर नल कनेक्शन’ पहुंचाने में महत्वपूर्ण भागीदारी निभा रहा है। प्रदेश में 6 हजार 500 से अधिक ग्रामीण पेयजल परियोजनाओं की स्वीकृति जारी की जा चुकी है। आने वाले समय में गांवों में ’हर घल नल कनेक्शन’ के कार्यों को वृहद स्तर पर सम्पादित किया जाएगा। जलदाय विभाग के इतिहास में जेजेएम में पहली बार इतने बड़े पैमाने पर पेयजल योजनाओं के कार्य हो रहे हैं, इन कार्यों में गुणवत्ता के लिए सख्त निगरानी की जरूरत है, ’क्वालिटी एश्योरेंस एवं क्वालिटी कंट्रोल मैन्युअल’ इसमें सहायक बनेगा। उन्होंने फील्ड में सभी अधिकारियों तक इस मैन्युअल की सॉफ्ट कॉपी पहुंचाने और उनको इसके बारे में ऑनलाइन प्रशिक्षण देने के भी निर्देश दिए।
कार्यक्रम में जलदाय मंत्री डॉ. कल्ला ने विभाग के दिवंगत कार्मिकों के आश्रितों को अनुकम्पात्मक नियुक्ति के आदेश प्रदान किए। इस मौके पर जलदाय मंत्री और एसीएस का इंजीनियर्स के संगठन ’गीयर’ की ओर से जलदाय विभाग में समयबद्ध पदोन्नतियों और कार्मिक हित के कार्यों के लिए सम्मान किया गया। अध्यक्ष श्री त्रिलोक चंद चतुर्वेदी, महासचिव श्री भवानी सिंह शेखावत और अन्य पदाधिकारियों ने स्मृति चिन्ह भेंट किए, साफा पहनाया और गुलदस्ता भेंट कर अभिनंदन किया।
मुख्य अभियंता (प्रशासन) श्री राकेश लुहाड़िया ने बताया कि विभाग द्वारा अनुकम्पा नियुक्ति के 29 प्रकरणों में नियुक्ति आदेश जारी किए गए हैं। मुख्य अभियंता (गुणवत्ता नियंत्रण) श्री आरसी मिश्रा ने ’क्वालिटी एश्योरेंस एवं क्वालिटी कंट्रोल मैन्युअल’ के प्रावधानों के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम में इस बारे में प्रजेंटेशन भी दिया गया। मुख्य अभियंता (तकनीकी) श्री संदीप शर्मा ने सभी का आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम में मुख्य अभियंता (शहरी एवं एनआरडब्ल्यू) श्री सीएम चौहान, मुख्य अभियंता (ग्रामीण) श्री आरके मीना, मुख्य अभियंता (विशेष प्रोजेक्ट्स) श्री दलीप कुमार गौड़ और मुख्य लेखाधिकारी श्री ललित वर्मा के अलावा विभाग के प्रदेश मुख्यालय के अन्य अधिकारी मौजूद रहे। संचालन आरडब्ल्यूएसएसएमबी के सचिव श्री केडी गुप्ता ने किया।
क्वालिटी एश्योरेंस एवं क्वालिटी कंट्रोल मैन्युअल
जलदाय विभाग के ’क्वालिटी एश्योरेंस एवं क्वालिटी कंट्रोल मैन्युअल’ में पेयजल परियोजनाओं के निर्माण कार्यों व इसमें प्रयुक्त होने वाली सामग्री की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए निर्धारित नॉम्स्र की पालना के लिए सभी स्तरों पर की जाने वाली आवश्यक कार्यवाही के बारे में विस्तृत दिशा निर्देशों का समावेश किया गया हैं। इस मैन्युअल में गुणवत्ता नियंत्रण प्रकोष्ठ के अभियन्ताओं व योजनाओं के क्रियान्वयन से सीधे तौर पर जुड़े अभियन्ताओं की भूमिका के बारे में भी बताया गया है। इसके साथ ही निर्माण कार्यों में प्रयुक्त सामग्री के नॉम्स्र के अनुरूप नहीं पाए जाने पर दोषी संवेदक के विरुद्ध कार्यवाही के प्रावधानों का भी विस्तार से उल्लेख है।
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