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जोधपुर के विकास कार्यों की समीक्षा : शहरी क्षेत्रों में विकास परियोजनाओं को योजनाबद्ध रूप से गति दें – मुख्यमंत्री


जयपुर, 8 जुलाई। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में आधारभूत ढांचे के विकास, सौन्दर्यकरण, ड्रेनेज एवं सीवरेज कार्यों से जुड़ी परियोजनाओं को समय पर पूरा करें, जिससे शहरवासियों को जलभराव और ट्रेफिक जाम की समस्या से निजात मिल सके। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि स्थानीय लोगों की आवश्यकता और जनप्रतिनिधियों के सुझावों के अनुरूप इन कार्यों को योजनाबद्ध रूप से पूरा किया जाए।

श्री गहलोत गुरूवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से लगातार दूसरे दिन जोधपुर शहर में प्रस्तावित विभिन्न विकास कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने इन कार्यों के बारे में विस्तृत जानकारी ली एवं अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सार्वजनिक निर्माण विभाग प्रदेशभर में नॉन-पेचेबल और खराब सड़कों के पुनर्निर्माण को प्राथमिकता दे।

बैठक में अधिकारियों ने बताया कि जोधपुर शहर में जलभराव की समस्या के समाधान के लिए करीब 225 करोड़ रूपए के ड्रेनेज प्रोजेक्ट की डीपीआर तैयार की जा रही है। इसमें सारण नगर नाले को 8 किलोमीटर की लम्बाई तक पूरा कवर करने के अलावा, शोभावतों की ढाणी से पाल गांव, तनावडा़, घीनाणों की ढाणी और सालावास सड़क से होते हुए जोजरी नदी तक भैरव नाला निर्माण किया जाएगा। नाला बनने से पूर्वी पाल योजना एवं श्रमिक कॉलोनी में जलभराव की समस्या का समाधान हो सकेगा। प्रोजेक्ट की डीपीआर जोधपुर विकास प्राधिकरण द्वारा बनाई जा रही है। इसकी क्रियान्वयन एजेंसी आरयूआईडीपी होगी।

बैठक में बताया गया कि करीब 309 करोड़ रूपए के सीवरेज प्रोजेक्ट के तहत विभिन्न कार्य किए जाएंगे। इसमें नगर निगम उत्तर एवं दक्षिण के करीब 60 किलोमीटर क्षेत्र में पुरानी एवं जर्जर सीवर लाइनों को सुधारने एवं बदलने का कार्य किया जाएगा। साथ ही, जोधपुर विकास प्राधिकरण एवं नगर निगम उत्तर एवं दक्षिण के करीब 250 किलोमीटर क्षेत्र में नई सीवर लाइनें डाली जाएंगी। करीब 40 हजार मकानों को सीवर कनेक्शन से जोड़ा जाएगा। प्रोजेक्ट की डीपीआर तैयार की जा रही है, जिसे आरयूआईडीपी को भेजा जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि डे्रनेज एवं सीवरेज कार्यों से शहरवासियों को जलभराव की समस्या से निजात मिलेगी। उन्होंने अधिकारियों को ड्रेनेज एवं सीवरेज प्रोजेेक्ट की विस्तृत कार्य योजना नक्शे सहित भेजने के निर्देश दिए।

बैठक में बताया गया कि करीब 37.5 करोड़ की लागत से बालसमंद-नागादड़ी ओवरफ्लो नाला निर्माण कार्य से फूलबाग, चतुरावता बेरा, सुरपुरा आदि क्षेत्रों में जलभराव की समस्या का समाधान होगा। इसकी डीपीआर नगर निगम (उत्तर) द्वारा तैयार की जा रही है।

अधिकारियों ने बताया कि अमृत योजना के पहले चरण में सुरपुरा बांध एम्यूजमेंट पार्क में करीब 2 करोड़ 7 लाख रूपए की लागत से पाथ-वे, ओपन जिम, ग्रीन स्पेस उपकरण एवं झूले इत्यादि कार्य किए गए हैं। द्वितीय चरण में फूड कोर्ट, एक्टिविटी एरिया, जॉगिंग-टे्रक आदि के कार्य प्रस्तावित हैं। जिसकी अनुमानित लागत 20 करोड़ रूपए है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सुरपुरा बांध परियोजना में पर्यटकों को आकर्षित करने की काफी संभावनाएं हैं। यहां वाटर स्पोर्ट्स, रेस्टोरेंट्स एवं अन्य सुविधाएं विकसित की जाएं तो ज्यादा से ज्यादा लोग यहां आएंगे।

अधिकारियों ने बताया कि गंगलाव तालाब सौंदर्यकरण एवं पुनरूद्धार के लिए नगर निगम जोधपुर (उत्तर) द्वारा डीपीआर तैयार की गई है। यहां उद्यान, वॉक-वे, ओपन एयर जिम, फाउंटेन एवं पार्किंग का कार्य प्रस्तावित है। श्री गहलोत ने कहा कि इस परियोजना में सघन पौधारोपण किया जाए तथा पानी में जलकुम्भी ना उगे, इस बात का ख्याल रखा जाए।

बैठक में बताया गया कि माता के थान से आंगणवा तक 8.3 किलोमीटर तक फोरलेन सड़क निर्माण कार्य प्रस्तावित है, जो सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा करवाया जाएगा। इस सड़क के बनने से नागौर रोड एवं जयपुर रोड आपस में कनेक्ट हो जाएंगे और शहर में टै्रफिक का दबाव भी कम हो जाएगा। श्री गहलोत ने कहा कि इस सड़क के किनारे लाइटिंग सहित विभिन्न सुविधाएं विकसित की जाएं।

बैठक में कायलाना झील के चारों ओर सड़क निर्माण तथा पर्यटन विकास, सिद्धनाथ मंदिर रोप-वे, एयरपोर्ट से पाबूपुरा सड़क, आरटीओ आरओबी, बर जोधपुर रोड को बैनाड तक 6 लेन बनाने, जोजरी नदी पर रिवर फ्रंट प्रोजेक्ट के प्रस्तावों पर विस्तार से चर्चा की गई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय निवासियों को टै्रफिक जाम तथा जलभराव की समस्या से निजात दिलाने वाले कार्यों को जल्द से जल्द आगे बढ़ाया जाए। जोजरी नदी में केवल ट्रीट किया हुआ पानी ही छोड़ने के सख्त निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नदी क्षेत्र को बॉयोडायवर्सिटी पार्क की तर्ज पर हरीतिमा क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाए। साथ ही, यह प्रयास किया जाए कि जोजरी के बहाव क्षेत्र में पानी की निरंतरता बनी रहे। कायलाना झील के समीप स्थित सार्वजनिक निर्माण विभाग के गेस्ट हाउस का जीर्णोद्धार और झील में बड़े स्तर पर बोटिंग के लिए कार्ययोजना बनाई जाए।

बैठक के दौरान माचिया किले के संरक्षण एवं शहीद स्मारक विकास के तहत जोधपुर विकास प्राधिकरण द्वारा किए जाने वाले निर्माण एवं जीर्णाेद्धार कार्यों की जानकारी दी गई। श्री गहलोत ने कहा कि जूलॉजिकल पार्क में सफारी सहित पर्यटन के आधारभूत ढांचे का विकास किया जाए।

जोधपुर के जिला कलक्टर श्री इन्द्रजीत सिंह एवं जोधपुर विकास प्राधिकरण के आयुक्त श्री कमर उल जमां चौधरी ने विकास कार्यों के बारे में विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया। बैठक में मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य, प्रमुख शासन सचिव वित्त श्री अखिल अरोरा, प्रमुख शासन सचिव नगरीय विकास श्री कुंजीलाल मीणा, सचिव स्वायत्त शासन श्री भवानी सिंह देथा, संभागीय आयुक्त एवं जोधपुर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष डॉ. राजेश शर्मा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं आर्किटेक्ट श्री अनूप बरतरिया भी उपस्थित थे।

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