वैकल्पिक विवाद निस्तारण व्यवस्था से आमजन को मिलेगा सस्ता, सुलभ व शीघ्र न्याय - न्यायाधीश, श्री दिनेश माहेश्वरी
जयपुर, 25 जुलाई। राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा शनिवार को न्याय वितरण प्रणाली को सुदृढ़ बनाना : न्यायनिर्णयन और एडीआर प्रक्रिया का तालमेल (Strengthening Justice Delivery System: Synergy of Adjudicatory and ADR Processes ) विषय पर उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश श्री दिनेश माहेश्वरी की अध्यक्षता में वेबीनार का आयोजन किया गया।
न्यायाधीश श्री माहेश्वरी ने कहा कि न्यायालयों में बढ़ते हुए मुकदमों के भार को कम करने की दिशा में वैकल्पिक विवाद निस्तारण व्यवस्था को उपयोग में लाते हुए आमजन को सस्ता, सुलभ एवं शीघ्र न्याय दिलाने के प्रयास करने होगे। उन्होंने वैकल्पिक विवाद निस्तारण व्यवस्था को नवीन प्रतिमानों तक ले जाने पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि विधिक सेवा संस्थानों का मूल लक्ष्य ‘‘न्याय सबके लिए’’ तभी सार्थक होगा जब प्रत्येक न्यायिक अधिकारी, हर उस व्यक्ति को जो न्यायालय की शरण में आता है, न्याय दिलाने के लिए सतत्, सक्रिय एवं सार्थक प्रयास करें।
राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश श्री इन्द्रजीत माहंती ने कहा कि न्याय व्यवस्था के भविष्य का एक अहम् हिस्सा वैकल्पिक विवाद निस्तारण व्यवस्था है।
राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष एवं राजस्थान उच्च न्यायालय के प्रशासनिक न्यायाधीश श्री संगीत लोढ़ा ने कहा कि राजस्थान में वैकल्पिक विवाद निस्तारण व्यवस्था एक सफलतम् प्रयोग साबित हुआ है, जो कि उत्तरोत्तर प्रगति की ओर अग्रसर है। कोविड काल में ऑनलाइन माध्यम से लोक अदालत का आयोजन किया गया, जो कि आमजन की न्याय तक पहुंच का सुगम माध्यम बना।
न्यायाधीश श्री विजय विश्नोई ने सभी प्रतिभागियों को मध्यस्थता प्रक्रिया की बारीकियों से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि विवाद समाधान के साधन के रूप में मध्यस्थता लागत प्रभावी, समय की बचत कराने में सक्षम एवं पक्षकारों के लिए सुविधाजनक है।
वेबीनार में राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव श्री ब्रजेन्द्र कुमार जैन, राजस्थान के समस्त न्यायिक अधिकारीगण, प्रशिक्षु न्यायिक अधिकारीगण एवं प्रशिक्षित मध्यस्थगण ने भाग लिया।
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