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माइंस विभाग ने नया प्रयोग करते हुए औचक निरीक्षण के लिए बनाई तीन टीम, पकड़ा 22680 टन अवैध खनन, वाहन-उपकरण किए जप्त, लगाई जुर्माना राशि


जयपुर, 25 जुलाई। राज्य में अवैध खनन पर सिकंजा कसते हुए अन्य जिलों के अधिकारियों की टीम बनाकर टोंक जिले के टोड़ारायसिंह के वन क्षेत्र के पास अंदरुनी हिस्सें में औचक कार्यवाही करते हुए 22680 टन अवैध खनन पकड़ कर दो करोड़ रु. से भी अधिक का जुर्माना तय किया हैं वहीं मौके पर दो ट्रेक्टर, कम्प्रेशर, एक हाईड्रा क्रेन मशीन, एक डम्पर, एक डीजी सैट, तीन जैक हैमर और दो मोटर साईकिल आदि की जप्ती कर पुलिस के सुपुर्द किया गया है। यह जप्त उपकरण एक मोटे अनुमान के अनुसार 50 लाख रुपए से अधिक के बताए जाते हैं।

अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि माइंस विभाग द्वारा अवैध खनन के खिलाफ सिकंजा कसने के लिए राजस्व विभागों की तर्ज पर औचक निरीक्षण दलों में अलग अलग जिलों के अधिकारियों को लगाकर बिना किसी सूचना के छापेमारी की कार्यवाही करने का निर्णय लिया गया है। प्रदेश के इस तरह के पहले ही प्रयोग में ही उल्लेखनीय सफलता मिली है। उन्होंने बताया कि विभाग की नई रणनीति के तहत निदेशक माइंस श्री केबी पण्ड्या ने 23 जुलाई को अलग अलग जिलों के अधिकारियाें के तीन दल श्री योगेन्द्र सिंह सहवाल एसएमई विजिलेंस उदयपुर, श्री राजेन्द्र लालस एएमई विजिलेंस राजसमंद, श्री तगाराम खनिकार्यदेशक, दूसरी टीम में श्री भीम सिंह एमई विजिलेंस अलवर, श्री सोहन लाल सुथार एएमई जोधपुर, श्री अंकित ओझा खनिकार्यदेशक व तीसरे दल में श्री सुनील शर्मा एमई विजिलेंस अलवर, श्री सुरेश चंन्द्र शर्मा एएमई विजिलेंस तीजारा, कीर्ति खनिकार्यदेशक का गठन कर जयपुर रिपोर्ट करने के निर्देश दिए और फिर बिना किसी सूचना के टीम को गंतव्य के लिए रवाना किया गया।

डॉ. अग्रवाल ने बताया कि विभाग द्वारा अवैध खनन के खिलाफ की जा रही इस कार्यवाही की भनक जिले के अधिकारियाें सहित टीम सदस्यों को भी नहीं लगने दी और फिर प्राप्त सूचनाओं के अनुसार टोडारायसिंह पुलिस से समन्वय बनाते हुए सीधे अवैध खनन स्थल पर कार्यवाही की गई। उन्होंने बताया कि इसमें विभाग को बड़ी सफलता मिली है, हांलाकि मौके पर कोई श्रमिक या अन्य नहीं मिले पर वन क्षेत्र के पास करीब दो से तीन किलोमीटर अंदर अवैध खनन और खनन कार्य में उपयोग सामग्री मिली जिसकी शनिवार को देर रात तक जप्ती कार्यवाही कर थाने में सुपुर्द किया गया। 

एसीएस माइंस डॉ. अग्रवाल ने बताया कि टोड़ारायसिंह के बगडी गांव के पास धोला भाटा क्षेत्र में क्वार्टटाइज पत्थर के अवैध खनन की जानकारी के आधार पर कार्यवाही की गई। यह अवैध खनन अंदरुनी क्षेत्र में वन सीमा से लगते हुए वन सीमा के बाहर किया जा रहा था और खनन से निकलने वाले खनिज के परिवहन के लिए वन विभाग की पक्की चारदीवारी को तोड़कर वन क्षेत्र में दो से तीन किलोमीटर रास्ता बनाकर किया जा रहा था। मौके पर खनिज क्वार्टटाइज की चार पिटों में अवैध खनन पाया गया। यह खनिज खासतौर से टाइल्स बनाने के काम में आता है।

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