कोरोना से अनाथ हुए बच्चों को सहायता राशि का भुगतान 15 जुलाई तक सुनिश्चित करें जिला कलक्टर - मुख्य सचिव
जयपुर, 6 जुलाई। मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य ने सभी संभागीय आयुक्त और जिला कलक्टरों को निर्देश दिये कि कोरोना महामारी के कारण अनाथ हुए जिन बच्चों का चिन्हीकरण किया जा चुका है, उन्हें सहायता राशि का भुगतान 15 जुलाई तक पूरा करें। उन्होंने कहा कि इन बच्चों का पालनहार घोषित करने में संवेदनशीलता से काम लें और उनका संयुक्त खाता खुलवाने और राशि हस्तांतरित करने की कार्यवाही शीघ्रता से करें।
मुख्य सचिव मंगलवार को यहां शासन सचिवालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संभागीय आयुक्त, जिला कलक्टर्स, पुलिस अधीक्षक एवं संबंधित जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ विभिन्न योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने निर्देश दिये कि मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना के अन्तर्गत लाभार्थियों को तत्काल सहायता राशि का भुगतान किया जाए। उन्होंने कहा कि कोई भी पात्र व्यक्ति इससे छूटना नहीं चाहिये।
मुख्य सचिव ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की अन्य योजनाओं की भी जिलों में क्रियान्विति की समीक्षा की। उन्होंने जिला कलक्टरों को निर्देश दिये कि वे अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के अन्तर्गत देय राहत राशि के लम्बित प्रकरणों का शीघ्र निस्तारण करें। साथ ही इस संबंध में गठित जिला स्तरीय सतर्कता एवं मॉनिटरिंग समिति की बैठक नियमित किया जाना भी सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि समिति का कार्य केवल लम्बित प्रकरणों का निपटारा ही नहीं है, बल्कि ऎसे प्रकरण घटित ही नहीं हों इसके प्रयास किये जाने चाहिये।
श्री आर्य ने अवैध खनन रोकने के लिए जिलों द्वारा की जा रही कार्यवाही की जानकारी ली और इस पर प्रभावी नियंत्रण के लिए जिला कलक्टरों तथा पुलिस अधीक्षकों से सुझाव भी मांगे। उन्होंने जिलों में टास्क फोर्स की बैठक नियमित रूप से करने के निर्देश दिये और कहा कि अवैध खनन के लिए सख्त कानून हैं, इसलिए पुलिस और प्रशासन मिलकर दृढ़ संकल्प के साथ इसे रोकने के प्रयास करें। उन्होंने कहा कि अवैध खनन रोकना, माइन्स सेफ्टी सुनिश्चित करना तथा सिलिकोसिस पीड़ितों को राहत प्रदान करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है।
मुख्य सचिव ने प्रदेश में अभय कमाण्ड एण्ड कन्ट्रोल सेन्टर के माध्यम से सुरक्षा एवं निगरानी की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि अभय कमान सेंटर की व्यवस्था को और भी सुदृढ़ करने के लिए सभी जिलों में कैमरों का कवर बढ़ाया जाए। श्री आर्य ने अधिकारियों को ग्रामीण क्षेत्रों में लगी ई-मित्र प्लस मशीनों का अधिकाधिक उपयोग सुनिश्चित करने के लिए कहा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे पटवारियों से इन मशीनों की जानकारी मंगाएं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की वीसी से पंचायत स्तर पर इन मशीनों के माध्यम से जुड़ने की व्यवस्था भी की जाए। मुख्य सचिव ने सुझाव दिया कि सहयोगिनी और साथिनों को प्रशिक्षित कर इन मशीनों से ज्यादा से ज्यादा ग्रामीणों को लाभान्वित किया जा सकता है।
श्री आर्य ने आदर्श ग्राम योजना, विधवा महिलाओं के 18 वर्ष तक के बच्चों को पालनहार योजना से जोड़ना, सिलिकोसिस पीड़ित व्यक्तियों तथा दिव्यांगजनों के लम्बित आवेदनों के प्रकरणों की भी समीक्षा की।
बैठक में खान एवं पेट्रोलियम विभाग के प्रमुख शासन सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल, सूचना प्रोद्योगिकी एवं संचार विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री आलोक गुप्ता, तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने भी अधिकारियों को आवश्यक निर्देश प्रदान किए।
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