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मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना : जिला स्तर तक हो रहा योजना का सुदृढीकरण, जिला स्तर पर District Implementation Unit (DIU) का होगा गठन


- अस्पतालों में हेल्थ कोऑडनेटर और जिला स्तर पर लगेंगे जिला कार्यक्रम प्रबंधक

जयपुर, 11 जून। राजस्थान स्टेट हेल्थ एश्योरेंस एजेंसी की मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्रीमती अरुणा राजोरिया ने बताया कि मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत योजना के सफल क्रियान्वयन और लाभार्थियों को योजना का शत-प्रतिशत लाभ देने के लिये राज्य सरकार द्वारा योजना का वृहद सुदृढीकरण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि योजना का लाभ प्रत्येक पंजीकृत परिवार को मिले, इसके लिए जिला स्तर पर District Implementation Unit (DIU) का गठन किया जा रहा है।

श्रीमती राजोरिया ने बताया कि ये यूनिट अपने जिले में सम्बद्ध अस्पतालों और लाभार्थियों की समस्याओं के निस्तारण और सहायता के लिये कार्य करेगी। उन्होंने बताया कि चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अंतर्गत प्रत्येक जिले में एक जिला कार्यक्रम समन्वयक (मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना) की नियुक्ति जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्वास्थ्य समिति के द्वारा वॉक-इन इंटरव्यू के माध्यम से यूटीबी आधार पर की जायेगी। ये जिला कार्यक्रम प्रबंधक मरीजाें की शिकायत का त्वरित निवारण कर अस्पताल और योजना के लाभार्थियों के बीच समन्वय का कार्य करेंगे। जिला स्तर पर इन प्रबंधकों के लगने से योजना के जिला स्तर पर अस्पताल के जुड़ने की प्रक्रिया, परिवेदना निवारण, प्रचार-प्रसार और प्रशिक्षण का कार्य अधिक गुणवत्तापूर्ण और सुगम हो पायेंगे।

अस्पतालों में मरीजों के सहयोग और जानकारी के लिये लगाये जायेंगे स्वास्थ्य समन्वयक

संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री काना राम ने बताया कि District Implementation Unit (DIU) के गठन और जिला स्तर पर जिला कार्यक्रम प्रबंधक के साथ अब योजना में सम्बद्ध सभी निजी अस्पतालों में योजना के सफल क्रियान्वयन और लाभार्थियों की सहायता के लिये स्वास्थ्य समन्वयक लगाये जायेंगे। योजना में संबद्ध निजी अस्पतालों में 100 बैड तक के अस्पतालों के लिए एक तथा 100 से अधिक बेड वाले अस्पतालों में दो स्वास्थ्य समन्वयक नियुक्त किये जायेंगे। उन्होंने बताया कि यह स्वास्थ्य समन्वयक अस्पताल में योजना के रजिस्ट्रेशन काउंटर पर स्वास्थ्य मार्गदर्शक के साथ उपलब्ध रहेंगे। अस्पताल में योजना के लाभार्थी को होने वाली किसी भी समस्या का समाधान करने के लिये ये स्वास्थ्य समन्वयक उनकी मदद करेंगे।

उन्होंने बताया कि राजस्थान स्टेट हेल्थ एश्योरेंस एजेंसी की ओर से ये स्वास्थ्य समन्वयक योजना में सम्बद्ध प्रत्येक निजी अस्पताल एवं योजना में केवल कोविड-19 के उपचार हेतु जिला कलक्टर द्वारा अधिकृत निजी अस्पताल में अपनी सेवाएं देंगे। इस कार्य हेतु जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्वास्थ्य समिति को अधिकृत किया गया है और विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये गए है। उन्होंने बताया कि इन स्वास्थ्य समन्वयक के अस्पतालों में लगने के बाद योजना के लाभार्थियों को बड़ी मदद मिलेगी। अस्पताल में पहुचने के साथ ही लाभार्थी इन स्वास्थ्य समन्वयक के माध्यम से सॉफ्टवेयर में अपनी पहचान दर्ज कर पायेंगे। संबंधित अस्पताल में उपलब्ध/अनुमत पैकेज की जानकारी भी मरीज को इनके माध्यम से दी जायेगी। विभाग प्रत्येक लाभार्थी को योजना की मंशा के अनुरूप निःशुल्क उपचार दिलाने के लिए सजग और प्रयासरत है।

33 हजार से अधिक मरीजों को मिला लाभ, योजना के अंतर्गत कोरोना उपचार के 9 हजार से अधिक क्लेम हुए सबमिट 

श्री कानाराम ने बताया योजना की शुरुआत से अब तक 33 हजार से अधिक मरीजों को योजना के अंतर्गत निःशुल्क इलाज से लाभान्वित किया जा चुका है। कोरोना महामारी के उच्च प्रसार में भी योजना के लाभार्थियों को बड़ी राहत मिली है। अब तक 9 हजार 938 कोरोना उपचार के क्लेम सबमिट किये जा चुके है। योजना से अब तक प्रदेश के 749 सरकारी और 357 निजी अस्पताल जुड चुके है। उन्होंने बताया कि योजना के बेहतर क्रियान्वयन और परिवदेना के त्वरित निस्तारण के लिये राज्य स्तर से प्रत्येक जोन के लिए एक नोडल अधिकारी आरएसएचएए की और से लगाया गया है। ये नोडल अधिकारी प्राप्त शिकायत के संबंध में अस्पताल और परिवादी से समन्वय कर राहत और निस्तारण का कार्य करते है।

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