कृषि निर्यात बढ़ाने के लिए व्यापारियों-किसानों को प्रशिक्षण देकर प्रोत्साहित करें - मुख्य सचिव
जयपुर, 17 जून। मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य ने कहा कि राज्य में कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए व्यापारियों एवं किसानों को निर्यात संबंधी प्रशिक्षण मुहैया कराकर प्रोत्साहित करें। श्री आर्य गुरुवार को यहां शासन सचिवालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कृषि निर्यात नीति के क्रियान्वयन की समीक्षा कर रहे थे।
मुख्य सचिव श्री आर्य ने कहा कि राज्य में कृषि निर्यात की अपार संभावनाएं है। इसके लिए तात्कालिक-अल्पकालिक योजना बनाकर कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सर्वाधिक संभावना वाले इलाकों और उत्पादों का चयन कर निश्चित समय के लिए निर्यात का लक्ष्य तय करें। व्यापारियों एवं किसानों को निर्यात के लिए जरूरी सभी घटकों से रूबरू कराते हुए प्रशिक्षित करें। उन्हें इसके लिए आवश्यक सभी प्रकार की सुविधाएं एवं सहायता उपलब्ध कराएं।
श्री आर्य ने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए राज्य में प्रमुख कृषि क्षेत्रों की क्षमता का आंकलन करने, वाष्प ताप उपचार एवं विकिरण जैसी आधुनिक सुविधा विकसित करने, निर्यातकों की अन्तर विभागीय समस्याओं का निस्तारण करने तथा विदेशों में विशिष्ट बाजारों में निर्यात की कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने अरब देशों में राजस्थान की सब्जियों की मांग को रेखांकित करते हुए निर्यात की संभावना तलाशने के निर्देश दिए।
कृषि विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री भास्कर ए सावंत ने बताया कि केन्द्रीय कृषि निर्यात नीति-2018 के तहत देश में 2022 तक कृषि निर्यात दोगुना करने का लक्ष्य तय किया गया था। राज्य में पृथक से नीति घोषित कर आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर एवं लॉजिस्टिक की सुविधा विकसित की जा रही है। उन्होंने बताया कि राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति-2019 के तहत 574 अनुदान प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 284 परियोजनाओं में 105 करोड़ रुपए का अनुदान स्वीकृत किया जा चुका है। नए निर्यातकों के लिए जयपुर, टोंक, बाड़मेर, जोधपुर, अलवर एवं कोटा में इन्क्यूबेशन सेंटर स्थापित किए जा रहे हैं। कृषि विपणन बोर्ड के निदेशक श्री सोहनलाल शर्मा ने राज्य में कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे प्रयासों से अवगत कराया।
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