वृक्षारोपण के साथ किये जायें जैव विविधता बढ़ाने के प्रयास, घर-घर औषधि योजना क्रियान्वयन समिति की बैठक आयोजित
जयपुर, 17 जून। वन विभाग की प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन-बल प्रमुख) श्रीमती श्रुति शर्मा ने कहा है कि घर-घर औषधि योजना को सफल बनाने के लिए प्रत्येक अधिकारी को कठोर प्रयत्न करना चाहिए। इसके साथ ही विभागीय वृक्षारोपणों में जैव विविधता को भी बढ़ाने के प्रयास किए जाएं। वे गुरुवार दोपहर बाद अरण्य भवन में घर-घर औषधि योजना क्रियान्वयन समिति की बैठक में सभी मुख्य वन संरक्षकगणों को संबोधित कर रही थीं।
बैठक में श्रीमती शर्मा ने कहा कि घर-घर औषधि योजना के तहत जल्द ही आमजन में पौधे वितरित किए जाएंगे, इसलिए सभी मुख्य वन संरक्षणगण तैयारियों को अंतिम रूप देवें। उन्होंने मुख्य वन संरक्षकों से कहा कि वे अधीनस्थ जिलों में संचालित नर्सरी प्रभारियों को अपने-अपने मोबाइल फोन ऑन रखने के निर्देश देवें ताकि आमजन को पौध वितरण के समय परेशानी ना हो।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक (विकास) डॉ. दीप नारायण पाण्डेय ने राज्य में वर्तमान वर्षा ऋतु के दौरान विभिन्न योजनाओं में संपादित किए जाने वाले वृक्षारोपणों की तैयारी की समीक्षा करते हुए कहा कि राज्य में वन भूमि पर उच्च कोटि के वृक्षारोपण कराए जाएं। उन्होंने वृक्षारोपण के जरिए बायोडायवर्सिटी बढ़ाने के निर्देश देते हुए कहा कि वृक्षारोपण क्षेत्रों में पौधों का रोपण के साथ-साथ सीधी बुवाई और स्थानीय वनस्पति के पुनरुद्धार पर जोर दिया जाए। घर-घर औषधि योजना के संबंध में डॉ. पाण्डेय ने कहा कि जिले में प्रत्येक विभाग की भूमिका सुनिश्चित करते हुए तुलसी, कालमेघ, अश्वगंधा और गिलोय के पौधे लोगों को वितरित करने के साथ-साथ इनके रखरखाव एवं उपयोग पर भी जानकारी प्रदान की जाए।
अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक (विकास) श्री अरिंदम तोमर ने सभी मुख्य वन संरक्षक गण से जिलों में संचालित नर्सरियों की सूचना तत्काल भिजवाने के निर्देश देते हुए कहा कि समय रहते वृक्षारोपण करने पर ही अनुकूल परिणाम मिलेंगे। श्री तोमर ने कहा कि घर-घर औषधि योजना की शुरुआत और वृक्षारोपण कार्यक्रम से पहले सभी तैयारियों की समीक्षा कर ली जाए।
इस अवसर पर बैठक में अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक, मॉनिटरिंग एंड इवेलुएशन श्री मुनीश गर्ग, अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक (कैम्पा) श्रीमती शिखा मेहरा और अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक (एफसीए) वेंकटेश शर्मा मौजूद रहे जबकि सभी मुख्य वन संरक्षक बैठक से ऑनलाइन जुड़े रहे।
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