ग्राम पंचायत स्तर तक डेयरी समितियों का गठन किया जाएगा - गोपालन मंत्री
जयपुर, 23 जून। गोपालन मंत्री श्री प्रमोद जैन भाया ने कहा कि राज्य में डेयरी तंत्र का विस्तार करते हुए राजस्थान कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन (आरसीडीएफ) के माध्यम से ग्राम पंचायत स्तर तक डेयरी समितियों का गठन किया जाएगा। श्री भाया बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दुग्ध संघों के अध्यक्षों के साथ आरसीडीएफ एवं दुग्ध संघों के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे।
गोपालन मंत्री ने दूध संकलन बढ़ाने पर जोर देते हुए कहा कि दुग्ध संघ अपनी पूरी क्षमता के साथ कार्य करते हुए डेयरी तंत्र का विस्तार करें। उन्होंने इस वर्ष राज्य की सभी ग्राम पंचायतों में कम से कम एक दुग्ध समिति के गठन की कार्यवाही करने के निर्देश दिए। उन्होंने मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप दुग्ध उत्पादकों के हित में राज्य के प्रत्येक गांव तक डेयरी की पहुंच बढ़ाने और अन्य राज्यों में दुग्ध विपणन की मजबूत व्यवस्था विकसित करने के निर्देश दिए।
उन्होंने 5 हजार डेयरी बूथ आवंटन की कार्यवाही शीघ्र पूरी करने तथा भविष्य में अन्य बूथ आवंटन की क्षमता का आंकलन कर तैयारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने कोविड की पहली एवं दूसरी लहर के दौरान दूध संकलन एवं विपणन कार्य की सराहना करते हुए संक्रमण की भावी आशंका के मद्देनजर पूरी तैयारी रखने के निर्देश दिए। उन्होंने दुग्ध संघों की ओर से दिए सुझावों को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि इन पर विचार कर समुचित ढंग से क्रियान्वित करने का प्रयास किया जाएगा।
गोपालन विभाग की शासन सचिव डॉ. आरूषी मलिक ने कहा कि बूथ आवंटन के लिए त्वरित ढंग से कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने बताया कि जिला दुग्ध संघों की ओर से डेयरी बूथों के स्थानों का चिह्वीकरण कर 28 जून को बूथ आवंटन समिति की बैठक में सभी संबंधित एजेंसियों को एनओसी के लिए सूची उपलब्ध करा दी जाएगी। उन्होंने बताया कि दूध एवं दुग्ध उत्पादों में मिलावट रोकने के लिए ‘शुद्ध के लिए युद्ध’ अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने दुग्ध उत्पादों के विपणन के लिए सूचना प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल बढ़ाने के निर्देश देते हुए कहा कि जिला संघ कंट्रोल रूम स्थापना, मोबाइल एप का उपयोग और सरस दूत एवं मोबाइल वैनों का संचालन जैसे नवाचारी कदम उठाएं।
आरसीडीएफ के एमडी श्री केएल स्वामी ने राज्य में डेयरी नेटवर्क एवं इसकी गतिविधियों की विस्तार से जानकारी दी। जिला दुग्ध संघ के अध्यक्षों ने दुग्ध उत्पादकों के हित एवं डेयरी तंत्र की मजबूती के संबंध में महत्वपूर्ण सुझाव दिए।
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