घर-घर औषधि योजना : पौधों के रख-रखाव और उपयोग की सरल विधि लोगों को बताना आवश्यक बोले विशेषज्ञ
जयपुर, 17 जून। वन विभाग की महत्वपूर्ण घर-घर औषधि योजना के सफल क्रियान्वयन को लेकर गुरुवार दोपहर बाद अरण्य भवन में योजना से जुड़ी तकनीकी समिति की बैठक प्रधान मुख्य वन संरक्षक डॉ. दीप नारायण पाण्डेय की अध्यक्षता में हुई। बैठक में विशेषज्ञों ने औषधीय पौधों के निरंतर रख-रखाव, संरक्षण और उपयोग की सरल विधियों पर गंभीर विचार-विमर्श के बाद सहमति जताई।
बैठक के आरंभ में डॉ. पाण्डेय ने विशेषज्ञों से अपने सुझाव देने का आग्रह किया। इस पर राजकीय योगिक उपचार एवं अनुसंधान केंद्र बापू नगर की डॉ. कल्पना वर्मा ने आमजन से फीडबैक लेने की बात कही जबकि राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान जयपुर के द्रव्यगुण विभाग की प्रोफेसर मीता कोटेचा ने कहा कि औषधीय पौधों को आमजन किस तरह से अपने घरों में आसानी से उगा सकते हैं, उनका संरक्षण कर सकते हैं और उनसे प्राप्त औषधियों का उपयोग कैसे कर सकते हैं, इस जानकारी को आसान भाषा में आम जन तक पहुंचाया जाना आवश्यक है।
समिति के सदस्य सचिव मनफूल विश्नोई ने बताया कि बैठक में विशेषज्ञों ने इस बात पर सहमति जताई कि औषधीय पौधों से निरंतर लाभ प्राप्त करने के लिए उनको सही तरीके से घरों में उगाना और संरक्षण आवश्यक है। इसके लिए राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान और आयुर्वेद विभाग के सहयोग से आसान भाषा में औषधीय पौधों के उपयोग संबंधी जानकारी तैयार की गई है, जिसका अनुमोदन समिति ने किया है। औषधीय पौधों के वितरण के समय यह जानकारी ब्रोशर के माध्यम से आमजन को उपलब्ध करवाई जाएगी। यह जानकारी इलेक्ट्रॉनिक फाइल के माध्यम से सोशल मीडिया में भी साझा की जाएगी।
इस अवसर पर राजस्थान राज्य औषधीय पादप मंडल की परियोजना अधिकारी डॉ. अनीता शर्मा और अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक (विकास) श्री अरिंदम तोमर सहित अन्य मौजूद रहे।
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