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नई खनन नीति में दलित, युवा को खान आरक्षण व रोजगार बढाने की नीति तैयार करें - खान मंत्री


जयपुर, 25 जून। खान मंत्री श्री प्रमोद जैन भाया ने शुक्रवार को खनिज भवन में वरिष्ठ अधिकारियों से गहरा विचार मन्थन किया। खान मंत्री ने राज्य में खनिज की अपार सम्पदा को अच्छे ढंग से दोहन करने के लिए विभाग की भूवैज्ञानिक शाखा, ड्रिलिंग शाखा व प्रयोगशाला को सुदृढ़ करने के निर्देश दिये ताकि खनिज खोज के काम को गति देते हुए नये खनिज खोजे जा सके। खान मंत्री ने मुख्यमंत्री की भावना के अनुरूप आकर्षक व देश कीअग्रणी खनिज नीति बनाने के निर्देश दिये और स्पष्ट रूप से अधिकारियों को निर्देशित किया कि ऎसी खनिज नीति बनानी है जिससे निवेशक आकर्षित हों, रोजगार बढे और साथ ही नई नीति में ऎसा रास्ता निकाला जावे कि समाज के पिछड़े अनुसूचित जाति, जनजाति के साथ-साथ युवा, नये स्टार्टअप कर सकने वाले युवा उद्यमी व महिलाओं को विशेष रूप से खान आवंटन में आरक्षण का प्रावधान किया जा सके ताकि यह वर्ग भी समाज में कन्धे से कन्धे से मिलाकर आगे बढ़ सके।

माइंस मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने इसी सप्ताह ही विभाग की समीक्षा बैठक में राज्य की प्रस्तावित खनिज नीति में देश में सबसेअग्रणी, रोजगारपरक, राजस्व बढ़ाने वाली, सरलीकृत और देश दुनिया में राजस्थान की खनिज संपदा की खोज और खनन को बढ़ावा देने वाली नीति बनाने पर जोर दिया है। उन्होंने कोविड की विपरीत परिस्थितियों के बावजूद सामान्य वर्ष के अप्रेल मई की तुलना में इस वित्तीय वर्ष के अप्रेल-मई में खनन गतिविधियों के सुचारु संचालन और अधिक राजस्व संग्रहण के लिए अधिकारियों को बधाई दी। उन्होंने बताया कि अवैध खनन और ओवरलोडिंग आदि के कारण हो रही राजस्व छीजत पर प्रभावी रोक लगाने के लिए विभाग के सतर्कता विंग का सशक्तिकरण करते हुए फूलप्रूफ सिस्टम विकसित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इसमें खनिज परिवहन वाहनों का खनिज विभाग में रजिस्ट्रेशन से लेकर जीपीएस जैसी व्यवस्थाओं लागू करने पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है।

बजरी की समस्या पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के संवेदनशील प्रयासों से तीन बजरी लीज जारी की जा चुकी है। एमसेंड नीति लाई गई है और जल्दी ही इस समस्या के समाधान की दिशा में और संभावनाएं तलाशी जा रही है। उन्होंने कहा कि अवैध खनन को रोकने, खनिज खोज व खनन में नए आयाम स्थापित करने, रोजगार सृजन और खनन क्षेत्र से अधिक से अधिक राजस्व संग्रहण के प्रयास किए जा रहे हैं।

बैठक में श्री भाया ने कहा कि राज्य की प्रस्तावित खनिज नीति का प्रारूप अंतिम चरण में हैं। उन्होंने कहा कि इसमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति, महिलाओें, विकलांगों और तकनीकी विशेषज्ञ युवाओं को माइंस आवंटन में आरक्षण पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इससे समाज के कमजोर व पिछड़े वर्ग के लोगों की भागीदारी तय होने के साथ ही तकनीकी विशेषज्ञ युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों खासतौर से अजमेर, बीकानेर, जोधपुर, जयपुर और भीलवाड़ा में अवैध खनन को रोक कर वैध खनन के लिए शहरी विकास विभाग के साथ उच्च स्तरीय समन्वय बना कर समाधान निकाला जाएगा।

उन्होंने कहा कि खनन क्षेत्र से जुड़े श्रमिकों और कामगारों को सिलिकोसिस बीमारी से बचाने के लिए जागरुकता अभियान चलाने के साथ ही सुरक्षा मानकों की पालना सुनिश्चित कराने के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि विभाग के केडर रिव्यू के साथ ही विभाग को पुनर्गठित करने के प्रस्ताव भी तैयार किये जावे ताकि संसाधनों की उपलब्धता अनुसार क्षमताओं का बेहतर उपयोग हो सके। खान मंत्री ने निर्देशित किया कि एक लक्ष्य बनाकर नये खनिज खोज के नये ब्लॉक बनाकर शीघ्र नीलामी कर राजस्व बढाया जावे तथा इस बढ़े लक्ष्य को हासिल करने के लिए आवश्यकतानुसार अतिरिक्त संसाधनों के प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजे जाएं।

बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि लाइम स्टोन के आठ ब्लॉकों का ऑक्शन किया गया है वहीं प्राथमिकता के आधार पर माइंस के नए ब्लॉक्स विकसित किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि बंशी पहाड़पुर में ऑक्शन की राह प्रशस्त की है वहीं इसी तरह के अन्य प्रकरणों के निराकरण के लिए विभाग द्वारा केन्द्र सरकार व संंबंधित विभागों के साथ समन्वय बनाकर निराकरण के प्रयास किए जा रहे हैं।

डॉ. अग्रवाल ने बताया कि राजस्व छीजत पर प्रभावी रोक के उपाय खोजे जा रहे हैं वहीं सतर्कता विंग और ड्रिलिंग विंग के कार्यों की समीक्षा कर इन्हें प्रभावी बनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश में खनिज खोज कार्य को गति देने के लिए ड्रिलिंग इकाई को सक्रिय करने और प्रयोगशाला के कार्यों को गति दी जाएगी।

बैठक में निदेशक माइंस श्री केबी पण्ड्या ने विस्तार से विभागीय गतिविधियों की जानकारी व समस्याओं और सुझावों से अवगत कराया। बैठक में उप सचिव नीतू बारुपाल, विशिष्ठ सहायक श्री अरविन्द सारस्वत, अतिरिक्त निदेशक प्रशासन श्री हर्ष सावनसूखा व विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

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