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राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं को तेजी से आगे बढ़ाएं - प्रमुख शासन सचिव, पीडब्ल्यूडी


जयपुर, 17 जून। सार्वजनिक निर्माण विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री राजेश यादव ने गुरुवार को शासन सचिवालय में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से प्रदेशभर में चल रही राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं तथा राज्य राजमार्ग परियोजनाओं की भूमि अवाप्ति से सम्बंधित कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने बैठक में सम्बंधित संभागीय आयुक्त, पुलिस महानिरीक्षक, जिला कलक्टर तथा राष्ट्रीय राजमार्ग के परियोजना निदेशकों को सम्बोधित करते हुए राजमार्ग परियोजनाओं के लिए भूमि अवाप्ति के कार्यों को शीघ्र पूर्ण कर सम्बंधित परियोजनाओं के लिए उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए।

श्री यादव ने कहा कि जहां एनएच परियोजनाओं में भूमि अवाप्ति में बाधा आ रही है वहां सम्भागीय आयुक्त दौरा करें तथा अवाप्ति के काम को आगे बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों को नियमों के दायरे में जितना सम्भव है उतना अधिक से अधिक मुआवजा राशि दिए जाने की मंशा रखती है। वहीं एनएचएआई भी उपलब्ध प्रावधानों के अनुसार अधिकाधिक मुआवजा राशि दिए जाने के लिए सहमत है।

श्री यादव ने प्रदेश के 28 जिलों में चल रही विभिन्न परियोजनाओं की समीक्षा के दौरान सम्भागीय आयुक्तों, जिला कलक्टरों, बीकानेर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक तथा हनुमानगढ़, बीकानेर एवं जालौर जिलों के पुलिस अधीक्षकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार विकास के लिए प्रतिबद्ध है तथा राष्ट्रीय राजमार्गों से क्षेत्र का विकास तेज गति से होता है।

श्री यादव ने कहा कि अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेस हाइवे तथा दिल्ली-वड़ोदरा एक्सप्रेस हाइवे उत्तरी-पश्चिमी भारत की अतिमहत्वपूर्ण सड़क परियोजनाएं हैं। उन्होंने कहा कि इन इन परियोजनाओं के विभिन्न पैकेजों के लिए भूमि अधिग्रहण और मुआवजा राशि वितरण के काम में और तेजी लायी जाए। उन्होंने कहा कि जहां राजमार्गों का जाल बिछेगा वहां अन्य क्षेत्रों में भी विकास होगा।

राजस्थान राज्य में 373 किलोमीटर लम्बाई के दिल्ली-वड़ोदरा एक्सप्रेस वे के लिए 4192 हेक्टेयर भूमि अवाप्त की गई है जिसमें से 3947 हेक्टेयर भूमि का कब्जा एनएचएआई को मौके पर दिया जा चुका है। मुआवजा राशि के रूप में 1176 करोड़ रुपये राशि का वितरण भी भू-मालिकों को किया जा चुका है। वहीं अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेस वे के लिए अवाप्त 5230 हेक्टेयर भूमि में से 3642 हेक्टेयर भूमि कब्जा एनएचएआई को दिया जा चुका है तथा 512 करोड़ रुपये का वितरण भू-मालिकों को किया जा चुका है।

गौरतलब है कि प्रदेशभर में 3 हजार 171 किलोमीटर लम्बाई तथा 46 हजार 789 करोड़ रुपये लागत के करीब 51 राष्ट्रीय राजमार्गों के कार्य प्रगति पर हैं। श्री यादव ने कहा कि पीपीपी मोड पर स्वीकृत हुए करीब 2300 करोड़ रुपये लागत की परियोजनाओं में भी भूमि अवाप्ति की प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जाए।

उन्होंने कोटा के परियोजना निदेशक, एनएच को निर्देश दिए कि सिंचित क्षेत्र में एक्सप्रेस हाइवे के विकास के दौरान सिंचाई नहर व नालों का ध्यान रखा जाए ताकि भविष्य में सिंचाई में कठिनाई नहीं हो।

श्री यादव ने कहा कि कुछ जिलों में टोल संग्रहण का कार्य बंद पड़ा है जिससे भारत सरकार एवं राज्य सरकार के राजस्व पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। बीओटी परियोजनाओं पर टोल संग्रहण नहीं होने से सरकार को टोल की अवधि बढ़ानी पड़ती है। उन्होंने कहा कि जिन जिलों में टोल बंद पड़े हैं वहां जिला कलक्टर एवं पुलिस अधीक्षक प्रयास कर टोल संग्रहण का कार्य शुरू करवाएं।

इस अवसर पर पीडब्ल्यूडी मुख्य अभियंता (एनएच व पीपीपी) श्री डी.आर.मेघवाल, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के मुख्य अभियंता श्री आलोक दीपांकर तथा एनएचएआई के श्रेत्रीय अधिकारी मुख्य महाप्रबंधक श्री एमके जैन सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।

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