पशुपालन, गोपालन एवं आरसीडीएफ की समीक्षा : प्रदेश में डेयरी क्षेत्र का हो बड़े पैमाने पर विस्तार डेयरी बूथ आवंटन के काम को दें गति - मुख्यमंत्री
जयपुर, 8 जून। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि कृषि के साथ-साथ पशुपालन गतिविधियों का हमारी अर्थव्यवस्था में अहम योगदान है। राजस्थान में इस क्षेत्र के विकास की अपार संभावनाएं मौजूद हैं। इसको ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने बजट में पशुपालन के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं। इन घोषणाओं को समयबद्ध रूप से पूरा करने का प्रयास किया जाए, ताकि इस क्षेत्र का राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में हिस्सा और बढ़े तथा किसानों एवं पशुपालकों की आय में भी वृद्धि हो।
श्री गहलोत मंगलवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पशुपालन, गोपालन विभाग तथा राजस्थान को-ऑपरेटिव डेयरी फैडरेशन (आरसीडीएफ) की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हमारे पिछले कार्यकाल में हमने मूक पशुओं की पीड़ा को समझते हुए मुख्यमंत्री पशुधन निशुल्क दवा योजना शुरू की थी। अब गांव-ढाणी तक पशुधन के लिए चिकित्सा सुविधाओं को मजबूत करने का काम किया जा रहा है। इसके लिए प्रदेशभर में चरणबद्ध रूप से 1478 ग्राम पंचायतों में नए पशु चिकित्सा उपकेंद्र खोले जा रहे हैं तथा 200 पशु चिकित्सा उप केंद्रों एवं 198 पशु औषधालयों को पशु चिकित्सालय में क्रमोन्नत किया जा रहा है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इन बजट घोषणाओं को प्राथमिकता के साथ पूरा किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान में पशुधन की बहुलता को देखते हुए डेयरी के विकास की बड़ी संभावनाएं छिपी हुई हैं। राज्य में अभी भी बड़ी संख्या में ऎसे गांव हैं, जो अब तक संगठित रूप से डेयरी सेक्टर से नहीं जुड पाए हैं। आरसीडीएफ इन क्षेत्रों को जोड़कर सरस डेयरी का विस्तार करे। उन्होंने कहा कि कृषि की तरह ही डेयरी में भी प्रसंस्करण को बढ़ावा दिया जाए। साथ ही, डेयरी उत्पादों की श्रृंखला का बड़े पैमाने पर विस्तार कर इनकी प्रभावी मार्केटिंग पर जोर दिया जाए। उन्होंने कहा कि यह एक ऎसा सेक्टर है, जिसके जरिए रोजगार के बड़े अवसर सृजित किए जा सकते हैं और किसानों एवं पशुपालकों की समृद्धि को बढ़ाने में यह महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।
श्री गहलोत ने निर्देश दिए कि प्रदेश में विशेष अभियान चलाकर नए डेयरी बूथों के आवंटन को गति दी जाए। अगले दो माह में अधिकाधिक डेयरी बूथों का आवंटन हो। उन्होंने कहा कि कोविड की इन विषम परिस्थितियों में रोजगार की दृष्टि से ये डेयरी बूथ लोगों के लिए आजीविका का माध्यम बन सकेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि डेयरी बूथों के माध्यम से लोगों को रोजगार तो मिलेगा ही, साथ ही प्रदेश में डेयरी क्षेत्र का फैलाव करने में भी मदद मिलेगी।
श्री गहलोत ने कहा कि प्रदेश में गौवंश की उन्नत नस्लों के संरक्षण एवं संवर्धन पर विशेष जोर दिया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने गौशालाओं को दिए जाने वाले अनुदान की प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया है। इससे गौशालाओं को सहायता राशि जल्द से जल्द उपलब्ध हो सकेगी। उन्होंने कहा कि गौशालाओं में गौवंश के संरक्षण के लिए माकूल इंतजाम सुनिश्चित किए जाएं।
कृषि एवं पशुपालन मंत्री श्री लालचंद कटारिया ने कहा कि प्रदेश में गांव-ढाणी तक पशुपालन गतिविधियों को बढ़ावा देने और पशु चिकित्सा की सुविधा के लिए पशु चिकित्सा उपकेन्द्र एवं पशु चिकित्सालय खोले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्थायी रूप से भर्ती प्रक्रिया पूर्ण होने तक पशु चिकित्सा कार्मिकों की कमी को पूरा करने के लिए अर्जेन्ट टैम्परेरी बेसिस पर सेवाएं लेने के लिए प्रयास किया जा रहा है।
गोपालन मंत्री श्री प्रमोद जैन भाया ने कहा कि प्रदेश में गौशालाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए विभाग पूरी प्रतिबद्धता से काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि नगरीय निकाय विभाग तथा सहकारिता विभाग के साथ समन्वय कर डेयरी बूथों के विस्तार के काम को गति देने के प्रयास किए जा रहे हैं।
पशुपालन राज्यमंत्री श्री भजन लाल जाटव ने कहा कि राज्य में विभिन्न बजट घोषणाओं के माध्यम से बड़ी संख्या में पंचायत स्तर तक नवीन पशु चिकित्सा उपकेन्द्र खोले जा रहे हैं, जिसका लाभ गांव-ढाणी तक पशुपालकों को मिल रहा है।
शासन सचिव पशुपालन एवं गोपालन विभाग श्रीमती आरूषि मलिक ने विस्तृत प्रस्तुतीकरण देते हुए पशुपालन, गौपालन एवं आरसीडीएफ की बजट घोषणाओं की प्रगति एवं विभागीय गतिविधियों की जानकारी दी। बैठक में मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य, प्रमुख सचिव वित्त श्री अखिल अरोरा, आरसीडीएफ के एमडी श्री के एल स्वामी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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