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वृहद पेयजल परियोजनाओं की प्रगति की वीसी से समीक्षा : कार्यों को समय पर पूरा करने के लिए प्रोजेक्ट की ओनरशिप लें - अतिरिक्त मुख्य सचिव


जयपुर, 12 जून। जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सुधांश पंत ने शनिवार को प्रदेश में वृहद पेयजल परियोजनाओं की प्रगति की वीडियो कांफ्रेंसिंग (वीसी) के माध्यम से समीक्षा की। श्री पंत ने कहा कि पेयजल प्रोजेक्ट्स को निर्धारित टाइमलाइन में पूर्ण करने के लिए अभियंता प्रोजेक्ट की ओनरशिप लेते हुए कार्य करें। उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट्स में रिजर्वायर, पम्पिंग स्टेशन और उच्च जलाशय निर्माण जैसे सिविल कार्यों को पाइप लाइन बिछाने के समानांतर संचालित करने जैसी अलग पहल की जाए, जिससे कार्यों में अनावश्यक विलंब को टाला जा सकता है।

श्री पंत ने टाइम ओवर रन प्रोजेक्ट्स के लिए रिवाईज्ड टाइमलाइन के अनुसार संचालित कार्यों के बारे में अधिकारियों से विस्तार से चर्चा करते हुए अधिकारियों को माइक्रो प्लानिंग के साथ सतत समन्वय एवं मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट के कार्यों में हाईवेज, रेलवे और वन विभाग से क्लियरेंस लेने जैसे अंतरविभागीय मुद्दों के लिए अधिकारी व्यक्तिगत रूचि के साथ प्रयास करें तो इनका भी समय पर समाधान हो सकता है। उन्होंने अधिकारियों को टाइम ओवर रन प्रोजेक्ट्स को जल्द से जल्द पूरा कराने के लिए सकारात्मक नजरिए के साथ अपने प्रयासों में सघनता लाने के निर्देश दिए।

अतिरिक्त मुख्य सचिव ने इस बात की सराहना की कि पिछले कुछ समय से देरी से चल रहे प्रोजेक्ट्स के कार्यों को ट्रैक पर लाने के लिए राज्य स्तर पर प्रोजेक्ट विंग द्वारा अपने अधिकारियों, प्रोजेक्ट्स से जुड़ी फर्मों के स्थानीय प्रतिनिधियों तथा उनके शीर्ष प्रबंधन के साथ छोटी-छोटी अवधि की वीसी आयोजित कर बकाया कार्यों को जल्दी से पूरा करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने ऎसे प्रयासों को आगे भी जारी रखने के निर्देश देते हुए कहा कि आमने-सामने चर्चा होने से कार्यों में आ रही रूकावट को जल्द दूर किया जा सकता है। उन्होंने वर्चुअल माध्यम से एक साथ कई प्रोजेक्ट्स का काम देख रही फर्मों से प्रोजेक्टवार वीसी आयोजित कर ओवर रन प्रोजेक्ट्स को शीघ्रता से पूरा कराने के निर्देश दिए।

श्री पंत ने कहा कि अधिकारी इस बात पर भी पूरा ध्यान दे कि प्रोजेक्ट में कार्यरत एजेंसीज निर्धारित नियमों और प्रक्रियाओं की पूर्ण पालना करें। इसमें किसी प्रकार की कोताही या अनियमितता को गंभीरता से लिया जाएगा। कोई भी फर्म विभाग की अनुमति बिना प्रोजेक्ट्स के बारे में अपने स्तर पर महत्वपूर्ण निर्णय नहीं करे। प्रोजेक्ट्स के लिए निर्धारित मानदंडों में अनुमत होने पर ही विभाग में सक्षम स्तर से स्वीकृति के बाद ही किसी प्रकार के बदलाव की छूट दी जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रोजेक्ट्स में वाटर रिजर्वेशन या उपलब्ध वाटर शेयर के बारे में अधिकारी स्थानीय स्तर पर कोई निर्णय नहीं ले।

बैठक में बताया गया कि मेजर प्रोजेक्ट्स के तहत जयपुर रीजन में फागी-दूदू-फुलेरा पेयजल परियोजना में फागी के पैकेज एवं बीसलपुर-दूदू-फुलेरा परियोजना का बकाया कार्य इसी जून माह में तथा टोंक-देवली-उनियारा पेयजल परियोजना का शेष कार्य आगामी जुलाई माह में पूर्ण हो जाएगा। इसी प्रकार अन्य परियोजनाओं के शेष कार्यों में चुरू प्रोजेक्ट में इंदिरा गांधी नहर परियोजना से एकीकृत तारानगर-झुंझुनू-सीकर परियोजना जून 2021, नागौर में लिंक परियोजना के फेज-तृतीय एवं चतुर्थ व प्रभातसर सीडीएस-01 पैकेज जुलाई 2021 तथा मकराना प्रोजेक्ट सीडीएस-02 अगस्त 2021 तक पूरे हो जाएंगे। कोटा रीजन में शायगढ़ प्रोजेक्ट का कार्य इसी माह तथा गागरिन-कोटा एवं अंता-सोनवा पेयजल परियोजनाओं का बचा हुआ कार्य आगामी जुलाई माह में पूरा कर लिया जाएगा। श्री पंत ने प्रदेश में अन्य वृहद परियोजनाओं के बकाया कार्यों को भी तत्परता से पूरा करने के लिए सतत और समन्वित प्रयास जारी रखने के निर्देश दिए। 

वीसी से मुख्य अभियंता (विशेष प्रोजेक्ट्स) श्री दलीप कुमार गौड़, मुख्य अभियंता (तकनीकी) श्री संदीप शर्मा, मुख्य अभियंता (नागौर) श्री दिनेश गोयल, मुख्य अभियंता (जोधपुर) श्री नीरज माथुर तथा अतिरिक्त मुख्य अभियंता (विशेष प्रोजेक्ट्स) श्री बीएल मीना के अलावा भरतपुर, अजमेर, जोधपुर, नागौर, कोटा, बाड़मेर एवं अन्य प्रोजेक्ट रीजन से अतिरिक्त मुख्य अभियंता एवं अधीक्षण अभियंता स्तर के अधिकारी भी जुड़े।

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