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पोर्टल पर क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटियों की मिली 82 हजार 809 शिकायतें, डेजीगनेटेड़ कोर्ट में इस्तगासा होगा दायर, विजिलेन्स ऑथोरिटी का होगा गठन


जयपुर, 10 जून। रजिस्ट्रार, सहकारिता श्री मुक्तानन्द अग्रवाल ने कहा कि क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटियों में अनियमितता के विरूद्ध शिकायत प्राप्त करने के लिए बनाए गए राज सहकार पोर्टल पर 82 हजार 809 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इन शिकायतों के लिए 33 जिला न्यायालयों को बड्स एक्ट-2019 के तहत डेजीगनेटेड कोर्ट घोषित कर इस्तगासा दायर करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

श्री अग्रवाल ने बताया कि अब तक 82 हजार 809 शिकायतों में से 51 हजार 42 प्रकरणों में निवेशकों को जिला उप रजिस्ट्रार द्वारा नोटिस जारी किये जा चुके हैं तथा दस्तावेज लिए जा रहे हैं। स्टेट क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटियों के विरूद्ध 306 इस्तगासा दायर हो चुके है जबकि केन्द्रीय रजिस्ट्रार द्वारा 48 मल्टी स्टेट क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटियों के संबंध में अभी तक समितियों के पंजीयन, पत्रादि एवं उतरदायी व्यक्तियों की प्रमाणिक प्रति सहित अन्य आवश्यक सूचनाऎं नही दी हैं। केन्द्रीय रजिस्ट्रार को इस संबंध में सूचित किया जा चुका है। वांछित दस्तावेज मिलने पर इन सोसायटियों के विरूद्ध भी इस्तगासा दायर किया जाएगा।

रजिस्ट्रार ने बताया कि मुख्यमंत्री बजट घोषणा 2021-22 के तहत मल्टी स्टेट क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटियों के निवेशकों को भविष्य में धोखाधड़ी से बचाने के लिए विजिलेन्स अथॉरिटी का गठन किया जा रहा है। विधि विभाग एवं महानिदेशक पुलिस से सदस्य अधिकारी के पदनाम प्राप्त हो चुके हैं, शीघ्र ही अथॉरिटी के गठन के आदेश जारी होंगे। उन्होंने बताया कि ऎसी क्रेडिट सोसायटियां जो रजिस्टर्ड नहीं हो किन्तु उनके द्वारा जमाएं ली जा रही हों तो उनसे लेन-देन का व्यवहार ना करें। 

श्री अग्रवाल ने बताया कि आमजन को सलाह दी जाती है कि क्रेडिट सोसायटियों की लोभ-लुभावनी स्कीमों एवं ब्याज दर के लालच में ना आएं। अपंजीकृत क्रेडिट सोसायटियों से किसी भी प्रकार की जमा एवं निकासी नही करें तथा निवेशक धोखाधड़ी का शिकार होने पर तत्काल राज सहकार पोर्टल पर अपनी शिकायत दर्ज करायें।

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