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विभाग पीपीपी परियोजनाओं की रूपरेखा 31 जुलाई तक करें तैयार - मुख्य सचिव


जयपुर, 21 जून। मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य ने सभी विभागों से कहा कि वे नेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन योजना के तहत उपयुक्त सार्वजनिक-निजी साझेदारी (पीपीपी) परियोजनाओं की रूपरेखा शीघ्र तैयार करें। उन्होंने कहा कि अपशिष्ट जल शोधन, जलापूर्ति, ठोस कचरा प्रबंधन, स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में परियोजनाओं के निर्माण की प्रबल संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में इन्फ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ बनाने के लिए संबंधित विभाग शीघ्र योजनाएं बनाएं। मुख्य सचिव ने विभागों को 31 जुलाई तक परियोजनाओं की रूपरेखा तैयार करने के लिए कहा। उन्होंने अधिकारियों को विभागों में प्रोजेक्ट डवलेपमेंट सैल की स्थापना शीघ्र करने के निर्देश भी दिये।

मुख्य सचिव सोमवार को केंद्र की नेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइप लाइन (एनआईपी) योजना के तहत विभागों द्वारा तैयार की जाने वाली परियोजनाओं की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने विभागों द्वारा तैयार किये जा रहे पीपीपी प्रोजेक्ट्स की प्रगति की समीक्षा की और कहा कि अन्य विभाग भी प्रत्येक वर्ष के लिए शैल्फ ऑफ प्रोजेक्ट्स तैयार करें। उन्होंने कहा कि विभाग वायबिलिटी गैप फंडिंग सपोर्ट की आवश्यकता वाली उपयुक्त परियोजनाओं की रूपरेखा भी केन्द्र सरकार को शीघ्र भिजवाएं। श्री आर्य ने कहा कि सभी विभाग प्रोजेक्ट डवलेपमेंट सैल की स्थापना और उसका सुदृढ़िकरण सुनिश्चित करें।

मुख्य सचिव ने बताया कि नेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन की उपयोजना- 1 के तहत राज्यों की सामाजिक क्षेत्र की परियोजनाएं जैसे जल, वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट, सोलिड वेस्ट, स्वास्थ्य तथा शिक्षा आदि परियोजनाओं को मंजूरी दी जाती है, जिनमें परिचालन लागत की शत प्रतिशत वसूली हो। इन योजनाओं में 30 प्रतिशत तक पूंजीगत व्यय केन्द्र सरकार द्वारा, तीस प्रतिशत तक राज्य सरकार द्वारा दिया जा सकता है। उप योजना -2 के तहत स्वास्थ्य तथा शिक्षा की परियोजनाओं में कम से कम 50 प्रतिशत तक की परिचालन वसूली होनी चाहिये। इसमें कुल पूंजी लागत का 40 प्रतिशत केन्द्र सरकार द्वारा वायबल गैप फंडिंग सपोर्ट के रूप में तथा राज्य सरकार द्वारा अतिरिक्त 40 प्रतिशत तक की फंडिंग की जा सकती है।

आयोजना विभाग के शासन सचिव श्री नवीन जैन ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से विभिन्न विभागों में पीपीपी प्रोजेक्ट्स की प्रगति के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि स्वायत्त शासन विभाग द्वारा केन्द्र सरकार के आर्थिक कार्य विभाग को जयपुर व जोधपुर के सॉलिड वेस्ट मेनेजमेंट के प्रोजेक्ट्स वायबिलिटी गैप फंडिंग के तहत भेजे गए हैं। उन्होंने जानकारी दी कि विभाग द्वारा आर्थिक एवं सांख्यिकी सेवा के सात अधिकारी प्रभारी (इन्फ्रास्ट्रक्चर तथा पीपीपी) के तौर पर कार्य करेंगे। यह अधिकारी संबंधित विभाग की प्रोजेक्ट डेवलपमेंट सैल के साथ एनआईपी के पीपीपी तथा नॉन पीपीपी प्रोजेक्ट्स तैयार करने काम करेंगे। 

बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग श्री सुधांश पंत, प्रमुख शासन सचिव वित्त श्री अखिल अरोड़ा, प्रमुख शासन सचिव कृषि श्री भास्कर सावंत, प्रमुख शासन सचिव नगरीय विकास एवं आवासन विभाग श्री कुंजी लाल मीणा, प्रमुख शासन सचिव सूचना, प्रोद्योगिकी एवं संचार विभाग श्री आलोक गुप्ता, प्रमुख शासन सचिव ऊर्जा विभाग श्री दिनेश कुमार, प्रमुख शासन सचिव जल संसाधन विभाग श्री नवीन महाजन, शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा विभाग श्री वैभव गालरिया, शासन सचिव स्वायत्त शासन विभाग श्री भवानी सिंह देथा तथा संबंधित विभागों के अधिकारियों ने वीसी के माध्यम से भाग लिया।

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