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ब्लैक फंगस की रोकथाम के लिए सरकार ने विशेष विमान भेजकर मंगवाई वैक्सीन, आगामी 2 दिनों में प्रदेश को मिल सकेंगी 14,350 वाइल


जयपुर, 5 जून। प्रदेश में ब्लैक फंगस (म्यूकोरमाईकोसिस) की रोकथाम के लिए राज्य सरकार ने शनिवार को विशेष विमान भेजकर इंजेक्शन वाइल्स मंगवाई। दो विशेष विमानों से 1000 और 1350 वाइल्स प्राप्त हो चुकी हैं।

चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने बताया कि 11 मई से भारत सरकार द्वारा ब्लैक फंगस के उपचार में काम आने वाले इंजेक्शन लिपोसोमोल एमफोटरसिन- 8, 50 एमजी का आवंटन किया जा रहा है, जिसमें राजस्थान राज्य को 11 मई से 3 जून तक केवल 16000 मात्रा आवंटित की गई थी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए केंद्र सरकार से कोटा बढ़ाने के लिए लगातार चर्चा की गई। केंद्र सरकार द्वारा 4 जून को पहली बार एक साथ 13 हजार 350 मात्रा राजस्थान राज्य को आवंटित कर दी गई।

चिकित्सा मंत्री ने बताया की दवा मंगाने के लिए तीनों स्तरों पर कार्य किया गया है। राज्य सरकार ने एक विशेष विमान दिल्ली से भेजा है जो मुम्बई से 1000 वाइल के बॉक्स लेकर जयपुर पहुंचा। इसके अलावा एक अलग विमान से 1350 वाइल भी प्राप्त हो चुकी हैं। उन्होंने बताया कि शेष 9000 वाइल्स विशेष कोल्ड स्टोरेज कंटेनर में आगामी दो दिनों पहुँच जाएगी। इस तरह प्रदेश को 2 दिनों में 14,350 वाईल प्राप्त होगी।

आरएमएससीएल के प्रबंध निदेशक श्री आलोक रंजन ने शनिवार शाम स्टेट हैंगर पर वाइल्स प्राप्त की। उन्होंने बताया कि कैडिला फार्मा से भी लगभग 3000 वाइल्स आज देर रात एयरपोर्ट पहुँच जाएंगी। उन्होंने बताया कि आरएमएससीएल द्वारा वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में 10,000 लिपिड़ एम्फोटेरिसिन इंजेक्शन के क्रयादेश पहले ही जारी किये जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि पोसाकोनाजोल टेबलेट जिसका उपयोग स्टेप डाउन थेरेपी ओर अल्टरनेट चिकित्सा में होगा उसके लिए 5000 टेबलेट पहले ही एसएमएस चिकित्सालय एवं संभागीय मेडिकल कॉलेजों में उपलब्ध करवा दी गई हैं। 

श्री रंजन ने बताया कि इसके अलावा शनिवार को 10,000 पोसाकोनाजोल टेबलेट एवं 10,000 इंजेक्शन के भी क्रयादेश जारी किए गए हैं, जिसकी आपूर्ति एक सप्ताह में होना संभावित है। उन्होंने बताया कि राजस्थान को आज तक कुल 29,350 पोसाकोनाजोल टेबलेट आवंटित हुई हैं जिनमें से 12, 802 प्राप्त हुई हैं। उन्होंने बताया कि आरएमएससीएल द्वारा कुल 59,750 मात्रा के क्रयादेश जारी किये जा चुके हैं।

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