नवगठित ग्राम सेवा सहकारी समितियों का 10 जुलाई तक पंजीयन कराए, स्टेट क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटियों के खिलाफ शिकायतों पर इस्तगासा दायर करे
जयपुर, 21 जून। प्रमुख शासन सचिव, सहकारिता श्री भास्कर ए सावंत ने कहा कि मुख्यमंत्री बजट घोषणा के अन्तर्गत नवगठित होने वाली ग्राम सेवा सहकारी समितियों का पंजीयन 10 जुलाई तक अवश्य रूप से कराए ताकि इन्हें क्रियाशील कर किसानों को अल्पकालीन सहकारी फसली ऋण सहित अन्य सुविधाओं से लाभान्वित किया जा सके।
श्री सावंत सोमवार को वर्चुअल तरीके से विभागीय अधिकारियों से मुख्यमंत्री बजट घोषणा सहित अन्य बिन्दुओं के क्रियान्वयन पर रूबरू हो रहे थे। उन्होंने कहा कि इस वित्तीय वर्ष में 718 नई ग्राम सेवा सहकारी समितियों का गठन होना है। फील्ड़ के अधिकारी शीघ्र ही इससे संबंधित कार्यवाही पूरी कर प्रस्ताव भिजवायें ताकि स्वीकृति दी जा सके।
उन्होंने कहा कि नवगठित 282 ग्राम सेवा सहकारी समितियों में से अभी तक 93 का ही पंजीयन हुआ है। ऎसे में शेष समितियों के पंजीयन में तत्परता बरते। उन्होंने निर्देश दिए कि विभाग के फंक्शनल अधिकारी जिलेवार टारगेट तय कर मॉनिटरिंग करे। उन्होंने कहा कि गोदाम निर्माण की शुरूआत एवं इससे संबंधित लंबित प्रकरणों को 15 दिन में निस्तारित करें।
श्री सावंत ने कहा कि स्टेट क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटियों के खिलाफ अभी तक 1081 शिकायतें प्राप्त हुई है। जिसमें से 665 शिकायतों पर नोटिस जारी हुआ है तथा 305 मामलों में इस्तगासा दायर हुआ है। उन्होंने निर्देश दिए कि शिकायतों के शेष मामलों में जिला उप रजिस्ट्रार नोटिस जारी कर इस्तागासा दायर करने की प्रक्रिया तेज करे।
रजिस्ट्रार सहकारिता श्री मुक्तानन्द अग्रवाल ने कहा कि मल्टी स्टेट क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी के धोखाधड़ी के मामलों में निवेशकों की 80 हजार से अधिक शिकायते मिली है, इसमें से 56 हजार से अधिक नोटिस जारी किए है। उन्होने निर्देश दिए कि शेष शिकायतों में भी नोटिस जारी करें ताकि केन्द्रीय रजिस्ट्रार से आवश्यक सूचना प्राप्त होने पर इन सोसायटियों के खिलाफ भी इस्तगासा दायर हो सके।
श्री अग्रवाल ने कहा कि बजट घोषणाओं में गोदाम निर्माण से संबंधित घोषणाओं के क्रियान्वित में टारगेट को पूरा करे। जहां गोदाम निर्माण प्रारंभ नहीं हुआ है वहां इसे शुरू करे साथ ही जहां गोदाम निर्माण के लिए भूमि सहित अन्य प्रक्रिया लंबित है ऎसे प्रकरणों में सहकारी बैंकाें के प्रबंध निदेशक इसे गंभीरता से लेते हुए पूरा करे।
समीक्षा बैठक के दौरान अन्य बजट घोषणाओं सहित खाद, बीज एवं कीटनाशको की मांग एवं उपलब्धता के बारे में भी चर्चा कर आवश्यक दिशा-निर्देश अधिकारियों को दिए गए। बैठक के दौरान राज्य के सभी खण्डीय रजिस्ट्रार, सहकारी बैंकों के एमडी, जिला उप रजिस्ट्रार सहित विभागीय अधिकारी भी उपस्थित थे।
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