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अवैद्य खनन, निर्गमन और भण्डारण कर्ताओं पर और अधिक कसेगा सिकंजा, जब्त सामग्री का होगा अधिहरण - एसीएस माइंस


जयपुर, 10 मई। राज्य के खनिज विभाग द्वारा अब अवैद्य खनन, निर्गमन और भण्डारण कर्ताओं पर और अधिक सख्त सिकंजा कसा जाएगा। अतिरिक्त मुख्य सचिव माइन्स एवं पेट्रोलियम डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया है कि अवैद्य खनन, परिवहन और भण्डारण पर कार्यवाही के दौरान जब्तशुदा सामग्री का राज्य सरकार के पक्ष में अधिहरण करवाया जाएगा। इसके लिए अधिकारियों को तय समय सीमा में नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश देते हुए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।

एसीएस माइंस डॉ. अग्रवाल ने सोमवार को सचिवालय में खान विभाग के उच्चाधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने राज्य में अवैद्य खनन गतिविधियों पर सख्त और प्रभावी कार्यवाही के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि एमएमडीआर एक्ट 1957 के अनुसार राज्य सरकार की वैद्य अनुमति के बिना खनन कार्य करने, उसका परिवहन करने और भण्डारण गैरकानूनी गतिविधि है। प्रावधानों के अनुसार ऎसी गतिविधियों पर कार्यवाही करते हुए खनिज वाहन, मशीनरी, उपकरण, परिवहन वाहन व सामग्री को जब्त किया जाता है और नियमानुसार कुल शास्ती राशि (रॉयल्टी की दस गुणा राशि) और कम्पाउण्ड राशि व न्यायालय या ट्रिब्यूनल द्वारा आदेशित कम्पाउण्ड राशि की वसूली की जाती है।

निर्देशों के अनुसार अवैद्य खनन, निर्गमन और भण्डारणकर्ता के कब्जे से खनिज वाहन, मशीनरी, औजार, उपकरण आदि जब्त करने के बाद तीन माह की अवधि तक समस्त जुर्माना राशि जमा नहीं कराई जाती है तो उस स्थिति में सक्षम न्यायालय में आवेदन कर जब्तशुदा सामग्री यथा ट्रेक्टर, जेसीबी मशीन, खनन गतिविधियों में काम में लिए जा रहे अन्य उपकरण, औजार आदि, इस कार्य में उपयोग में लिए जा रहे वाहन, जब्तशुदा खनिज सामग्री, बजरी आदि को राज्य सरकार के पक्ष में अधिहरण करवाया जाएगा।

बैठक में एसीएस माइंस डॉ. अग्रवाल ने खनन गतिविधियों में कोरोना प्रोटोकाल की पालना सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए।

बैठक में निदेशक माइंस श्री केबी पण्ड्या, उपसचिव नीतू बारुपाल, श्री हर्ष सावन सूखा, अतिरिक्त निदेशक श्री बीएस सोढ़ा, ओएसडी श्री महाबीर मीणा, डीएलआर श्री गजेन्द्र सिंह आदि उपस्थित थे।

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