डोर टू डोर सर्वे में एक भी घर नहीं छूटे, कोरोना की चेन तोड़ने के लिए ‘‘अर्ली डिटेक्शन-अर्ली ट्रीटमेंट’’ जरूरी - संभागीय आयुक्त
- संभागीय आयुक्त,जयपुर ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए की जयपुर, सीकर, अलवर, झुंझुनू और दौसा में कोविड के प्रबन्धन की समीक्षा
- जयपुर जिले के ‘‘मेरा गांव-मेरी जिम्मेदारी’’ और ‘‘त्रिस्तरीय सर्वे मॉडल’’ की तारीफ
जयपुर, 28 मई। संभागीय आयुक्त श्री दिनेश कुमार यादव ने शुक्रवार को संभाग के सभी जिलों जयपुर, सीकर, अलवर, झुंझुनू एवं दौसा के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में कोविड संक्रमण की वर्तमान स्थिति, ‘‘डोर टू डोर सर्वे’’, सैम्पलिंग की संख्या एवं इसके प्रबन्धन के लिए किए जा रहे विशेष प्रयासों की वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से समीक्षा की। उन्होंने कहा कि संक्रमण की संख्या में कमी जरूर आ रही है लेकिन कोरोना के प्रसार को रोकने के प्रयासों में कमी नहीं आनी चाहिए।
संभागीय आयुक्त ने सभी जिला कलेक्टरों को विशेषकर ग्रामीण क्षेत्र में सैम्पलिंग बढाने के निर्देश दिए। उन्होंने एएनएम, बीएलओ आदि के माध्यम से आईएलआई मरीजों का पता लगाने के लिए ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में घर-घर किए जा रहे सर्वे को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए ‘‘अर्ली डिटेक्शन-अर्ली ट्रीटमेंट’’ जरूरी है। उन्होंने कहा कि एक भी घर इस सर्वे में छूटे नहीं, आईएलआई रोगी या कोराना संक्रमण का संदेह होते ही मेडिकल किट के जरिए प्राथमिक उपचार प्रारम्भ करने एवं उसे कोविड कन्सल्टेशन सेंटर जाने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने सभी जिला कलेक्टरो से सर्वे के बारे मेें जानकारी ली।
श्री यादव ने निर्देश दिए कि संभावित सुपर स्प्रेडर्स गु्रप, राशन एवं सब्जी दुकान, सर्वे संचालित कर रहे कार्मिकों का भी नियमित रूप से सैम्पल लिया जाए। उन्होंने कहा कि तीसरी लहर की आशंकी को देखते हुए ऑक्सीजन, बैड, जीवन रक्षक उपकरणों, आवश्यक दवाओं की उपलब्धता के साथ सभी आवश्यक तैयारियां पूरी रखी जाएं।
संभागीय आयुक्त ने कहा कि आर्थिक गतिविधियों में कमी के कारण निर्धन वर्ग के लिए समय कठिन हो सकता है। ऎसे में इंदिरा रसाई एवं भामाशाहों के सहयोग से भोजन की व्यवस्था के प्रयास भी किए जाएं। उन्होंने कई जिलों में कोविड प्रबन्धन के दौरान किए गए विशेष प्रयासों एवं नवाचारों के लिए जिला कलक्टर्स की तारीफ भी की।
जिला कलक्टर श्री अन्तर सिंह नेहरा ने बताया कि जयपुर में त्रिस्तरीय ‘‘डोर टू डोर’’ व्यवस्थित एवं प्रभावी सर्वे प्रारम्भ किया गया, जिसे राज्यभर में एक मॉडल की तरह अपनाया गया है इसी तरह ‘‘मेरा गांव-मेरी जिम्मेदारी’’ मॉडल कोटपूतली से निकला। जहां पूर्व सरपंच, सरपंच, वार्ड पंच, आंगनवाडी कार्यकर्ता जैसे 10-15 जनप्रतिनिधियों, कर्मचारियों एवं गणमान्य व्यक्तियों के समूह और उनके व्हाट्सअप गु्रप बनाकर प्रशासन द्वारा निरंतर संवाद कायम किया गया। सीकर में प्रशासन एवं पुलिस के प्रयासों से एक भी कोविड पॉजिटिव व्यक्ति ने क्वारंटीन अवधि में दिशा निर्देश का उल्लंघन नहीं किया। झुंझनू में तीन दिवस तक ‘‘अपना गांव अपनी बीट’’ अभियान चलाकर क्विक सर्वे एवं हीलिंग टच से संवाद कायम कर संक्रमण रोकने के प्रयास किए गए।
संभागीय आयुक्त ने आगामी दिनों में विवाह समारोहों के आयोजन और उनमें भीड़-भाड़ की संभावनाओं के प्रति सचेत रहने के निर्देश दिए। साथ ही सभी जिला कलक्टर्स को गर्मी की ऋतु को देखते हुए जलप्रदाय योजना से जुडे़ पेंडिंग बिजली कनेक्शन्स का रिव्यू कर उन्हें जल्द प्रारम्भ करवाने के भी निर्देश दिए। वीडियो कांफ्रेंस में आईजी श्री हवासिंह घुमरिया ने संभाग के पुलिस अधिकारियों से कहा कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम के साथ ही अपराधों की रोकथाम के लिए भी सजग रहने की आवश्यकता है। संक्रमण में कमी के कारण सख्ती में कमी नहीं आनी चाहिए और मेरा गांव मेरी जिम्मेदारी जनअभियान को एक जन आन्दोलन बनाने के प्रयास करें। इस मौके पर अतिरिक्त संभागीय आयुक्त श्री सेवाराम स्वामी भी उपस्थित थे।
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