कोविड की तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर अस्पतालों में बढ़ाए जा रहे हैं संसाधन - चिकित्सा शिक्षा सचिव
जयपुर, 27 मई। चिकित्सा शिक्षा सचिव श्री वैभव गालरिया ने कहा है कि कोविड की संभावित तीसरी लहर से निपटने की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। बच्चों पर इसके ज्यादा असर की आशंका को देखते हुए राज्य के अस्पतालों में अतिरिक्त संसाधन जुटाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अस्पतालों की मातृ एवं शिशु विंग में नीकू (NICU) और पीकू (PICU) बेड्स की संख्या बढ़ाई जा रही है। कोविड की दूसरी लहर के दौरान जिस तरह से ऑक्सीजन और वेंटिलटर्स की आवश्यकता एकाएक बढ़ी है, उसे देखते हुए बच्चों के वार्डो में इनकी अतिरिक्त व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए गए हैं।
श्री गालरिया गुरूवार को शासन सचिवालय से राज्य के सभी राजकीय चिकित्सा महाविद्यालयों के प्राचार्यों के साथ वर्चुअल बैठक कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित किए जाने के साथ ही पीडियाट्रिशियन्स को इस संबंध में पर्याप्त प्रशिक्षण के निर्देश भी दिए। चिकित्सा शिक्षा सचिव ने इस बात पर भी जोर दिया कि महिला और शिशु चिकित्सालयों में व्यवस्था इस तरह से बनाई जाए कि आपात स्थिति में भी सामान्य प्रसूताओं को कोविड संक्रमित प्रसूताओं और बच्चों से अलग रखा जा सके। उन्होंने कहा कि आपात स्थिति में इंस्टॉल किए गए उपकरणों का रखरखाव भी सुनिश्चित किया जाए।
चिकित्सा शिक्षा भवन से बैठक में शामिल हुईं चिकित्सा शिक्षा आयुक्त श्रीमती शिवांगी स्वर्णकार ने कहा कि कोटा जैसे सीमावर्ती जिलों में स्थित मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में पड़ोसी राज्यों से भी काफी बड़ी संख्या में रोगी इलाज के लिए पहुंचते हैं। ऎसे में चिकित्सालयों को अतिरिक्त संसाधनों की आवश्यकतानुरूप तैयारियां करनी चाहिए।
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