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एमआरपी से अधिक कीमत पर माल बेचने पर विधिक मापविज्ञान प्रकोष्ठ की कार्यवाही


जयपुर, 3 मई। कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए लागू प्रतिबंधों के दौरान आवश्यक वस्तुओं के सम्बन्ध में व्यापारियों की मुनाफाखोरी रोकने के लिए सोमवार को विधिक मापविज्ञान विभाग के अधिकारियों ने कुल 47 निरीक्षण किये, 10 केस दर्ज किये और 09 दुकानदारों के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए विभिन्न मामलों में कुल 37,500 रुपये की पेनल्टी लगाई गयी।

उपभोक्ता मामले विभाग के शासन सचिव श्री नवीन जैन ने बताया कि अजमेर जिले में चंदानी एंड संस, ब्यावर के द्वारा दाल के पैकेट पर निर्धारित सूचनाओं का प्रदर्शन नहीं मिलने और बिना पंजीकरण के पैक करने के मामले में 2500 रुपए और 5000 रुपए कुल 7500 रुपये का जुर्माना लगाया गया।

अजमेर जिले में की गई एक अन्य कार्यवाही में जेके स्टोर, ब्यावर के द्वारा दाल के पैकेट पर निर्धारित सूचनाओं का प्रदर्शन नहीं होने के मामले में 2500 रुपये का जुर्माना लगाया गया।

विधिक मापविज्ञान विभाग ने जिला नागौर में एमआरपी से अधिक कीमत पर वस्तुएं बेचने की शिकायत पर चौहान जनरल स्टोर, मूंडवा द्वारा गुटका बेचने के मामले में 5000 का जुर्माना एवं ‘‘के एंड एम् स्टोर‘‘, मूंडवा पर मकई कबाब के पैकेट पर सूचनाओं का प्रदर्शन नहीं होने के मामले में 2500 रुपये का जुर्माना लगाया।

बीकानेर जिले में की गई कार्यवाही के तहत गुटखे को अधिकतम विक्रय मूल्य से अधिक मूल्य पर बेचने पर 3 दुकानदारों पर पांच पांच हजार का जुर्माना लगाया जाकर 15000 रुपए राजकोष में जमा कराये।

जिला पाली में छ-95 मास्क के पैकेट पर निर्धारित सूचनाओं का प्रदर्शन नहीं मिलने पर दो दुकानदारों पर 5000 रुपए का जुर्माना लगाया गया।

श्री जैन ने बताया कि विधिक माप विज्ञान (डिब्बा बंद वस्तुएं) नियम, 2011 जिन्हें पीसीआर पीसी रूल्स भी कहते है, के नियम 6 के तहत पैकेट पर नियमानुसार सूचना प्रदर्शन करना होता है, नियम 18 (2) के तहत वस्तु को पैकेट पर अंकित एमआरपी पर ही बेचना होता है और किसी भी व्यापारी के द्वारा किसी भी वस्तु को पैक करके बेचने से पहले विधिक माप विज्ञान विभाग से रजिस्ट्रेशन संख्या प्राप्त करना आवश्यक होता है। इन प्रावधानों का उल्लंघन किये जाने पर जुर्माना लगाये जाने का प्रावधान है। नियम 6, नियम 18 (2) और नियम 27 के उल्लंघन पर क्रमशः 2500 रुपए, 5000 रुपए और 5000 रुपये का जुर्माने का प्रावधान है। दुबारा उल्लंघना पाए जाने पर आपराधिक दांडिक कार्रवाई भी की जाती है।

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