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पशुओं की बीमारियों पर सतत निगरानी रखते हुए जरूरी औषधियों व टीकों की उपलब्धता सुनिश्चित करें - पशुपालन मंत्री


जयपुर, 12 मई। कृषि एवं पशुपालन मंत्री श्री लालचन्द कटारिया ने कहा कि पशुओं की बीमारियों पर सतत निगरानी रखते हुए जरूरी औषधियों व टीकों की उपलब्धता सुनिश्चित करें। श्री कटारिया बुधवार को अपने निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये विभागीय अतिरिक्त निदेशक एवं संयुक्त निदेशकों को पशुओं की समुचित चिकित्सा व्यवस्था सुनिश्चित करने तथा कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए आवश्यक सावधानी बरतने के लिए निर्देशित कर रहे थे।

पशुपालन मंत्री ने कहा कि कार्मिकों के कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए निदेशालय स्तर से उपलब्ध कराये गये वित्तीय प्रावधानों के अनुरूप मास्क, सैनिटाइंजर, साबुन आदि का शीघ्र क्रय कर फील्ड स्टाफ तक पहुंचाएं। उन्होंने कोरोना काल में दिवंगत हुए विभागीय पशु चिकित्सकों, सहायक कार्मिकों एवं उनके परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि जीवन की इस मुश्किल घड़ी में अपनी उम्मीद ना खोएं। उन्होंने स्थानीय अधिकारियों को दिवंगत विभागीय कार्मिकों के परिवारजनों को ढांढस बंधाने के लिए उनके घर जाकर संवेदना व्यक्त करने तथा पेंशन एवं अन्य परिलाभों का शीघ्र भुगतान करने के निर्देश दिए।

श्री कटारिया ने आमजन एवं जनप्रतिनिधियों की ओर से प्राप्त शिकायतों-सुझावों का तत्काल निस्तारण करने के निर्देश देते हुए कहा कि बजट घोषणा के अनुरूप नवीन पशु स्वास्थ्य उपकेन्द्र एवं संस्थाएं खोलने सम्बन्धी कार्य को गति प्रदान करें। उन्होंने विगत दिनों एवियन इन्फ्लूएन्जा से पक्षियों की मौत को लेकर रोग निदान के लिए केंद्र सरकार के सहयोग से राज्य में प्रयोगशाला स्थापना के प्रयास में तेजी लाने के निर्देश दिए। श्री कटारिया ने प्रदेश में चलाये जा रहे ‘‘मेरा पशु चिकित्सालय-मेरा अभिमान’’ अभियान की सराहना करते हुए दानदाताओं का आभार व्यक्त किया। 

पशुपालन विभाग की शासन सचिव डॉ. आरूषी मलिक ने कहा कि पंचायत समिति स्तर पर बकरी, अश्व, गौ एवं भैंस पालन करने वाले उन्नत पशुपालकों का चिन्हीकरण करें, ताकि अन्य पशुपालक उनसे प्रेरित होकर व्यवसाय को और अधिक लाभकारी बना सकें। उन्होंने विभागीय तरल नत्रजन वाहनों का ऑक्सीजन परिवहन के लिए अधिग्रहण करने के फलस्वरूप हिमीकृत वीर्य को जिला स्तर पर पूल करने के निर्देश दिए ताकि हिमीकृत वीर्य की गुणवत्ता बनी रहे। डॉ. मलिक ने पशु चिकित्सा संस्थाओं में औषधियों एवं आवश्यक रोग प्रतिरोधक टीकों की समुचित व्यवस्था एवं परिवहन करने के निर्देश दिए।

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