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सड़क के सुदृढ़ीकरण एवं चौड़ाईकरण के कार्य का वर्चुअल शिलान्यास : जनप्रतिनिधि अपने क्षेत्र के प्रस्ताव भेजें, विकास कार्यों में कोई कमी नहीं रखेगी सरकार - मुख्यमंत्री


जयपुर, 24 मई। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि सड़कें जितनी अच्छी होंगी उद्योग एवं व्यापार भी उतनी ही गति से बढेगा और प्रदेश विकास के पथ पर आगे बढ़ेगा। सडकों के विकास में राज्य सरकार ने कोई कमी नहीं रखी है। विश्व बैंक एवं एशियन डवलपमेंट बैंक के सहयोग से भी अच्छी एवं गुणवत्तापूर्ण सड़कें बनाई जा रही हैं।

श्री गहलोत सोमवार को 30 करोड़ रुपये की लागत से विराटनगर से चिलपली मोड सड़क के सुढ़ीकरण एवं चौड़ाईकरण के कार्य का वर्चुअल शिलान्यास करने के बाद संबोधित कर रहे थे। उन्होंने विराटनगर एवं जमवारामगढ़ विधानसभा क्षेत्र को मिली विकास कार्यों की सौगातों के लिए क्षेत्र की जनता को बधाई दी। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के इस दौर में राजस्व के संसाधन सीमित होने के बाद भी राज्य सरकार ने प्रदेश में विकास कार्यों में कोई कमी नहीं रखी है। विधायकों द्वारा अपने क्षेत्र में विकास से जुड़े प्रस्तावों को बजट में शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि अपने क्षेत्र में विकास कार्यों के प्रस्ताव भेजें तो उन कार्यों को पूरा करने में राज्य सरकार पीछे नहीं हटेगी।

श्री गहलोत ने कहा कि विधायक अपने-अपने क्षेत्र में आमजन से जुड़े विकास कार्यों को लेकर जो प्रयास कर रहे हैं वे सराहनीय हैं। यह अपने क्षेत्र के विकास के लिए उनकी सकारात्मक सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि हमारी पिछली सरकार के समय भी सड़कों के विकास के काफी कार्य हुए थे। विधायक अपने क्षेत्र में विकास के संबंध में प्रस्ताव भेजते हुए थक गए लेकिन राज्य सरकार ने उनके प्रस्तावों को स्वीकृत करने के साथ ही प्रदेश के विकास में कोई कमी नहीं रखी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2021-22 के बजट में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 5-5 करोड़ रूपये की लागत से नोन-पेचेबल अथवा मिसिंग लिंक के कार्य किए जा रहे हैं, इसके लिए 1000 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। पूरे प्रदेश में सड़क विकास, राजमार्गों के विकास, आरओबी एवं पुल निर्माण के लिए कुल 12 हजार 198 करोड़ रूपये का प्रावधान इस वर्ष के बजट में किया गया है।

श्री गहलोत ने कहा कि अधीक्षण अभियंताओं के साथ वीसी के दौरान मैनें स्पष्ट संदेश दिया था कि सड़कों की गुणवत्ता में कोई समझौता नहीं होना चाहिए। हमारा मकसद सड़कों की गुणवत्ता बनाए रखना है और क्वालिटी मेंटेन करने की जिम्मेदारी अभियंताओं की है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा बनवाई जाने वाली सड़कों के लिए डिफेक्ट लायबिलिटी पीरियड़ 3 वर्ष से बढ़ाकर 5 वर्ष कर दिया है।

श्री गहलोत ने कहा कि कोरोना संक्रमण रोकने के लिए राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों का उल्लेख करते हुए इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि आमजन के सहयोग से संक्रमण को काबू में करने के प्रयास सफल हुए हैं। उन्होंने वैक्सीनेशन पर जोर दिया और कहा कि कोरोना के खिलाफ इस जंग में वैक्सीनेशन सबसे बड़ा हथियार है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार मिलकर सभी को वैक्सीन लगाने का प्रबंधन करें तभी यह जंग जीती जा सकती है। उन्होंने सभी का आह्वान किया कि कोरोना संक्रमण के इस दौर में सभी इंसानियत के धर्म का पालन करते हुए एक-दूसरे की मदद करें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेशवासियों के साथ हर वक्त खड़ी है। उन्होंने घर-घर सर्वे पर जोर दिया ताकि संक्रमित व्यक्ति का पता सही समय पर लग सके और दूसरों को संक्रमण से बचाया जा सके।

कार्यक्रम में विराटनगर विधायक श्री इन्द्राज गुर्जर ने कहा कि वर्तमान सरकार के तीन बजट में विराटनगर विधानसभा क्षेत्र को विकास की कई सौगातें मिली हैं, जिनमें 125 करोड़ के सड़क विकास के कार्य शामिल हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2021-22 के बजट में 40 करोड़ सड़कों के लिए मिले हैं। उन्होंने क्षेत्र में पहले बजट में सरकारी कॉलेज देने तथा अभी पावटा को उपखंड बनाने सहित पीएचसी एवं थाने जैसी घोषणाओं के लिए क्षेत्र की जनता की ओर से मुख्यमंत्री को साधुवाद दिया। उन्होंने कहा कि 30 करोड़ की लागत की सड़क विराटनगर के लिए एक शानदार तोहफा है। इससे अलवर से जयपुर आने वाले वाहनों के लिए भी आवागमन में आसानी हो जाएगी।

जमवारामढ़ विधायक श्री गोपाल मीणा ने भी उनके क्षेत्र को दी गई विकास की सौगातों के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। दोनों विधायकों ने खुले मन से मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश में शानदार कोरोना प्रबंधन की प्रशंसा की।

प्रमुख शासन सचिव, सार्वजनिक निर्माण विभाग श्री राजेश यादव ने प्रदेश में पिछले ढाई साल में हुए सड़क विकास के कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 4660 करोड़ रुपये की लागत से 14150 किलोमीटर सड़कों के निर्माण, चौडाईकरण, सुदृढ़ीकरण एवं नवीनीकरण के कार्य हुए हैं। पीएमजीएसवाई के तहत 1445 करोड़ रूपए की लागत से 7920 किलोमीटर लम्बाई की ग्रामीण सड़कों का उन्नयन एवं नवीनीकरण के 2209 कार्य पूरे किए गए हैं। नेशनल हाइवे योजना के तहत 2466 करोड़ रूपये से 475 किलोमीटर लम्बाई की सड़कों का चौड़ाईकरण एवं सुदृढ़ीकरण तथा 270 किमी लम्बाई में नवीनीकरण के कार्य पूरे किए गए हैं। साथ ही एशियन डवलपमेंट बैंक एवं विश्व बैंक के सहयोग से 1741 करोड़ रूपये से 623 किलोमीटर लम्बाई में राजमार्गों का विकास किया गया है।

श्री यादव ने बताया कि वर्ष 2021-22 की बजट घोषणाओं में प्रत्येक जिले की तीन प्रमुख सड़कों के मरम्मत, पुल निर्माण एवं अन्य कार्यों के लिए 4090 करोड़ रूपये, नगर निगम क्षेत्र में 30 किलोमीटर, नगर परिषद क्षेत्र में 20 एवं नगरपालिका क्षेत्र में 10 किलोमीटर तक मुख्य सड़क मरम्मत कायोर्ं के लिए 1000 करोड़ रुपये, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-तृतीय के शेष कायोर्ं के लिए 1425 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि 2021-22 की 240 बजट घोषणाओं की कार्ययोजना तैयार कर क्रियान्वयन की कार्यवाही शुरू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि सीआरआईएफ से संबंधित कायोर्ं के प्रस्ताव भारत सरकार को भेज दिए गए हैं। साथ ही नगरीय निकायों की सड़कों से संबंधित कार्यों हेतु 1000 करोड़ रूपये के प्रस्ताव स्वायत्त शासन विभाग द्वारा तैयार कर लिए गए हैं।

कार्यक्रम में विराटनगर एवं जमवारामगढ़ क्षेत्र के स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ ही अधिकारी एवं आमजन भी जुड़े रहे।

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