अल्पसंख्यक मामलात मंत्री ने जैसलमेर कोरोना प्रबंधन के संबंध में ली बैठक
जयपुर, 31 मई। अल्पसंख्यक मामलात मंत्री श्री शाले मोहम्मद ने जैसलमेर जिले में कोविड-19 प्रबंधन की प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा कि जिला, पुलिस प्रशासन, मेडिकल टीम के द्वारा कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए किए गए प्रयासों की सराहना की एवं कहा कि इन प्रबंधों के परिणामस्वरूप कोरोना संक्रमण की दर में दिनो-दिन कमी आई है। उन्होंने त्रि-स्तरीय जन अनुशासन लॉकडाउन के संबंध में राज्य सरकार द्वारा जारी गाईडलाईन की भी शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में सख्ताई से पालना होने से अब गांवों में भी कोरोना के मरीज कम आ रहे है।
अल्पसंख्यक मामलात मंत्री श्री शाले मोहम्मद ने सोमवार को जिला कलक्टर कक्ष में अधिकारियों की बैठक के दौरान यह उदगार व्यक्त किए। बैठक में जिला कलक्टर श्री आशीष मोदी सहित संबंधित अधिकारी मौजूद थे।
अल्पसंख्यक मामलात मंत्री ने बैठक के दौरान वर्तमान में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की स्थिति, उनके उपचार के प्रबंधन, ऑक्सीजन की उपलब्धता, रेमेडिसिवर इन्जेक्शन की उपलब्धता, टीकाकरण कार्य, डोर-टू-डोर सर्वे कार्य की प्रगति की विस्तार से चर्चा करते हुए कहा की कोरोना पॉजिटिव मरीजों के उपचार में किसी प्रकार की कमी नहीं रखनी है। उन्होंने प्रमुख चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिए कि वे कोरोना के गंभीर मरीजों को आवश्यकतानुसार रेमेडिसिवर इन्जेक्शन लगाने की व्यवस्था रखें वहीं आईसीयू वेटिंलेटर पर भी मरीजों को उपचार देने में कमी नहीं रहने दें।
उन्होंने कोरोना संक्रमण के प्रसार को और अधिक कम करने के लिए डोर-टू-डोर सर्वे कार्य को प्रभावी ढंग से संचालित करने के निर्देश दिए वहीं लॉकडाउन की पालना भी 8 जून तक गंभीरता से कराने के निर्देश दिए। इसके साथ ही सर्वे के दौरान कोरोना लक्षण के मरीजों को आईएलआई मेडिकल किट की दवाईया उपलब्ध कराकर उनको यह दवाई लेने के लिए प्रेरित भी करने पर जोर दिया।
अल्पसंख्यक मामलात मंत्री ने कोरोना की तीसरी लहर के संबंध में चिकित्सा अधिकारियों को अभी से ही उपचार के संबंध में जिला एवं अन्य अस्पतालों में पुख्ता प्रबंध करने के निर्देश दिए। उन्होंने ब्लेक फंगस रोग के भी उपचार के उपयोगी प्रबंध करने के निर्देश दिए। उन्होंने टीकाकरण कार्य में और गति लाकर अधिक से अधिक लोगों के टीके लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी अस्पतालों में मेडिकल दवाईयों की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता रखने पर भी जोर दिया।
उन्होंने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देश दिए कि वे निजी लेब पर उनके वहां सीटी स्केन के साथ ही अन्य की जाने वाली जांचों के लिए राज्य सरकार द्वारा जो दरें निर्धारित की गई है, उन दरों के संबंध में सहज दृश्य स्थल पर बोर्ड डिस्प्ले करावें एवं इनकी समय-समय पर प्रभावी जांच भी कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कोरोना की स्थिति में दर से ज्यादा निजी लेब धारक जांचों के पैसे ज्यादा लेते हों तो उनके खिलाफ कार्यवाही भी करावें।
उन्होंने भारेवाला व मदासर स्वास्थ्य केन्द्र जो ठेके पर संचालित है एवं वहां पर चिकित्सक रहते भी नहीं एवं हाजरी रजिस्टर में नियमित रूप से उनके हस्ताक्षर बोल रहे है, जो गंभीर बात है। उन्होंने इस संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी को इसकी जांच करके उनके खिलाफ कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
उन्होंने मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना की भी समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि नॉन-एनएफएसए के व्यक्ति जो अभी तक इस योजना से नहीं जुड़े है, उन्हें 850 रुपये वार्षिक प्रीमियम देकर इस योजना से जोड़ने पर बल दिया ताकि ऎसे लोगों को भी गंभीर बीमारी के लिए 5 लाख रुपये तक का केशलेस निःशुल्क उपचार का लाभ मिले।
अल्पसंख्यक मामलात मंत्री ने बैठक के दौरान अभाव की स्थिति में अभावग्रस्त तहसील क्षेत्रों में पशुधन संरक्षण के लिए पशु शिविर एवं चारा डिपो अधिक से अधिक संख्या में शीघ्र ही खोलने के साथ ही अभावग्रस्त गांवों व ढांणियों में टेंकरों से पेयजल परिवहन कर लोगों को इस भीषण गर्मी में पीने का पानी समय पर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिक से अधिक राहत कार्य भी खोलकर लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
जिला कलक्टर आशीष मोदी ने कोरोना संक्रमण के दौरान मरीजों के उपचार के संबंध में अब तक किए गए प्रबंधनों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन की प्रभावी पालना के कारण भी कोरोना संक्रमण के प्रसार में कमी आयी है। उन्होंने बताया कि डोर-टू-डोर सर्वे का तीसरा चरण भी पूर्ण कर लिया है एवं प्रदेश में जिला सातवें स्थान पर है। वहीं कोरोना टीकाकरण का कार्य भी प्रभावी ढंग से चलाया जा रहा है तथा इस कार्यक्रम में भी जिला दसवें स्थान पर है। उन्होंने बताया कि जिला अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट का कार्य अच्छी प्रगति पर है एवं प्लांट की मशीनरी दो-तीन दिन में आ जाएगी।
अतिरिक्त जिला कलक्टर हरिसिंह मीना ने बैठक में अभाव की स्थिति में अभावग्रस्त तहसीलों में अबतक स्वीकृत किए गए पशु शिविरों एवं चारा डिपों के बारे में अवगत कराया।
प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ वर्मा ने बताया कि कोरोना की तीसरी लहर के लिए जिला अस्पताल में उपचार के पुख्ता प्रबंध किए जा रहे है। वहीं बच्चों के लिए अलग से वार्ड की भी व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि अस्पताल में जांचों के लिए डी-डायमर मशीन खरीदने के भी आदेश दे दिए हैं एवं यह मशीन भी शीघ्र ही आ जाएगी।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ चौधरी ने बताया कि वर्तमान में 3107 कोरोन एक्टिव केस रहे है। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण की दर में भी दिनों-दिन कमी आ रही है। उन्होंने बताया कि कोरोना उपचार के लिए ऑक्सीजन के साथ ही दवाईयां व रेमेडिसिवर इन्जेक्शन भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।
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