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जल जीवन मिशन पर वीसी : अतिरिक्त मुख्य सचिव ने की मेजर प्रोजेक्ट्स के कार्यों की प्रगति की समीक्षा


जयपुर, 4 मई। जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) श्री सुधांश पंत ने मंगलवार को प्रदेश में जल जीवन मिशन (जेजेएम) के तहत मेजर प्रोजेक्ट्स के तहत प्रदेश के गांवों में हर घर नल कनैक्शन देने के लिए चल रहे कार्यों की वीडियो कांफ्रेंसिंग से समीक्षा की।

श्री पंत ने कहा कि कोरोना के कारण उत्पन्न चुनौतीपूर्ण स्थितियों के बीच जल जीवन मिशन सहित विभागीय कार्यों को गति देने के लिए जलदाय विभाग के अधिकारियों और कार्मिकों के प्रयास सराहनीय है। उन्होंने कहा कि विभाग के सभी अधिकारी और कार्मिक ‘कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर‘ को अपनाए, हर कदम पर पूर्ण सावधानी बरते तथा अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देते हुए कार्य करें।

वीसी की शुरूआत में कोविड के कारण दिवंगत हुए परियोजना खंड फतेहपुर के अधिशाषी अभियंता श्री बंशीधर रैगर, सहायक अभियंता छापर (वृत चुरू) श्री एम. के. ओला, बांसवाड़ा प्रोजेक्ट डिवीजन-प्रथम के सहायक अभियंता श्री कुलदीप चौहान तथा उपखण्ड नीम का थाना के पूर्व सहायक अभियंता श्री बीएन अटल एवं अन्य विभागीय कर्मचारियों को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई।

अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य स्तरीय योजना स्वीकृति समिति (एसएलएससी) की गत बैठकों में मेजर प्रोजेक्ट्स के तहत जो कार्य स्वीकृत किए गए है, उनको आगे बढ़ाने के लिए प्रोजेक्ट विंग के अधिकारी टाइमलाइन तय करते हुए क्रियान्वयन का पूरा शेड्यूल निर्धारित करे और उसे फालो करते हुए तकनीकी स्वीकृतियां, निविदाएं और कार्यादेश आदि जारी करने का काम मुस्तैदी से पूरा करे, ये काम कार्यालय स्तर पर ही सम्पादित किए जा सकते हैं।

उन्होंने कहा कि जिन प्रोजेक्ट्स में डीपीआर तैयार करने सहित अन्य काम एजेंसी के माध्यम से कराए जा रहे वे समय पर पूरे हो इसके लिए अधिकारी सतत समनवय और मॉनिटरिंग करे। इसके साथ ही एसीएस ने प्रोजेक्ट विंग के अधिकारियों को वीसी के माध्यम से जल जीवन मिशन में रीजन और सर्किलवार स्वीकृत चुनिंदा प्रोजेक्ट्स के कायोर्ं की अपने स्तर पर सतत समीक्षा करने के भी निर्देश दिए।

वीसी में बताया गया कि गत एसएसएससी की बैठकों में प्रदेश के 12 हजार 528 गांवों में हर घर नल कनैक्शन के लिए 101 मेजर प्रोजेक्ट्स के कायोर्ं की स्वीकृतियां जारी की गई है। वृहद परियोजनाओं के तहत करीब 4300 गांवों के सभी घरों में नल से जल कनैक्शन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। वित्तीय वर्ष 202122 में मेजर प्रोजेक्ट्स के तहत 12 लाख घरों में नल से जल कनैक्शन देने का लक्ष्य है, इसमें नागौर प्रोजेक्ट्स के तहत 66 हजार तथा एनआरडब्ल्यू प्रोजेक्ट में भीलवाड़ा और अजमेर में भी 3.5 लाख हर घर नल कनैक्शन शामिल है। नए वित्तीय वर्ष के प्रथम माह में अब तक 17 प्रोजेक्ट्स की तकनीकी स्वीकृतियां जारी की गई है। मई माह में 34 तकनीकी स्वीतियां, 33 डीपीआर और 15 प्रोजेक्ट्स के कायोर्ं की निविदाएं जारी करने की योजना है।

एसीएस ने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत मेजर प्रोजेक्ट्स में जिन कायोर्ं की स्वीतियां जारी हुई है, उनमें ‘वाटर रिजर्वेशन‘ का कार्य बहुत महत्त्वपूर्ण है। ऎसे प्रोजेक्ट्स जिनके लिए जल संसाघन विभाग से ‘टाईअप‘ करते हुए ‘वाटर रिजर्वेशन‘ की आवश्यकता है, उनके प्रस्ताव तैयार करके भेजे जाए ताकि जलदाय विभाग द्वारा राज्य स्तर पर जल संसाधन विभाग के साथ बैठक आयोजित कर अग्रिम कार्यवाही की जा सके। उन्होंने कहा कि अधिकारी प्रोजेक्ट्स से जुड़े ऎसे सभी महत्त्वपूर्ण पहलुओं पर व्यक्तिगत ध्यान दे ताकि उनका सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित हो सके।

श्री पंत ने वीसी में ईसरदा बांध से सम्बंधित पेयजल परियोजनाओं की तकनीकी स्वीकृतियां समय पर जारी करने के साथ ही भूमि अधिग्रहण आदि से सम्बंधित कार्यो के लिए जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के साथ सतत समन्वय के निर्देश दिए। इसके अलावा मई माह में प्रस्तावित एसएलएससी की बैठक के लिए भी सभी रीजन से बकाया कायोर्ं की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति के प्रस्ताव तैयार कर शीघ्रता से भेजने के निर्देश दिए। उन्होंने मेजर प्रोजेक्ट्स के तहत जल जीवन मिशन के अलावा लम्बित परियोजनाओं की प्रगति की भी समीक्षा की और इंदिरा गांधी नहर परियोजना से जुड़े जिलों में नहरबंदी से प्रभावित क्षेत्रों में पेयजल प्रबंधन के बारे में भी अधिकारियों से फीडबैक लिया। 

वीसी में जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के प्रदेश मुख्यालय जल भवन से मुख्य अभियंता (विशेष प्रोजेक्ट्स) श्री दिलीप गौड़, मुख्य अभियंता (तकनीकी) श्री संदीप शर्मा तथा जिला एवं क्षेत्रीय मुख्यालयों से मुख्य अभियंता (नागौर) श्री दिनेश गोयल, मुख्य अभियंता (जोधपुर) श्री नीरज माथुर के अलावा प्रोजेक्ट विंग के अतिरिक्त मुख्य अभियंता और अधीक्षण अभियंता स्तर के अधिकारियों ने शिरकत की।    

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