जल जीवन मिशन की प्रगति की वीसी से समीक्षा : बेहतर परिणामों के लिए समयबद्ध प्रयास जरूरी - अतिरिक्त मुख्य सचिव
जयपुर, 1 मई। जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) श्री सुधांश पंत ने अधिकारियों को जल जीवन मिशन (जेजेएम) के तहत प्रदेश के गांवों में हर घर नल कनैक्शन देने के लिए समयबद्ध प्रयास करने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए विभाग की ओर से जल शक्ति मंत्रालय के समक्ष प्रस्तुत एक्शन प्लान के अनुरूप बेहतर परिणाम के लिए सभी रीजन, सर्किल, जिले, डिवीजन और सब-डिवीजन के स्तर पर श्माइक्रो प्लानिंग की जाए और उसके अनुरूप रणनीति तैयार कर जेजेएम के कार्यों को गति दी जाए।
श्री पंत शनिवार को शासन सचिवालय में वीडियों कांफ्रेंसिंग के माध्यम प्रदेश में जल जीवन मिशन के कार्यों की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन का सफल क्रियान्वयव राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। नए वित्तीय वर्ष में 30 लाख हर घर नल कनैक्शन देने का लक्ष्य चुनौतीपूर्ण है, इसके लिए सभी अधिकारियों को कड़ी मेहनत करनी होगी।
एसीएस ने प्रगति की विस्तार से समीक्षा करने के बाद निर्देश दिए कि जेजेएम की गहन मॉनिटरिंग के लिए जिलावार लक्ष्य निर्धारित करे। मुख्य अभियंता (जेजेएम), मुख्य अभियंता (विशेष प्रोजेक्ट्स) तथा अन्य अधिकारियों के स्तर पर सप्ताह में कुछ घंटे तय करते हुए किसी एक रीजन या फिर कुछ चुनिंदा जिलों पर फोकस करते हुए वीसी आयोजित की जाए। इनमें अधिकारियों के विशेष प्रयासों के साथ ही प्रोजेक्ट्स के क्रियान्वयन में कोई दिक्कत आ रही हो तो उनके बारे में फीडबैक लिया जाए। इस पर पहले जेजेएम की टीम के अधिकारी आपस में चर्चा करे और फिर सुझाव एवं कॉमेंट्स के साथ इनको राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक में रखा जाए।
श्री पंत ने कहा कि प्रदेश में कोरोना की स्थिति को देखते हुए सभी अधिकारी आवश्यक सावधानी और अपने स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखते विभागीय जिम्मेदारी का निर्वहन करे। इन चुनौतीपूर्ण स्थितियों के बीच गर्मी का प्रभाव भी बढ़ रहा है, ऎसे में अधिकारी शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जनता के लिए निर्बाध पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करे।
उन्होंने इंदिरा गांधी नहर परियोजना क्षेत्र से जुड़े 10 जिलों के अधिकारियों को भी नहरबंदी के दौरान अपने-अपने जिलों में पेयजल प्रबंधन के लिए सतर्कता बरतने के निर्देश दिए।
बैठक में जल जीवन मिशन की प्रगति की समीक्षा के दौरान पाया गया कि राज्य स्तरीय योजना स्वीकृति समिति (एसएसएससी) की गत बैठकों में मेजर प्रोजेक्ट्स के अतिरिक्त स्वीकृत 9101 कार्यों में से अब तक करीब 4 हजार कामों की तकनीकी स्वीकृतियां (लगभग 44 प्रतिशत) जारी हुई है। बूंदी, चुरू, राजसमंद, बारां, नागौर और भीलवाड़ा जिलों में तकनीकी स्वीकृतियां जारी कर निविदाएं जारी करने का 90 प्रतिशत से अधिक कार्य पूर्ण कर लिया गया है। वहीं जैसलमेर, श्रीगंगानगर, अजमेर, बाड़मेर, सिरोही और करौली जिलों में बहुत कम प्रगति दर्ज की गई है। एसीएस ने धीमी प्रगति वाले जिलों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे जल्द से जल्द बकाया तकनीकी स्वीकृतियां और निविदाओं का कार्य पूर्ण कर हर घर नल कनैक्शन देने का काम धरातल पर आरम्भ करे।
श्री पंत ने कहा कि इस माह में आयोजित होने वाली एसएलएससी की बैठक के लिए भी जिलों से अब तक कम संख्या में प्रस्ताव प्राप्त हुए है। उन्होने कहा कि एसएलएससी की आगामी बैठकों में प्रदेश में जल जीवन मिशन की शेष बची सभी प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृतियां जारी की जानी है, सभी जिलों में जेजेएम के बाकी कार्यों के प्रस्ताव भेजने के कार्य में भी तेजी लाई जाए।
एसीएस ने प्रदेश के स्कूल, आंगनबाड़ी केन्द्र, पंचायत भवन, पटवार घर और स्वास्थ्य केन्द्रों में भी नल से जल कनैक्शन देने की प्रगति की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि इन इकाइयों पर जितने नल कनैक्शन है, उनकी सूचना भी आनलाइन पोर्टल पर नियमित रूप से अपडेट की जाए।
वीसी में प्रदेश में अवैध जल कनैक्शन के विरुद्ध संचालित अभियान की भी समीक्षा की गई। इसमें जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के प्रदेश मुख्यालय जल भवन से मुख्य अभियंता (शहरी एवं एनआरडब्ल्यू) श्री सीएम चौहान, मुख्य अभियंता (तकनीकी) श्री संदीप शर्मा, मुख्य अभियंता (विशेष प्रोजेक्ट्स) श्री दिलीप गौड़ एवं अतिरिक्त मुख्य अभियंता(ग्रामीण) श्री महेश जांगिड़ तथा क्षेत्रीय एवं जिला मुख्यालयों से मुख्य अभियंता (नागौर) श्री दिनेश गोयल, मुख्य अभियंता (जोधपुर) श्री नीरज माथुर के अलावा अतिरिक्त मुख्य अभियंता और अधीक्षण अभियंता स्तर के अधिकारियों ने शिरकत की।
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