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मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना : कोविड-19 एवं Mucormycosis (ब्लैक फंगस) के केस में योजना के लाभार्थियों को राज्य सरकार ने दी बड़ी राहत


जयपुर, 28 मई। मुख्य कार्यकारी अधिकारी, राजस्थान स्टेट हेल्थ एश्योरेंस एजेंसी श्रीमती अरूणा राजोरिया ने बताया कि मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के अन्तर्गत कोविड-19 उपचार हेतु लाभार्थियों को राज्य सरकार ने दी बड़ी राहत प्रदान की है।

श्रीमती राजोरिया ने बताया कि अब मरीजो के उपचार में सुविधा के लिये राज्य सरकार द्वारा लाभार्थियों को रेडमेसिविर और Tociluzum इंजेक्शन भी योजना के अन्तर्गत निःशुल्क उपलब्ध करवाया जायेगा।

उन्होंने बताया कि संबंधित सम्बद्ध निजी अस्पताल इसके लिये आरएमएससी की दर पर अथवा अधिकतम एमआरपी दर पर ये इंजेक्शन खरीदकर उसका बिल भुगतान हेतु आरएसएचएए को प्रस्तुत कर पायेंगे। साथ ही राज्य सरकार ने वर्तमान समय में कोरोना महामारी के उच्च प्रसार को देखते हुए कोविड-19 एवं Mucormycosis (ब्लैक फंगस) के लाभार्थी मरीजो को एक और बडी राहत देते हुए निर्धारित पांच लाख की बीमा राशि की बाध्यता महामारी काल के दौरान समाप्त की है।

श्रीमती राजोरिया ने बताया कि अब योजना में पंजीकृत कोरोना का मरीज संबद्ध निजी और सरकारी अस्पताल में भर्ती होने पर अगर उसकी वॉलेट राशि खत्म हो जाती है तो भी उसका इलाज जारी रहेगा। संबंधित अस्पताल अतिरिक्त व्यय के लिये Fund Enhancement की रिक्वेस्ट राज्य स्तर पर प्रेषित की जायेगी जिस पर दस्तावेजों के आधार पर इसकी अनुमति दी जायेगी।

योजना के अन्तर्गत कोविड-19 के उपचार के पैकेजेज की 5000/- प्रतिदिन से लेकर 9900/- प्रतिदिन के तीन पैकेज निर्धारित किये हुए है। इन पैकेजेज में मरीजों को परामर्श शुल्क, नर्सिंग चार्जेज, बैड, भोजन, निर्धारित उपचार दिशा-निर्देश के अनुसार डिस्चार्ज करने पर कोविड-19 टेस्ट, मॉनिटरिंग एवं फिजियोथेरेपी शुल्क, पी.पी.ई.किट, दवाएं एवं कंज्यूमेबल्स, डॉक्यूमेंटेशन चार्जेज, समस्त प्रकार की जांचे जैसे- बायोकेमिस्ट्री, माइक्रोबायोलॉजी, पैथोलॉजी, इमेजिंग आदि शुल्क सम्मिलित है।

प्रत्येक परिवेदनाओं का जिलेवार लगातार हो रहा निस्तारण 

योजना के अंतर्गत प्राप्त होने वाली परिवेदनाओं को लेकर गठित कमेटी त्वरित रूप से परिवेदनाओं का निस्तारण लगातार कर रही है। संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री कानाराम ने बताया कि प्राप्त शिकायतों के त्वरित निस्तारण और लाभार्थियों को राहत देने के लिये राज्य स्तर से 15 नोडल अधिकारियों को नियुक्त किया गया है। ये नोडल अधिकारी अपने आवंटित जिले से सम्बंधित कॉल सेंटर और अन्य माध्यमो से प्राप्त प्रत्येक शिकायत की प्रकृति को जानकार संबंधित अस्पताल और शिकायतकर्ता से समन्वय कर उसका तत्काल निस्तारण कर रहे है। प्रत्येक शिकायतकर्ता को उसकी समस्या का समाधान कर राहत दिलाने का प्रयास किया जा रहा है। योजना से संबद्ध किसी भी अस्पताल के द्वारा इलाज से मना करने पर अथवा इलाज के लिये पैसे मांगे जाने पर उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही अमल में लाई जा रही है। योजना में पंजीकृत प्रत्येक लाभार्थी को योजना का लाभ मिले, इसके लिये विभाग तत्पर और सजग है। योजना के बारे में किसी भी प्रकार की जानकारी या शिकायत के लिए टोल फ्री नम्बर 1800 180 6127 और 181 पर सम्पर्क किया जा सकता है।

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