तीन सदस्यीय समिति की अनुशंसा के आधार पर होगा निजी चिकित्सालयों को रेमडिसिविर एवं टोसिलीजुमेब औषधियों का वितरण - जिला कलक्टर
- जिला कलक्टर श्री अन्तर सिंह नेहरा ने गठित की तीन सदस्यीय समिति, प्रतिदिन करेगी बैठक
- निजी चिकित्सालयों को प्रातः 11 बजे तक देनी होगी सीएमएचओ प्रथम कार्यालय को वांछित जानकारी
- औषधि वितरण व्यवस्था के लिए अतिरिक्त जिला कलक्टर चतुर्थ श्री अशोक कुमार को बनाया नोडल
- समिति वास्तविक आवश्यकता की समीक्षा के बाद निर्णय कर करेगी औषधि वितरण की अनुशंसा
जयपुर, 24 अप्रेल। जिला कलक्टर श्री अन्तर सिंह नेहरा ने निजी चिकित्सालयों को कोविड 19 के उपचार के लिए रेमडिसिविर एवं टोसिलीजुमेब औषधि को न्यायोचित आवश्यकता, उपयोगिता एवं उपलब्धता के आधार पर उपलब्ध करवाने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी के सदस्य आपस में समन्वय रखते हुए प्रतिदिन शहर के विभिन्न निजी चिकित्सालयों में भर्ती मरीजों की आवश्यकता के अनुसार रेमडिसिविर एवं टोसिलीजुमेब औषधि वितरण का कार्य करेंगे।
श्री नेहरा ने बताया कि इस सम्बन्ध में शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग से निर्देश प्राप्त हुए थे। इसके अनुसार जयपुर में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी प्रथम डॉ.नरोत्तम शर्मा, सवाई मानसिंह चिकित्सालय के मेडिसन विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ.रमन शर्मा एवं प्रोफेसर डॉ.अभिषेक अग्रवाल की तीन सदस्यीय समिति का शनिवार को गठन कर दिया गया है।
उन्होंने बताया कि यह समिति राजस्थान चिकित्सा सेवा निगम (आरएमएसएल) द्वारा उपलब्ध कराई गई रेमडिसिविर एवं टोसिलीजुमेब औषधि के स्टॉक एवं निजी चिकित्सालयों द्वारा दी गई मांग के अनुसार आपस में चर्चा कर न्यायोचित आवश्यकता, उपायोगिता एवं उपलब्धता के आधार पर निर्णय कर निजी चिकित्सालयों को रेमडेसिविर एवं टोसिलिजुमेब इंजेक्शन उपलब्ध करवाने का कार्य करेगी। औषधि की मांग करने वाले सभी निजी चिकित्सालयों को प्रातः 11 बजे तक मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी प्रथम श्री नरोत्तम शर्मा के कार्यालय को उनके यहां उपचाराधीन हर मरीज का एचआरसीटी परीक्षण एवं उपचार का अन्य वांछित रिकॉर्ड प्रस्तुत करना होगा। इसके साथ ही यह सूचना भी देना जरूरी होगा कि इन उपचाराधीन मरीजों में से कितने मरीज वेंटीलेटर पर एवं आईसीयू में हैं।
श्री नेहरा ने बताया कि समिति निजी चिकित्सालयों द्वारा प्रदान किए गए वेंटीलेटर एवं आईसीयू में उनके यहां भर्ती मरीजों से सम्बन्धित हर प्रकरण का मेडिकल रिकॉर्ड देखकर मरीज की चिकित्सकीय स्थिति की गंभीरता की समीक्षा करेगी। उपलब्ध औषधि को इसी परीक्षण के आधार पर मामले की गंभीरता के अनुसार आनुपातिक रूप से वितरित किया जाएगा। अर्थात समिति उसे प्राप्त सभी प्रकरणों की समीक्षा कर गुणावगुण के आधार पर एवं इन दवाओं के उपयोग के लिए लागू मानक प्रोटोकॉल के हिसाब से ही ‘‘केस बाई केस’’ के आधार पर औषधि वितरण का निर्णय लेगी। निर्णय के बाद पूरी पारदर्शिता से दोपहर पश्चात् औषधि का वितरण कर दिया जाएगा। जारी की जाने वाली औषधि समिति की अनुशंसा के बाद ही सम्बन्धित निजी चिकित्सा संस्थान को औषधि भण्डार गृह से उपलब्धता के आधार पर जारी की जाएगी।
जिला कलक्टर श्री नेहरा ने बताया कि इन औषधियों के वितरण एवं पर्यवेक्षण के लिए जिला प्रशासन की ओर से अतिरिक्त जिला कलक्टर डॉ.अशोक कुमार को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। श्री अशोक कुमार प्रति दिन समिति सदस्यों से सम्पर्क एवं समन्वय बनाए रखते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जयपुर प्रथम के माध्यम से रेमडिसिविर एवं टोसिलीजुमेब औषधियों का प्रतिदिन वितरण कराना सुनिश्चित करेंगे।
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