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राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय : ईसरदा-दौसा वृहद पेयजल परियोजना का वित्त पोषण राज्य निधि से करने को मंजूरी, घर-घर औषधि योजना का जन-अभियान के रूप में होगा क्रियान्वयन


जयपुर, 18 अप्रेल। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में रविवार को मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में ‘ईसरदा-दौसा वृहद पेयजल परियोजना‘ को जल्दी पूरी करने के लिए इसका बाह्य वित्त पोषण एएफडी से ऋण लेने के स्थान पर राज्य निधि से किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।

व्यापक जनहित को देखते हुए पेयजल समस्या से ग्रस्त दौसा व सवाई माधोपुर जिलों के 6 कस्बों एवं 1256 गांवों को पेयजल आपूर्ति के लिए जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में केन्द्र सरकार की ओर से उपलब्ध राशि के अतिरिक्त शेष राशि राज्य निधि से उपलब्ध करवाकर इस परियोजना का कार्य शीघ्र शुरू किया जा सकेगा। परियोजना के तहत आने वाले क्षेत्र के गांवों में सतही जल स्त्रोत ईसरदा बांध से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जाएगा। परियोजना के मूलभूत इंफ्रास्ट्रक्चर, क्लस्टर वितरण प्रणाली एवं ग्राम वितरण प्रणाली के प्रस्तावित कार्य दिसम्बर 2021 से प्रारम्भ कर जुलाई 2024 तक पूर्ण कराने का लक्ष्य तय किया गया है।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने वर्ष 2019-20 के बजट में दौसा व सवाई माधोपुर जिले में पेयजल समस्या के दीर्घकालीन समाधान के लिए इस पेयजल आपूर्ति परियोजना की घोषणा की थी। परियोजना के लिए केन्द्रीय निधि (जल जीवन मिशन) के तहत 1368 करोड़ रूपए, राज्य निधि (ग्रामीण व शहरी) के तहत 1356 करोड़ जबकि वित्तीय संस्था एएफडी से 1333 करोड़ रूपए के बाहय वित्त पोषण (ऋण) से करने का प्रावधान किया गया था। राज्य हिस्से के लिए वित्तीय संस्था एएफडी के माध्यम से ऋण लेने की कार्यवाही शुरू की गई थी, लेकिन ऋण मिलने में होने वाली देरी को देखते हुए प्राथमिकता के आधार पर राज्य निधि से आवश्यक राशि उपलब्ध कराते हुए परियोजना के कार्य बिना विलम्ब के शुरू करने के लिए यह निर्णय लिया गया।

कैबिनेट ने ‘घर-घर औषधि‘ योजना के प्रदेश स्तर पर क्रियान्वयन का भी निर्णय लिया। इसके तहत औषधीय पौधों की पौधशालाएं विकसित कर तुलसी, गिलोय, अश्वगंधा आदि पौधे नर्सरी से उपलब्ध कराए जाएंगे। बहु उपयोगी औषधीय पौधे वन विभाग की पौधशालाओं में तैयार कर इच्छुक परिवारों को निःशुल्क उपलब्ध कराए जाएंगे। योजना को जनप्रतिनिधियों, पंचायती राज संस्थाओं, विभिन्न विभागों एवं संस्थानों, औद्योगिक घरानों आदि के सहयोग से जन-अभियान के रूप में क्रियान्वित किया जाएगा।

योजना का नोडल विभाग वन विभाग होगा। योजना के क्रियान्वयन के लिए जिलों में जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय टास्क फोर्स गठित की जाएगी, जबकि राज्य स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में मोनिटरिंग कमेटी का गठन किया जाएगा। यह कमेटी हर तीसरे महिने में योजना की समीक्षा करेगी। योजना के मूल्यांकन के लिए वन विभाग द्वारा एक तंत्र स्थापित किया जाएगा। योजना के तहत जुलाई माह से जिला प्रशासन द्वारा पौध-वितरण के लिए अभियान चलाया जाएगा। इसके अलावा आमजन को वन औषधियों एवं औषधीय पौधों की उपयोगिता एवं इनके संरक्षण-संवर्धन के बारे में जागरूक किया जाएगा। इस वर्ष जुलाई में मनाए जाने वाले वन महोत्सव की थीम भी ‘घर-घर औषधि‘ योजना रहेगी।

मंत्रिपरिषद की बैठक में कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुए संक्रमण रोकने के उपायों पर विस्तृत चर्चा की गई। राज्य सरकार द्वारा अब तक उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी दी गई। बैठक में मंत्रिपरिषद् सदस्यों ने कोरोना के बढ़ते संक्रमण एवं पॉजिटिव केसेज में वृद्धि को लेकर चिंता व्यक्त की। बैठक में पर्याप्त ऑक्सीजन आपूर्ति एवं रेमडेसिविर सहित अन्य जरूरी दवाईयों की आपूर्ति के लिए केन्द्र सरकार से संपर्क स्थापित करने पर सहमति व्यक्त की गई।

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