पेयजल परियोजनाओं के समयबद्ध पूरा न होने और लागत बढ़ने पर तय होगी जिम्मेदारी - जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री
जयपुर, 10 मार्च। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि समय पर काम पूरा न करने या तकनीकी खामियों से परियोजनाओं की लागत बढ़ने पर अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने बताया कि जो ठेकेदार या फर्म समय पर परियोजनाओं को पूरी नहीं करते हैं उनको ब्लैकलिस्ट कर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है।
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री प्रश्नकाल में विधायको की ओर से पूछे गये पूरक प्रश्नो का जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि इस परियोजना में संबंधित फर्म द्वारा समय पर कार्य पूरा न करने पर दोबारा टेंडर मंगाए गए और मुंबई की फर्म गैमन इंडिया लिमिटेड को कार्यादेश दिया गया। डॉ.कल्ला ने कहा कि पिछले 3 साल से वन विभाग से आवश्यक मंजूरी नहीं मिल पाई, जिसके कारण भी परियोजना में देरी हुई।
इस मामले में अध्यक्ष डॉ.सी.पी.जोशी ने हस्तक्षेप कर व्यवस्था देते हुए कहा कि पूरे राज्य में पेयजल परियोजनाओं में ऎसा देखा जा रहा है जहां समय पर काम पूरा न होने की वजह से लागत बढ़ती जाती है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में विभाग द्वारा कोई नीति बनाई जानी चाहिए जिससे परियोजनाओं की न्यायसंगत समीक्षा हो और तकनीकी खामियों पर जिम्मेदारी तय हो।
इस पर डॉ.कल्ला ने आश्वस्त किया कि परियोजनाओं की लागत बढ़ने या तकनीकी खामियों पर जिम्मेदारी तय की जाएगी और नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
इससे पहले, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री ने विधायक श्री शंकर सिंह रावत के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में बताया कि ब्यावर की जवाजा पंचायत समिति के 199 गांव और इनकी 390 ढाणियों को बीसलपुर बांध से स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए 231.46 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई थी। उन्होंने बताया कि यह राशि फ्लोराइड नियंत्रण परियोजना की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति विभागीय नीति निर्धारण समिति की 30 मई, 2013 को हुई 190वीं बैठक द्वारा जारी की गई।
डॉ.कल्ला ने बताया कि इस परियोजना के लिए पहले मैसर्स एसपीएमएल इंफ्रा लिमिटेड, गुड़गांव को 247.82 करोड़ रुपये का कार्यादेश 21 अगस्त 2013 को जारी किया गया था। परियोजना पर 30 अगस्त, 2013 को कार्य प्रारंभ हुआ। उन्होंने बताया कि कार्यादेश के अनुसार ये परियोजना 30 अगस्त, 2016 को पूरी होनी थी। अनुबंधक फर्म द्वारा संतोषजनक कार्य न किए जाने पर विभागीय वित्त समिति की 8 सितंबर, 2016 को हुई 708वीं बैठक में निर्णय लिया गया और 18 सितंबर, 2016 को कार्य रिअसाइंड कर दिया गया।
उन्होंने कहा कि इस पेयजल परियोजना के बाकी रहे काम को पूरा कराने के लिए विभाग ने दोबारा निविदाएं आमंत्रित की। उन्होंने बताया कि 30 जून, 2017 को मैसर्स गैमन इंडिया लिमिटेड, मुंबई को 174.45 करोड़ का कार्यादेश जारी किया गया। नवीन कार्यादेशानुसार परियोजना को 9 जुलाई, 2019 तक पूरा किया जाना था। उन्होंने बताया कि इस पेयजल परियोजना पर अब तक 265.40 करोड़ रुपये व्यय हो चुके हैं। परियोजना के लिए 26 दिसंबर, 2019 को 332.77 करोड़ की संशोधित प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति जारी की गई है। इस तरह, 67.37 करोड़ रुपये वर्तमान में शेष हैं।
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री ने बताया कि इस परियोजना का 88 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है और सितंबर, 2021 तक ये परियोजना पूरी होना प्रस्तावित है। वर्तमान में जवाजा पंचायत समिति के 159 गांव और 217 ढाणियों को बीसलपुर बांध से 48 घंटे के अंतराल पर 40 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन की दर से पेयजल आपूर्ति की जा रही है। उन्होंने बताया कि इस परियोजना में वर्ष 2046 की अभिकल्पित जनसंख्या के आधार पर 250 की आबादी पर एक पीएसपी स्थापित किया जाना स्वीकृत है। स्वीकृत प्रावधान से ज्यादा पीएसपी कहीं भी नहीं लगाए गए हैं।
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