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वैक्सीनेशन की दूसरी डोज लगवाने में कोताही ना बरतें आमजन - चिकित्सा मंत्री


जयपुर, 12 मार्च। चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि 60 वर्ष से अधिक और अन्य बीमारियों से ग्रसित 45 से 60 वर्ष आयु के लोग सैकंड टीका लगवाने को कोताही नहीं बरतें। उन्होंने कहा कि दोनों टीकों के लगने के बाद ही कोरोना वायरस से लड़ने के लिए शरीर में पर्याप्त एंटीबॉडी विकसित हो सकेंगी।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि देश भर में कोरोना प्रबंधन में छाप छोड़ने के बाद राजस्थान अब वैक्सीनेशन में भी अव्वल दर्जा हासिल कर चुका है। उन्होंने बताया कि अब तक राज्य के 25 लाख से ज्यादा लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि प्रदेश की मतदाता सूची के अनुसार 86 लाख 84 हजार 420 मतदाता 60 साल से अधिक की उम्र के हैं। 11 मार्च तक इनमें से 11 लाख 57 हजार 230 लोगों ने टीकाकरण करवाकर खुद को सुरक्षित किया। उन्होंने इसके लिए सभी चिकित्सा टीम को बधाई और शुभकामनाएं दी है।

डॉ. शर्मा ने बताया कि राज्य के सभी जिलों में व्यापक स्तर पर पूरे प्रोटोकॉल के अनुसार टीकाकरण का कार्य किया जा रहा है। जहां केंद्र सरकार ने 10 फीसद वैक्सीनेशन को वेस्टेज डोज माना है, वहीं चिकित्सकों की सजगता से प्रदेश में केवल 7 प्रतिशत डोज ही वेस्ट की श्रेणी में आए हैं। उन्होंने बताया कि टीकाकरण में यूं तो सभी जिले बेहतरीन कार्य कर रहे हैं, लेकिन जयपुर जिले में सर्वाधिक 92 हजार से ज्यादा लोगों ने टीका लगवाकर पहले पायदान पर जगह बनाई है। इसी तरह अलवर में 88 हजार से ज्यादा और नागौर में 71 हजार से ज्यादा लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है।

चिकित्सा मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार से राजस्थान को पर्याप्त मात्रा में कोरोना वैक्सीन के डोजेज प्राप्त नहीं हुए हैं, ऎसे में फ्रेश वैक्सीनेशन नहीं हो सकेगा और केवल उन्हीं को सैकंड डोज मिलेगा, जो एक डोज पहले लगवा चुके हैं।

आमजन कोरोना के प्रति लापरवाही ना बरते

स्वास्थ्य मंत्री ने प्रदेशवासियों का आव्हान करते हुए कहा कि कोरोना अभी गया नहीं है, ऎसे में थोड़ी सी भी लापरवाही परिवार और समाज के लिए घातक हो सकती है। उन्होंने कहा कि कोरोना के केसेज में बढ़ोतरी के चलते महाराष्ट्र सरकार को 21 मार्च तक लॉकडाउन लगाना पड़ा है। राज्य में ऎसे हालात नहीं बने इसके लिए सभी को अपनी-अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। उन्होंने कहा कि आमजन भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में नहीं जाएं, सोशल डिस्टेसिंग अपनाएं और घर से बाहर निकलने से पहले मास्क लगाना बिल्कुल नहीं भूलें। उन्होंने कहा कि कोरोना से लड़ने के लिए वैक्सीन जरूर आ गई है लेकिन सावधानी ही सबसे बड़ी दवा है।

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