चिकित्सा एवं लोक स्वास्थ्य और सफाई की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित, यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज शुरू करने में राजस्थान पहला राज्य - चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री
- मिलेगी 5 लाख रूपये तक की वार्षिक चिकित्सा सुविधा
- कोरोना प्रबंधन में अग्रणी है राजस्थान
- पीपीपी मोड पर दिये स्वास्थ्य केन्द्रों का नहीं होगा नवीनीकरण
- आमजन को जल्द मिलेगा राइट टू हैल्थ
जयपुर, 10 मार्च। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के प्रत्येक नागरिक को स्वास्थ्य का अधिकार देने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए यूनिवर्सल हेल्थ इंश्योरेंस से हर परिवार को 5 लाख रूपये तक का कैशलेस इलाज मिलेगा। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश की आम-आवाम को निरोगी बनाने के लिए राजस्थान हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाया जा रहा है। हर जिले की एक-एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को मॉडल बनाया जायेगा। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने जिन स्वास्थ्य केंद्रों को पीपीपी मोड पर दिया था, उनका नवीनीकरण नहीं करके स्वयं राज्य सरकार चलायेंगे।
डॉ. रघु शर्मा बुधवार को विधानसभा में मांग संख्या 26 (चिकित्सा एवं लोक स्वास्थ्य और सफाई) की अनुदान मांगों पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे थे। चर्चा के बाद सदन ने चिकित्सा एवं लोक स्वास्थ्य और सफाई की 121 अरब 19 करोड़ 26 लाख 35 हजार रूपये की अनुदान मांगों को ध्वनिमत से पारित कर दी।
डॉ. शर्मा ने सदन में अनुदान मांगों पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में 44 हजार स्वास्थ्य मित्रों का चयन कर प्रशिक्षण दिया जा चुका है। अब शहरी क्षेत्रों में भी ऐसा ही किया जायेगा।
यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज शुरू करने में राजस्थान पहला राज्य
उन्होंने बताया कि संयुक्त राष्ट्र महासभा के सर्वजन के लिए स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के संकल्प को साकार करने के लिए राजस्थान ने सबसे पहले पहल की। मुख्यमंत्री ने देश में पहली बार यूनिवर्सल हैल्थ कवरेज को लागू किया है। आगामी वर्षों में 3 हजार 500 करोड़ रूपये की लागत से प्रत्येक परिवार को 5 लाख रूपये की चिकित्सा बीमा सुविधा उपलब्ध होगी। प्रदेश को चिकित्सा में अग्रणी लाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन की भावना अनुरूप वर्तमान बजट में ’राजस्थान मॉडल ऑफ पब्लिक हैल्थ’ लागू करने की घोषणा की गयी है।
मिलेगी 5 लाख रूपये तक की वार्षिक चिकित्सा सुविधा
चिकित्सा मंत्री ने बताया कि आयुष्मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना में एनएफएसए एवं एसईसीसी ( सामाजिक-आर्थिक एवं जातिगत जनगणना-2011 ) परिवारों के साथ-साथ समस्त संविदाकर्मियों, लघु एवं सीमांत कृषकों को निःशुल्क चिकित्सा सुविधा मिलेगी। वहीं, अन्य परिवारों को बीमा प्रीमियम की 50 प्रतिशत राशि पर ( अर्थात लगभग 850 रुपये वार्षिक खर्च पर ) सरकारी व निजी चिकित्सा संस्थानों में केशलेस इलाज के लिए 5 लाख रुपये तक की वार्षिक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। इस योजना में लाभार्थियों का दायरा बढ़ाकर लगभग 1 करोड़ 10 लाख परिवारों को योजना में शामिल किया गया है।
इलाज के लिए पोर्टेबिलिटी की सुविधा
उन्होंने बताया कि देश के अन्य हिस्सों में भी इलाज के लिए कवरेज का लाभ मिलेगा। इसके लिए पोर्टेबिलिटी की सुविधा देकर अन्य राज्यों के प्रधानमंत्री जनआरोग्य योजना से जुड़े अस्पतालों में प्रदेश के लाभार्थी और अन्य राज्यों के लाभार्थियों को राजस्थान में निःशुल्क उपचार मिल सकेगा। इसके लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के माध्यम से विकसित प्लेटफार्म से लागू किया जायेगा। पारदर्शिता बरतने और फ्रॉड रोकने के लिए टीपीए की व्यवस्था लागू की है। आईटी ऐनेबल्ड किया गया है। क्लेम प्रोसेसिंग को सुगम बनाने एवं फ्रॉड को रोकने के लिए भी सॉफ्टवेयर में कई प्रावधान किये गये है।
राइट टू हैल्थ का प्रारूप तैयार
मंत्री शर्मा ने बताया कि राइट टू हैल्थ केयर बिल का प्रारूप विभाग ने तैयार कर लिया है। इसे जल्द कानूनी रूप दिया जायेगा।
कोरोना प्रबंधन में अग्रणी है राजस्थान
उन्होंने कहा कि प्रदेश के कोरोना प्रबंधन को प्रधानमंत्री ने भी प्रशंसा की। प्रदेश में देश की सबसे अधिक रिकवरी रेट 98.60 प्रतिशत है। बड़े राज्यों की तुलना में सबसे कम मृत्यु का प्रतिशत 0.86 प्रतिशत ही है। प्रदेश में 9 मार्च तक 64 लाख 38 हजार 485 जांच हो चुकी है। उपचार सुविधा 429 चिकित्सा संस्थानों में उपलब्ध करवायी गयी। इसी प्रकार 42 हजार 886 आईसोलेशन बैड, 11 हजार 815 ऑक्सीजन सपोर्टेड बैड, 3 हजार 170 आईसीयू बैड एवं 2020 वेंटिलेटर्स की सुविधा उपलब्ध करायी गयी।
उन्होंने बताया कि सभी जगहों पर जिला और उप जिला चिकित्सालयों में ऑक्सीजन की उपलब्धता बढ़ाने के लिए ऑक्सीजन प्लांट शुरू कर दिये गये है। कोविड-19 से पीड़ित हुए लोगों को मेंटल काउंसलिंग की जा रही है। ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल और प्लाज्मा थैरेपी से इलाज में राजस्थान अग्रणी राज्य बना, जिसकी सराहना आई.सी.एम.आर और नीति आयोग ने भी की।
कोविड-19 की रोकथाम के लिए 555 करोड़ की स्वीकृतियां
उन्होंने बताया कि महामारी की रोकथाम एवं बचाव के लिए कुल 638 करोड़ 77 लाख रुपये की योजना अनुमत की गयी है। इसमें से 555 करोड़ 84 लाख रूपये की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृतियां जारी की जा चुकी हैं। मास्क की अनिवार्यता को कानूनी रूप में लागू करने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य बना।
167 सत्र स्थलों पर कोविड-19 वैक्सीनेशन
श्री शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा 16 जनवरी 2021 को राजस्थान के 167 सत्र स्थलों पर एक साथ कोविड वैक्सीनेशन का शुरूआत की गई। प्रदेश में 8 मार्च तक देशभर में सर्वाधिक 23 लाख 27 हजार डोज लगायी जा चुकी है।
मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना में भी प्रथम
उन्होंने बताया कि प्रदेश में 2 अक्टूबर 2011 से मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना लागू की गयी। इसमें राजस्थान लगातार देशभर में प्रथम स्थान पर है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में फरवरी 2021 तक 9 करोड 20 लाख से अधिक रोगियों निःशुल्क दवा वितरित की जा चुकी है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में 962 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया। जिसमें फरवरी 2021 तक 614 करोड़ रूपये का व्यय किया जा चुका है।
जांच योजना में 15 करोड़ 80 लाख को लाभ
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री निःशुल्क जॉच योजना में 28 फरवरी 2021 तक 35 करोड़ से अधिक जांचे कर 15 करोड़ 80 लाख मरीजों को लाभान्वित किया है। जांचों का दायरा बढ़ाते हुए राज्य में 33 मदर लैब, 117 हब लैब एवं 3002 स्पॉकस बनाये जाने है। इसके तहत जिला चिकित्सालय स्तर पर 56 से बढ़ाकर 133 प्रकार, उप जिला स्तर पर 56 से बढ़ाकर 109 प्रकार, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर 37 से बढ़ाकर 95 प्रकार एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर 15 से बढ़ाकर 61 प्रकार की जांचों की सुविधा उपलब्ध होगी।
चिकित्सा विभाग में रिक्त पदों पर की भर्ती
डॉ. रघु शर्मा ने बताया कि चिकित्सा सुविधाओं की बेहतरी के लिए वर्तमान सरकार ने लगभग 25 हजार पदों पर भर्ती का काम लगभग पूर्ण कर लिया है और लगभग 20 हजार पदों पर भर्ती प्रक्रियाधीन है। वर्ष 2020 में 2 हजार 728 चिकित्साधिकारियों को नियुक्ति प्रदान कर नया रिकॉर्ड बनाया गया है। वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान तात्कालिक आवश्यकताओं के मद्देनजर यूटीबी के तहत 318 चिकित्सकों और 520 चिकित्साकर्मियों को भी नियुक्ति दी गयी है।
उन्होंने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी के 7 हजार 810 पदों पर चयन प्रक्रिया शीघ्र पूर्ण कर ली जाएगी। इसी तरह फार्मासिस्ट का अलग से कैडर बना दिया गया है।
डॉ. शर्मा ने बताया कि चिकित्सा शिक्षा विभाग में भी भर्तियों की राह खोली गई है। राजमेस में सहायक आचार्य, सह आचार्य और आचार्य के 141 रिक्त पदों पर भर्ती की गयी है। राजकीय मेडिकल कॉलेजों में वरिष्ठ प्रदर्शक के 93 और सहायक आचार्य के 176 पदों की भर्ती भी शीघ्र पूरी कर ली जाएगी। राजमेस में यूटीबी आधार पर कुल 85 चिकित्सक शिक्षकों को नियोजित किया गया है।
प्रत्येक जिला मुख्यालय पर मेडिकल कॉलेज
चिकित्सा मंत्री बताया कि देश में राजस्थान पहला ऐसा राज्य है प्रत्येक जिला मुख्यालय पर मेडिकल कॉलेज स्थापित किये जा रहे हैं। इस वर्ष के बजट में शेष 25 जिला मुख्यालयों पर भी चरणबद्ध रूप से नर्सिंग महाविद्यालय खोलने की घोषणा की गयी है। उन्होंने बताया कि वर्तमान सरकार ने 15 नये मेडिकल कॉलेजों की स्वीकृति प्रदान की है और इन सभी को शीघ्र शुरू कर दिया जाएगा।
मेडिकल सीटों में की वृद्धि
उन्होंने बताया कि राजकीय मेडिकल कालेजों में 1200 से अधिक सीटों की बढ़ोतरी करने का लक्ष्य रखा गया है। इससे राजकीय क्षेत्र में उपलब्ध सुपरस्पेशलिटी, पीजी और पीजी डिप्लोमा सीटें लगभग 2,444 हो जायेंगी। इनमें 400 पोस्ट एमबीबीएस डिप्लोमा की भी शामिल हैं। 2 वर्षीय एमबीबीएस डिप्लोमा कोर्स के लिए 29 जिला अस्पतालों का राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड द्वारा निरीक्षण किया जा चुका है। अनुमोदन प्राप्त होने के पश्चात आगामी नीट पीजी परीक्षा द्वारा इन सीटों को आंवटित किया जा सकेगा।
डॉ. शर्मा ने बताया कि पिछले 2 वर्ष में राजकीय मेडिकल कालेजों में एमबीबीएस कोर्स में 880 सीटों की वृद्धि की गई। वर्तमान में राजकीय क्षेत्र में राज्य में कुल 2830 एमबीबीएस सीटें हो चुकी है।
राजकीय अस्पतालों में बढ़ाई शैय्याएं
डॉ. शर्मा ने बताया कि चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधीन मेडिकल कॉलेजो में कुल शैय्याओं की संख्या 22 हजार 382 है। गत 2 वर्ष में 2 हजार 797 शैय्याओं की वृद्धि की गई है। कुल ऑपरेशन थियेटरों की संख्या 265 है और गत 2 वर्ष में इनमें 44 ओटी की वृद्धि की गई है।
सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक्स का निर्माण
उन्होंने बताया कि राज्य में 150 करोड़ की लागत से कोटा, बीकानेर और उदयपुर में सुपरस्पेशयलिटी ब्लॉक का निर्माण पूर्ण हो चुका है। जयपुर में 200 करोड रूपये की लागत से बन रहे सुपरस्पेशलिटी ब्लॉक का 90 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। एसएमएस मेडिकल कॉलेज में संक्रामक रोग चिकित्सालय में 22 बैड की आईसीयू बनाई गई है। करीब 7 करोड़ 43 लाख रुपये की लागत की इस आईसीयू का निर्माण कोविडकाल में मात्र 38 दिन में किया गया।
अंग प्रत्यारोपण में उत्तर भारत में अग्रणी बना राजस्थान
चिकित्सा मंत्री ने बताया कि राजस्थान अंग प्रत्यारोपण के मामलों में पूरे उत्तर भारत में अग्रणी राज्य बन गया है। एसएमएस मेडिकल कॉलेज, जयपुर में मानव अंग एवं उत्तक प्रत्यारोपण ऑर्गनाइजेशन एवं कॉर्डियो थोरासिक हृदय प्रत्यारोपण ओटी और गहन चिकित्सा इकाई का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है।
- एसएमएस हॉस्पिटल में 16 जनवरी 2020 को किया गया हृदय प्रत्यारोपण सम्पूर्ण उत्तरी भारत में किसी सरकारी अस्पताल में किया गया पहला केडेवर हार्ट ट्रांसप्लांट था। एसएमएस में ही स्किन व टिश्यू बैंक स्थापित किया गया है।
- प्रदेश में अब तक 42 कैडेवेर डोनेशन से 77 किडनी, 37 लीवर, 22 हार्ट, 4 लंग्स, 1 पेनक्रियाज और 2 हार्ट वाल्व ट्रांसप्लांट किये जा चुके हैं।
- जयपुर में स्टेट कैंसर इंस्टिट्यूट, प्रतापनगर को क्रियाशील कर दिया गया है। इसमें 70 बेड आईपीडी एवं 8 बेड आईसीयू की सुविधा है।
सभी अस्पतालों में बढ़ाई जा रही सुविधाएं
चिकित्सा मंत्री ने बताया कि जेकेलोन अस्पताल, जयपुर में 30 जनवरी 2020 से श्वसन रोगी बच्चों के लिए ब्रोन्कोस्कोपी की शुरूआत कर दी गयी है। यहां रजिस्ट्रेशन, वेटिंग हॉल और ब्लड बैंक की स्थापना की गयी है। दानदाता द्वारा सीटी स्केन भी लगायी जा रही है।
उन्होंने कहा कि जेएलएन, अजमेर में 4 करोड़ 42 लाख रूपये की लागत से 4 ऑपरेशन थियेटरों का नवीनीकरण कर अत्याधुनिक मॉड्यूलर ओटी, 2 करोड़ 61 लाख रूपयों की लागत से आपातकालीन ईकाई एवं दानदाता के सहयोग से कैंसर रोगियों के उपचार हेतु 2 करोड़ 40 लाख रू. की लागत से ब्रेंकीथैरेपी मशीन की स्थापना की जा चुकी है। इसी तरह मथुरादास माथुर चिकित्सालय, जोधपुर में नवीन कैथ लैब, 4 ऑपरेशन थियेटर, 10 बेड आईसोलेशन वार्ड एवं 17 बेड आईसीयू का निर्माण कार्य पूर्ण किया गया।
उन्होंने बताया कि जेकेलोन कोटा में भी राज्य की प्रथम मोड्यूलर 40 बैड की एनआईसीयू बनकर तैयार हो गयी है। इसके संचालन हेतु 40 वार्मर, 25 सीपेप मशीन, 24 फोटोथैरेपी मशीन, 80 इन्फूजन पम्प, 10 वेन्टीलेटर, 15 मॉनिटर एवं अन्य मशीने उपलब्ध कराई गयी है। इसका तथा मेडिकल कॉलेज के नवनिर्मित स्कूल ऑफ नर्सिंग भवन का शीघ्र ही लोकापर्ण किया जायेगा। कोटा में बच्चों के 156 बैड के नये अस्पताल भवन के निर्माण का कार्य प्रगति पर है, जिसे आगामी वर्ष में पूर्ण कर प्रारम्भ कर दिया जायेगा।
स्वास्थ्य विभाग में सफाई कर्मचारी की भर्ती
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