श्री नीरज डांगी, राज्यसभा सांसद ने ईस्टर्न राजस्थान केनाल परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की केन्द्र सरकार से की अपील
जयपुर, 19 मार्च। राज्यसभा सांसद श्री नीरज डांगी ने शुक्रवार को राज्य सभा में विशेष उल्लेख के जरिए ईस्टर्न राजस्थान केनाल परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की पूरजोर वकालत करते हुए कहा कि देश के सबसे बड़े राज्य राजस्थान जिसका क्षेत्रफल पूरे देश का लगभग 10 प्रतिशत है। परन्तु राज्य में भूजल की उपलब्धता 1-72 प्रतिशत एवं सतह जल की उपलब्धता मात्र 1-16 प्रतिशत ही है।
राज्यसभा सांसद श्री नीरज डांगी ने संसद में इस प्रकरण पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए बताया कि प्रदेश में पानी की गंभीर समस्या के चलते राजस्थान सरकार द्वारा ईस्टर्न राजस्थान केनाल परियोजना तैयार कर वर्ष 2017 सें इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की केन्द्र सरकार से गुहार लगाई जा रही है। लगभग 40 हजार करोड़ रुपये की इस परियोजना से मानसून के दौरान नदियों के अधिशेष जल का संरक्षण कर पूर्वी राजस्थान के 13 प्रादेशिक सीमान्त जिलों यथा झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, अजमेर, टोंक, जयपुर, दौसा, करौली, अलवर, भरतपुर एवं धौलपुर में वर्ष 2051तक पर्याप्त जल तथा 2.8 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी।
श्री डांगी ने कहा कि केन्द्र सरकार ने पूर्व में 16 विभिन्न बहुउद्देशीय सिंचाई परियोजनाओं को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिया है। परन्तु सबसे बड़ी और अतिआवश्यक होने के बावजूद भी राजस्थान की इस बहुउद्देशीय सिंचाई परियोजना को अभी तक राष्ट्रीय परियोजना घोषित नहीं किया गया है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री से गत माह आयोजित हुई नीति आयोग की बैठक में भी इस संबंध में प्रमुखता से चर्चा की थी। उन्होंने प्रधानमंत्री से उनके अजमेर दौरे के दौरान आयोजित जनसभा में इस महत्वाकांक्षी परियोजना को पूरा करवाने के संबंध में किए गए वायदे का निभाने का आग्रह किया है।
श्री डांगी ने केन्द्र सरकार से अपील करते हुए कहा कि प्रदेश की सिंचाई जल की आवश्यकता को मद्देनजर रखते हुए इस परियोजना को अविलम्ब राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया जाये। उन्होंने कहा कि इस परियोजना से प्रदेश के लगभग 3 लाख हैक्टेयर भू-भाग को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होने के साथ ही न केवल कृषि उत्पादन में अभूतपूर्व बढ़ोतरी होगी वरन् स्थानीय स्तर पर ग्रामीण रोजगार भी उपलब्ध होने से देश के इस दस्यु प्रभावित क्षेत्र में अपराधीं पर भी लगाम कसी जा सकेगी।
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