आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम : गुलामी से आजादी दिलाने वाले जननायक महात्मा गाधी युगों-युगों तक किये जाएंगे याद - कला एवं संस्कृति मंत्री
जयपुर,12 मार्च। कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ.बी.डी कल्ला ने कहा कि देश का स्वर्णिम इतिहास आज की युवा पीढ़ी को प्रेरणा देता है और देश को अंग्रेजों , राजा- महाराजाओं और जागीरदारों की तिहरी गुलामी से आजादी दिलाने वाले जननायक महात्मा गांधी युगाें-युगों तक याद किये जाएंगे।
डॉ. कल्ला शुक्रवार को आजादी के अमृत महोत्सव के तहत कला एवं संस्कृति विभाग और जवाहर कला केन्द्र के सयुंक्त तत्वाधान में आयोजित कला शिविर के उद्घाटन में मुख्य अतिथि के रुप मे बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव मे दांडी मार्च की 91 वीं वर्षगांठ पर मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने सभी के साथ स्वंय पैदल मार्च किया और उस स्वर्णिम क्षण को पुनः साकार किया।
चरखा प्रदर्शनी का किया अवलोकन और काता सूत
कार्यक्रम की शुरुआत में श्री कल्ला ने सुर्दशन गैलरी में खादी चरखा प्रदर्शनी का अवलोकन किया और सूत कातती महिलाओं से बातचीत भी की और इस अवसर पर गांधी जी को याद करते हुए उन्होंने स्वयं भी सूत काता। उन्होंने प्रदर्शनी में 1857 की क्रांति से लेकर 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता प्राप्ति तक की महत्वपूर्ण घटनाओं से सम्बंधित चित्र प्रदर्शनी का अवलोकन किया और युवा पीढ़ी से आह्वान किया कि देश की आजादी की रक्षा के लिए हम सब एक हैं, हमें कोई विभाजित नही कर सकता और हम जहां भी हैं वहीं से देश की एकता, अखण्डता में योगदान करें और धर्म, भाषा, जाति के नाम पर देश को बांटने वाली ताकतों का मुंह तोड़ जवाब दें। उन्होंने कहा कि युवाओं को आत्मावलोकन करने की जरूरत है। आजादी को अक्षुण्ण में रखने के लिए आगे आये।
कला एवं संस्कृति मंत्री ने जवाहर कला केन्द्र के ग्राफिक स्टूडियो में कला शिविर का उद्घाटन किया। कला शिविर की थीम स्वतंत्रता@75, आजादी 2.0 और दांडी मार्च रखी गई है। कला शिविर के उद्घाटन में श्री कल्ला ने स्वयं कैनवास पर अपने हाथ आजमाए और पर्यावरण की सुरक्षा और अच्छे स्वास्थ्य का संदेश देते हुए साईकल का चित्र बनाया। श्री कल्ला ने चित्रकारों की हौंसला अफजाई करते हुए गांधी जी के बुरा मत देखा, बुरा मत सुनो, बुरा मत बोलो संदेश का चित्रांकन करने को कहा।
डॉ. कल्ला ने कहा कि राजस्थान में अनेक स्वतंत्रता सैनानी हुए हैं जिन्होंने अपने राष्ट्र के लिये खून बहाया और मरते दम तक आजादी के लिए मुस्कुराते हुये संघर्ष करते रहे। उन्होंने कहा कि राष्ट्र के युवाओं और बुजुर्गो ने भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ी। एक ही परिवार की कई पीढ़ियां जेल में रहीं। आज भी स्वतंत्रता आंदोलन की ये घटनाएं हमें प्रेरणा देती है।
कला एवं संस्कृति विभाग की सचिव श्रीमती मुग्धा सिन्हा ने आजादी के अमृत महोत्सव के कार्यक्रम की रूपरेखा बताते हुए कहा कि युवा पीढ़ी को जागृत करने और स्वतंत्रता आंदोलन के गौरवमयी इतिहास की जानकारी देने में इस महोत्सव की महत्वपूर्ण भूमिका है।
इस अवसर पर जवाहर कला केन्द्र के रंगायन सभागार में आयोजित कार्यक्रम में राजस्थान के विभिन्न स्वतंत्रता सैनानियों ने वीडियो के माध्यम से स्वतंत्रता आंदोलन के अपने अनुभव साझा किऎ। इस अवसर पर ’भारत के स्वतंत्रता संग्राम में राजस्थान के योगदान’ पर डॉ. अभिमन्यु सिंह ने पावर पॉइन्ट की प्रस्तुति दी। इसके बाद ’राजस्थान के साइंस म्यूजियम’ और ’कलाधारा’ पर वृत चित्र की स्क्रीनिंग हुई। कार्यक्रम का समापन ध्रुपद गायिका डॉ. मधु भट्ट तैलंग द्वारा प्रस्तुत देशभक्ति संगीत कार्यक्रम के साथ हुआ।
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