रवीन्द्र मंच पर ‘वीक एंड थियेटर‘ एवं आर्ट गैलरी में कलाकारों की पेंटिंग्स प्रदर्शनी का आगाज, संगत और संस्कार से निखरती है नैसर्गिक प्रतिभा - कला, साहित्य एवं संस्कृति मंत्री
जयपुर, 19 मार्च। कला और साहित्य के प्रति नैसर्गिक रूझान सभी व्यक्तियों की प्रकृति में होता है। हर व्यक्ति आशु कवि, आशु वैज्ञानिक और आशु कलाकार होता है। मगर उसकी प्रतिभा को निखारने में संगत और संस्कारों की अहम भूमिका होती है। संस्कार और माहौल ही व्यक्ति के कला और साहित्य के क्षेत्र में स्थापित होने में मददगार साबित होते हैं।
ये बात कला, साहित्य एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने शुक्रवार को जयपुर में रवीन्द्र मंच पर चार दिवसीय ‘रवीन्द्र कला उत्सव‘ तथा आर्ट गैलरी में पांच कलाकारों की पेंटिग्स पर आधारित एग्जीबिशन के शुभारम्भ अवसर पर कहीं। उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण लोग पिछले साल घरों में दुबके रहे। इस दौरान कलाकारों को घर बैठे प्रोत्साहित करने के लिए कला एवं संस्कृति विभाग ने ‘मुख्यमंत्री लोक कलाकार प्रोत्साहन योजना‘ के माध्यम से अवसर प्रदान किए। इसमें कलाकारों द्वारा भेजे गए वीडियोज को चयनित कर उनको सोशन मीडिया पर प्रदर्शित किया गया तथा उन्हें प्रोत्साहन राशि भी दी गई।
डॉ. कल्ला ने रवीन्द्र मंच पर कोरोना की गाइडलाइन की पालना करते हुए गतिविधियों को आरम्भ करने के लिए रवीन्द्र मंच सोसाईटी की टीम की सराहना की। साथ ही रवीन्द्र मंच की बदली सूरत में कला एवं नाट्य जगत से जुड़े लोगों का आह्वान किया कि वे हर पहले एवं तीसरे शनिवार को आयोजित होने वाले ‘वीक एंड थियेटर‘ तथा आर्ट गैलरी के माध्यम से अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने के लिए आगे आए। डॉ. कल्ला ने एक्टर थियेटर संस्था की नाट्य प्रस्तुति ‘अग्निपथ‘ भी देखी। रवीन्द्र मंच सोसाईटी की प्रबंधन शिप्रा शर्मा ने रवीन्द्र कला उत्सव की रूपरेखा पर प्रकाश डालते हुए सभी का स्वागत किया।
इससे पहले कला, साहित्य एवं संस्कृति मंत्री ने आर्ट गैलरीज में सीनियर आर्टिस्ट्स डॉ. कृष्णा महावर, श्वेत गोयल, शीतल चितलांगिया, श्रीकांत रंगा एवं अजय मिश्रा की पेंटिग्य प्रदर्शनी का शुभारम्भ किया। डॉ. कल्ला ने बारी-बारी से सभी कलाकारों की गैलरीज में लगाई गई पेंटिंग्स को देखा। उन्होंने सभी कलाकारों से पेंटिंग्स तथा उनके कला पक्ष पर संवाद किया और उनको इस प्रयास के लिए बधाई दी। ललित कला अकादमी के सचिव डॉ. रजनीश हर्ष ने बताया कि इसमें जलरंग, तेलरंग और टेम्परा पद्धति से बनाई गई पेंटिंग्स को प्रदर्शित किया गया है। प्रदर्शनी अधिकारी श्री विनय शर्मा ने बताया कि इन आर्टिस्ट्स द्वारा ऑयल, एक्रेलिक एवं वाटर कलर के माध्यम से अपनी पेंटिग्य तैयार की गई है।
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