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राज्य स्तरीय सतत् विकास एवं लक्ष्य कार्यान्वयन एवं परीवीक्षण समिति की बैठक : राज्य का विज़न डॉक्यूमेंट शीघ्र तैयार करें - मुख्य सचिव


जयपुर, 5 मार्च। मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य ने राज्य में सतत् विकास लक्ष्यों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए वर्ष 2030 तक एस.डी.जी. के अन्तर्गत किए जाने वाले कार्यों का रोड़मैप व राज्य का विज़न डॉक्यूमेंट शीघ्र तैयार करने के लिए गठित आठ सेक्टोरल वर्किंग गु्रप्स को अपने प्रतिवेदनों को 30 जून, 2021 से पूर्व प्रस्तुत करने के निर्देश दिये है।

श्री आर्य शुक्रवार को यहां शासन सचिवालय में राज्य स्तरीय सतत् विकास लक्ष्य समिति की वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने वैश्विक विकास के एजेण्डे को राज्य में ’’कोइ भी पीछे न रहें’’ के मूल भाव में लागू करने के लिए उपस्थित अधिकारियों को आवश्यक दिशा- निर्देश प्रदान किए। मुख्य सचिव ने इसके लिए जिला स्तरीय समिति की बैठकों का नियमित रूप से आयोजन कर डिस्टि्रक्ट इंडिकेटर फ्रेमवर्क तैयार करने की आवश्यकता पर बल दिया तथा विभागों को भी सक्रिय भूमिका निभाने के लिए निर्देश दिए।

इस अवसर पर आयोजना एवं साख्यिकी विभाग के शासन सचिव श्री नवीन जैन ने राज्य में सतत् विकास लक्ष्यों के क्रियान्वयन से संबंधित गतिविधियों पर प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने सतत् विकास लक्ष्यों को अर्जित करने की दिशा में सेन्टर फॉर एस.डी.जी., आर्थिक एवं साख्यिकी विभाग द्वारा किये गये प्रयासों से भी अवगत कराया। उन्होंने बताया कि समिति द्वारा सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा निर्धारित नेशनल इन्डीकेटर फ्रेमवर्क के संबंध में राज्य की उद्यतन स्थिति एवं राज्य में एस.डी.जी, क्रियान्वयन की प्रगति को मापने के लिये अभिनव प्रयास के तहत तैयार किये गये स्टेट इन्डीकेटर फ्रेमवर्क का भी अनुमोदन किया गया है। उन्होंने बताया कि इस फ्रेमवर्क में राज्य की सामाजिक, आर्थिक एवं पर्यावरणीय स्थिति एवं राज्य की आवश्यकता विशेष को दृष्टिगत रखते हुए 330 संकेतकों को शामिल किया गया है, जिसमें 31 विशिष्ट राज्य संकेतक भी समावेशित हैं।

इस मौके पर राज्य के द्वितीय एस.डी.जी. इन्डेक्स ‘‘ राजस्थान एस.डी.जी. इन्डेक्स 2021‘‘ का अनुमोदन किया गया। यह इन्डेक्स 17 सतत् विकास लक्ष्यों में से 14 लक्ष्यों से संबंधित 55 इन्डीकेटर्स के आधार पर तैयार किया गया है। इन्डेक्स के अनुसार कोटा प्रथम, चूरू द्वितीय, तथा झुन्झुनूं तृतीय स्थान पर रहा, जबकि जैसलमेर जिला अन्तिम स्थान पर रहा।

बैठक में, वन एवं प्रर्यावरण विभाग के प्रमुख शासन सचिव, स्कूल शिक्षा, शासन सचिव, महिला एवं बाल विकास, आयुक्त, कृषि, संयुक्त शासन सचिव, आयोजना डॉ. भारती दीक्षित, यूनिसेफ की राज्य प्रमुख ईसाबेल बार्डम तथा निदेशक एवं संयुक्त शासन सचिव, आर्थिक एवं सांख्यिकी, डॉ. ओम प्रकाश बैरवा ने भाग लिया।

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